इसे अर्ली बियेवियरल इंटरवेंशन कहते हैं, जो 5 साल से कम के बच्चों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें बच्चों को छोटे-छोटे इंस्ट्रक्शन दिए जाते हैं। बच्चों में ऑटिज्म का इलाज (Treatment for Autism) करने के लिए अर्ली बियेवियरल इंटरवेंशन किया जाता है।
3- ऑटिज्म का इलाज: पाइटल रिस्पॉन्स ट्रेनिंग (PRT) Pivotal response training
इसे पाइटल रिस्पॉन्स ट्रेनिंग कहते हैं। इस तकनीक में रोगी को रोज एक तरह की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें उसे अपने व्यवहार को कंट्रोल करने, नई चीजें सीखने के लिए और दूसरे लोगों से घुल-मिलने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जाता है। इस तरह से ऑटिज्म का इलाज (Treatment for Autism) किया जाता है।
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4- डिस्क्रीट ट्राइल ट्रेनिंग (DTT) Discrete trial training
डिस्क्रीट ट्राइल ट्रेनिंग के अंतर्गत ऑटिज्म का इलाज (Treatment for Autism) करने के लिए एक टीचर रोगी को एक के बाद एक लेसन देता है। इसके बाद रोगी से इसके जवाब और सही व्यवहार के बारे में पूछा जाता है। सही जवाब देने और उचित व्यवहार करने पर उसे गिफ्ट देकर प्रोत्साहित किया जाता है।
5- संज्ञानात्मक व्यवहार चिकित्सा (Cognitive behavior therapy)
कॉग्निटिव बिहेवियर थेरिपी में सोच, भावनाओं और व्यवहार के बीच संबंध के आधार पर ऑटिज्म रोगी की मदद की जाती है। इसके मदद से रोगी को चिंता, भावनात्मक समस्याएं और दूसरी सामाजिक परेशानियों से निपटने में मदद मिलते है। इस चिकित्सा में डॉक्टर, ऑटिज्म रोगी और उसके परिवार के लोग साथ मिलकर बीमारी से लड़ने की दिशा में काम करते हैं। कॉग्निटिव बिहेवियर थेरिपी ऑटिज्म का इलाज (Treatment for Autism) करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मुख्य थेरिपी है।
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6-शिक्षात्मक चिकित्सा (Educational therapy)