backup og meta

मां का दूध बच्चे के साथ मां के लिए भी है फायदेमंद


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/08/2021

    मां का दूध बच्चे के साथ मां के लिए भी है फायदेमंद

    मां प्रकृति की एक ऐसी रचना है जो नए जीवन का सृजन कर सकती है। मां गर्भ में बच्चे को पालने से लेकर उसे बड़ा करने तक हर पल साथ निभाती है। स्तनपान (Breastfeeding) मां और बच्चे के बीच में भावनात्मक संबंध जोड़ने वाला एक माध्यम है। इसके साथ ही स्तनपान कराने से मां का दूध (Mother’s milk) ही मां के स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि स्तनपान का फायदा तो बच्चे को होता है। फिर मां स्वस्थ कैसे रहती है? इसका जवाब हैलो स्वास्थ्य को वाराणसी के सरसुंदर लाल हॉस्पिटल की प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. शालिनी टंडन ने बताया

    क्यों जरूरी है मां का दूध (Why Breastfeeding is important?)

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक शिशु को लगभग छह माह तक स्तनपान कराना बहुत जरूरी है। डॉ. शालिनी टंडन ने हैलो स्वास्थ्य को बताया कि मां के दूध में ऐसे एंटीबॉडीज होते हैं जो बच्चे के अंदर इम्यून सिस्टम (Immune system) का विकास करते हैं। इसलिए डिलिवरी के तुरंत बाद पहला पीला गाढ़ा मां का दूध बच्चे को पिलाया जाता है। जिससे गर्भाशय से निकलने के बाद बच्चे को बाहरी वातावरण के साथ तालमेल बिठाने की शक्ति मिलती है।

    स्तनपान कराने के फायदे (Benefits of breastfeeding) 

    मां का दूध (Breastfeeding) है ‘लिक्विड गोल्ड’

    मां का दूध (Mother’s milk) बहुत ही अनमोल है और स्तनपान कराने का एहसास उससे भी ज्यादा बेहतरीन होता है। विशेषज्ञ मां के दूध को ‘लिक्विड गोल्ड’ कहते हैं। पहला पीला गाढ़ा मां का दूध बच्चे के लिए अमृत है जो बच्चे को कई रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। डिलिवरी के तुरंत बाद स्तनपान कराने से बच्चे को कई तरह के संक्रमण (Infection) से बचाया जा सकता है। मां का दूध पीने से बच्चा आगे चलकर मोटापा और दूसरी बीमारियों के खतरे को कम करता है। इसके अलावा यह बच्चे के साथ-साथ मां के लिए बी फायदेमंद होता है। बच्चे को दूध पीलाने से मां को स्तन और अंडाशय के कैंसर का खतरा कम होता है।

    स्तनपान से मां और बच्चे में बनता है भावनात्मक रिश्ता

    स्तनपान कराने से मां और बच्चे के बीच भावनात्मक रिश्ता बनता है। मां जब बच्चे को स्तनपान कराती है तो उसके शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन (Oxytocin hormone) स्रावित होने लगता है। इस हॉर्मोन को ‘लव हॉर्मोन’ भी कहते है। जो मां और बच्चे के बीच भावनात्मक रिश्ता बनाता है।

    मां का दूध (Mother’s milk) बच्चे और मां के जीवन को बनाता है आसान

    शुरू में मां को स्तनपान कराने में काफी दिक्कत होती है। लेकिन, जब मां और बच्चे की दिनचर्या में स्तनपान शामिल हो जाता है तो जिंदगी आसान हो जाती है। मां को स्तनपान कराने की जब आदत हो जाती है तो वह खुद स्तनपान (Breastfeeding) कराए बिना भी नहीं रह पाती है। फॉर्मूला मिल्क (Formula milk) देने की तुलना में स्तनपान कराना काफी आसान होता है।

    और पढ़ें: प्रसव के बाद देखभाल : इन बातों का हर मां को रखना चाहिए ध्यान

    स्तनपान कराने से मां को नहीं होती हैं कई घातक बीमारियां

    स्तनपान कराने से मां कई तरह की घातक बीमारियों से बच जाती है। स्तनपान कराने से मां को टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes), ब्रेस्ट कैंसर (Breast cancer), ओवरियन कैंसर (Ovarian cancer) जैसी घातक बीमारियां होने का खतरा 25 फीसदी कम हो जाता है। स्तनपान कराने से ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) होने का खतरा भी कम होता है। ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियों के अंदर छेद हो जाते हैं और फ्रैक्चर होने का खतरा रहता है।

    स्तनपान कराने से मिलती है आंतरिक शांति

    मां का दूध (Mother’s milk) मां के मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखता है। स्तनपान कराने के बाद मां मानसिक तौर पर खुद को शांत पाती है। जिससे वह अपना और शिशु का ध्यान अच्छे से रख पाती है। इसके अलावा, स्तनों में होने वाले दर्द से भी निजात मिलता है।

    और पढ़ें: स्तनपान में सुधार के लिए सेवन करें सिर्फ 3 हर्बल प्रोडक्ट

    स्तनपान से अनचाही प्रेग्नेंसी पर रोक

    स्तनपान कराने से मां अपने दो बच्चे में अंतर आसानी से रख सकती है। स्तनपान के दौरान मां के शरीर में प्रोलैक्टिन हॉर्मोन (Prolactin hormone) का स्रावण होता है। जो ल्यूटिनाइजिंग हॉर्मोन (LG), फॉलिकल स्टिम्यूलेटिंग हॉर्मोन (FHS), एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हॉर्मोन को नहीं बन पाते हैं। ये सभी हॉर्मोन गर्भधारण की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होते हैं। प्रोलैक्टिन हॉर्मोन गर्भधारण की प्रक्रिया को रोकता है और दो बच्चों के बीच अंतर बनाने में सहायक होता है।

    ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कैसे कम करता है मां का दूध (Mother’s milk)?

    मां का दूध (Mother’s milk) ऐसे एंटीबॉडिज से बना होता है जो बच्चे के इम्यून सिस्टम का विकास करते हैं। इसलिए डिलिवरी के तुरंत बाद पहला पीला गाढ़ा मां का दूध (Mother’s milk) बच्चे को पिलाया जाता है। 

    कम से कम 6 महीने तक कराएं स्तनपान

    अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक बच्चे को कम से कम छह महीने की उम्र तक मां का दूध (Mother’s milk) ही पिलाना चाहिए। क्योंकि बच्चा छह माह तक कुछ भी खा-पी नहीं सकता है। इसलिए बच्चे को सारे पोषक तत्व मां के दूध से ही मिलते हैं। साथ ही स्तनपान के दौरान मां के शरीर में स्रावित होने वाले हार्मोन उसमें ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम कम करता है। वहीं, अगर मां छह महीने से ज्यादा समय तक स्तनपान कराती हैं तो उसे ओवेरियन कैंसर का भी खतरा लगभग 4 फीसदी तक कम हो जाता है। 

    और पढ़ें: ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मॉम्स में पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर सकते हैं ये प्रोटीन बार्स!

    मां ही नहीं बच्चे को भी कैंसर से बचाता है स्तनपान

    स्तनपान कराने से मां ही नहीं बल्कि, बच्चा भी कैंसर से बच सकता है। मां के दूध में पाए जाने वाले एंटीबॉडीज बच्चे में कैंसर के जोखिम को कम करते हैं। इसके अलावा, अन्य कई रोगों से बचाने में भी मददगार साबित होते हैं। साथ ही मां का दूध (Mother’s milk) बच्चे में मोटापे के जोखिम को भी कम करता है।

    स्तनपान कराने से मां को नहीं होती हैं अन्य घातक बीमारियां

    स्तनपान कराने से महिला ब्रेस्ट कैंसर के अलावा कई तरह की घातक बीमारियों से बच जाती है। स्तनपान कराने से मां को टाइप-2 डायबिटीज, ओवरियन कैंसर जैसी घातक बीमारियां होने का खतरा 25 फीसदी कम हो जाता है। स्तनपान कराने से ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) होने का खतरा भी कम होता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियों के अंदर छेद हो जाते हैं और फ्रैक्चर होने का खतरा रहता है।

    और पढ़ें : स्तनपान करवाते समय न करें यह गलतियां

    ये सभी फायदे न सिर्फ बच्चे को बल्कि मां को भी स्वस्थ्य रखते हैं। मां द्वारा बच्चे को लगभग एक से दो साल तक मां का दूध (Mother’s milk) ही पिलाना चाहिए। छह माह के बाद बच्चे को ऊपरी आहार (Diet) (दाल का पानी, चावल का पानी, फलों का जूस आदि) देना चाहिए। इसके साथ ही मां को भी अपने आहार पर ध्यान रखना चाहिए। जिससे बच्चे को पोषक तत्व मिलता रहे। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। यदि आप इससे जुडी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।


    Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 20/08/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement