के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
टैंजरीन एक साइट्रस फल है, जो देखने में संतरे जैसा होता है। टैंजरीन को आम भाषा में कीनू भी कहते हैं। यह एशिया के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में पाया जाता है। इसके छीलके उतार कर इसे खाया जाता है। इसका जूस भी बनाया जाता है। लोग इसके छिलके को अस्थमा, खट्टी डकार, धमनियों में रक्त जमना, कैंसर से बचाव, कीमो थेरेपी के साइड इफेक्ट, रेक्टल कैंसर, आंतों की बीमारियों, लीवर संबंधी रोग और फेफड़ों के कैंसर में खाते हैं।
टैंजरीन पर बहुत ज्यादा अध्ययन नहीं हुआ है कि यह काम कैसे करता है। इसलिए इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से एक बार बात कर लें। हालांकि ज्यादातर लोग इसे कैंसर से बचाव के लिए इस्तेमाल करते हैं। कुछ रिसर्च में पाया गया है कि इस फल का छिलका कैंसर की कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने के काम आता है। इसके अलावा कैंसर कोशिकाओं के खात्मे में भी मदद करता है।
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टैंजरीन को लेकर अभी पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं। लेकिन इसका उपयोग कई रोगों के लिए और उनसे बचाव के लिए किया जाता है।
अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से परामर्श करें, अगर-
कीनू का सेवन करना पूरी तरह सुरक्षित है। अभी तक इससे संबंधित कोई भी परेशानी सामने नहीं आई है।
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अमूमन अभी तक कीनू का कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है। अगर आपको कीनू खाने से किसी भी तरह की कोई समस्या होती है तो आप अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से मिलें।
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टैंजरिन का किसी भी दवाई के साथ अभी तक कोई प्रभाव नहीं देखा गया है। लेकिन, आपको अगर कोई भी समस्या होती है तो आप अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से जरूर मिलें।
यूं तो कीनू के खुराक की मात्रा की कोई मेडिकल पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन, विशेषज्ञों के मुताबिक कीनू का सेवन उम्र के हिसाब से करना चाहिए। आप अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट के परामर्श पर भी इसका सेवन कर सकते हैं।
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Dr. Shruthi Shridhar