के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
विटामिन-ओ को हम एक एक सच्चा विटामिन नहीं कह सकते हैं, बल्कि यह एक अच्छा स्वास्थ्य पूरक होता है जो बड़े पैमाने पर खारे पानी से बना होता है और खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। विटामिन ओ के निर्माण और उपयोग को लेकर अभी भी कई मत हैं। यूएस फेडरल ट्रेड कमिशन (FTC) ने विटामिन ओ के निर्माता पर इसे कैंसर के उपचार और दिल की बीमारी का इलाज करने के लिए धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। बता दें कि, इसका निर्माण करने वाले व्यक्ति ने कई विज्ञापनों में इसका दावा किया था कि यह विटामिन ऑक्सीजन के साथ रक्तप्रवाह को समृद्ध करता है और कैंसर, हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारी जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज और रोकथाम कर सकता है।
जिसे लेकर बाद में इस विटामिन के निर्मात को 3,75,000 डॉलर का भुगतान करना पड़ा था। 2 मई, 2000 को इस विटामिन के निर्माता द्वारा किए गए सभी दावों को झूठा करार दिया गया। जिसके बाद उन्हें इस राशि का भुगतान अदा करना पड़ा था। हालांकि, विटामिन के स्वास्थ्य लाभ से अभी भी इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन, इस दिशा में अभी भी उचित अध्ययन करने की आवश्यकता है।
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विटामिन-ओ (Vitamin O) का नाम भले ही विटामिन की लिस्ट में शामिल किया जाता है लेकिन, यह पूरी तरह से विटामिन नहीं है। विटामिन-ओ (Vitamin O) एक अच्छा स्वास्थ्य पूरक है जो बड़े पैमाने पर खारे पानी से बना है, हालांकि, इसमें जर्मेनियम जैसे तत्व भी शामिल होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होते हैं। विटामिन-ओ को बनाने वाले निर्माता इसके रासायनिक सूत्र के बारे में स्पष्ट नहीं हैं। इसके निर्माताओं के दावे भी अलग-अलग हैं। उदाहरण के लिए, एक निर्माता ने इसे विआयनीकृत पानी (De-ionised Water) और सोडियम क्लोराइड के हल्के प्रतिरोधक के रूप में 7.2 के पीएच के साथ उल्लखित किया है। तो वहीं, एक अन्य निर्माता ने इसे सक्रिय संघटक के रूप में मैग्नीशियम पेरोक्साइड के तौर पर सूचीबद्ध किया है।
कभी-कभी विटामिन-ओ को “लिक्विड ऑक्सीजन’ (Liquid Oxygen) भी कहा जाता है लेकिन, ध्यान रखें कि ऑक्सीजन केवल -183 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान पर ही तरल रूप में मौजूद है।
यह भी जानना जरूरी है कि यूएस फेडरल ट्रेड कमिशन (FTC) ने विटामिन-ओ के निर्माता पर इसे कैंसर और दिल की बीमारी का उपचार करने के लिए धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। एफटीसी के मुताबिक, राष्ट्रीय समाचार पत्रों में निर्मातों ने दावा किया था कि “विटामिन-ओ’ ऑक्सीजन के साथ ब्लड फ्लो को बढ़ाने में मदद करता है, जो कैंसर, हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारी जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज कर सकता है। जिसके तहत 2 मई, 2000 को विटामिन-ओ के निर्माताओं ने अपने इस झूठ को स्वीकार करते हुए आरोपों का निपटारा किया। जिसके लिए उन्हें $ 375,000 डॉलर का भुगतान भी करना पड़ा था।
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निम्न स्थितियों में लोग विटामिन-ओ का इस्तेमाल करते हैं
इन स्थितियों में मोटापे में विटामिन-ओ (Vitamin O) का इस्तेमाल किया जा सकता हैः कब्ज, गैस, सूजन, भूख में कमी, पेट में खराबी, पेट में एसिड, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS), मेनोपॉज, यौन की समस्याएं, सिरदर्द, समय से पहले बुढ़ापे के लक्षण, त्वचा संबंधी समस्याएं, कान, नाक या गुदा में खुजली और ट्यूमर।
विटामिन-ओ (Vitamin O) का इस्तेमाल कभी-कभी त्वचा पर रोगाणु-नाशक (एंटीसेप्टिक) के रूप में भी किया जाता है।
विटामिन-ओ कैसे काम करता है, इस बारे में पर्याप्त और उचित अध्ययन नहीं किए गए हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।
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अपने डॉक्टर से बात करें अगर:
इसके इस्तेमाल करने के लिए नियम अन्य दवाओं से कम सख्त हैं। हालांकि, इसकी सुरक्षा के दावे करने के लिए उचित अध्ययनों की आवश्यकता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले इससे होने वाले लाभ और जोखिमों के बारे में जानकारी रखनी जरूरी है। अधिक जानकारी के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
इसका इस्तेमाल करना कितना सुरक्षित है या इसके क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसके बारे में अभी कोई उचित जानकारी नहीं है।
खास सावधानियां और चेतावनियां:
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान विटामिन-ओ का इस्तेमाल करना कितना सुरक्षित हो सकता है, इसके बारे में उचित जानकारी नहीं है। ऐसी स्थितियों में किसी भी जोखिम से बचे रहने के लिए इसका इस्तेमाल न करें।
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विटामिन-ओ की खुराक को लेकर कोई सही जानकारी नहीं है। इसकी खुराक मरीज की उम्र, स्वास्थ्य स्थिति और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर कर सकती है। फिलहाल इसकी निर्धारित खुराक को लेकर कोई वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। इसे लेकर अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से संपर्क करें।
विटामिन-ओ निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकता है:
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