कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अभी तक लोगों में सर्दी, खांसी जुकाम और निमोनिया के लक्षण नजर आ रहे थे। फिर कोरोना से फेफड़ों में समस्या, लिवर की समस्या आदि के लक्षण भी दिखने लगे। अब स्टडी में ये बात सामने आई है कि कोरोना वायरस के कारण लोगों में गुलियन बैरे सिंड्रोम के लक्षण नजर आ रहे हैं। गुलियन बैरे सिंड्रोम को कुछ लोग गियान व गिल्लन भी बोलते हैं। गुलियन बैरे सिंड्रोम के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम की वेंस को नुकसान पहुंचने लगता है। इस सिंड्रों के कारण हाथ-पैरों में कमजोरी के साथ ही हल्की सी झुनझुनी भी महसूस होने लगती है। समस्या के अधिक बढ़ जाने पर शरीर में लकवा मार जाता है। इस सिंड्रोम के कारण शरीर में कमजोरी, हाथ-पैरों का सुन्न होना और थकान का महसूस होना मुख्य लक्षणों में शामिल है। कोविड-19 से गुलियन बैरे सिंड्रोम की बात सामने आना चिंता का विषय हो सकता है क्योंकि आएं दिन कोरोना वायरस के कारण नई बीमारियों के लक्षण दिख रहे हैं जो कि खतरनाक साबित हो सकते हैं।
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कोविड-19 से गुलियन बैरे सिंड्रोम: स्टडी में ये बात आई सामने
स्टडी में ये बात सामने आई है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रहे कुछ लोगों में गुलियन बैरे सिंड्रोम के लक्षण देखने को मिले हैं। जिन लोगों में ये लक्षण देखने को मिले हैं, उनमे पहले से कुछ बीमारियां मौजूद थी। इटेलियन ऑर्थर ने इस बारे में जानकरी दी है कि कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी में इस प्रकारा का सिंड्रोम होना आसामान्य बात है। गुलियन बैरे सिंड्रोम को एपस्टीन-बार वायरस (Epstein-Barr virus), साइटोमेगालोवायरस (cytomegalovirus), मच्छर से फैलने वाला जीका वायरस आदि से ग्रसित लोगों में अधिक देखा गया है। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन के 17 अप्रैल के ऑनलाइन एडिशन में रिपोर्ट निकाली गई थी। इस रिपोर्ट के ऑर्थर ने रिपोर्ट में मेंशन किया कि 28 फरवरी और 21 मार्च के बीच, पाविया की इटैलियन सिटी के तीन अस्पतालों ने कोविड -19 के साथ लगभग 1,200 मरीजों का इलाज किया। टीम ने कहा कि उनमें से पांच रोगियों में गुलियन बैरे सिंड्रोम के लक्षण दिखाई दिए।
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कोविड-19 से गुलियन बैरे सिंड्रोम: कब हुए नए लक्षण उत्पन्न
कोविड-19 से संक्रमित कुछ व्यक्तियों में 10 दिनों के भीतर गुलियनबैरे सिंड्रोम के लक्षण दिखाई देने लगे थे। लक्षणों के तौर पर पैरों में झुनझुनी होना, फेशियल वीकनेस के साथ ही न्यूरोलॉजिकल लक्षण में खराबी महसूस की गई। शरीर का कुछ हिस्सा पैरालाइज्ड हो गया था। सभी रोगियों जिनमे गुलियन बैरे सिंड्रोम के लक्षण दिखाई दे रहे थे, उनके इम्यून रिस्पॉन्स को सुधारने के लिए ग्लोब्युलिन थेरेपी दी गई। साथ ही कुछ मरीजों को एंटीबॉडी रिच ब्लड प्लाज्मा ट्रीटमेंट दिया गया।रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि सिंड्रोम से इफेक्टिव लोगों में दो लोगों को आईसीयू यानी इंटेंसिव केयर यूनिट में रखा गया और उन्हें मैकेनिकल वेंटिलेटर की सुविधा दी गई। जबकि दो लोगों को फिजिकल थेरेपी दी गई क्योंकि उनके ऊपरी अंगों में कम मूवमेंट हो रहा था। जबकि एक व्यक्ति को डिस्चार्ज कर दिया गया था क्योंकि वो चलने में समर्थ हो चुका था। कोरोना वायरस महामारी के कारण एक साथ कई लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
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कोविड-19 से गुलियन बैरे सिंड्रोम
न्यूयॉर्क शहर के लेनॉक्स हिल अस्पताल में न्यूरोलॉजिस्ट सामी सबा कहते हैं कि गुलियन बैरे सिंड्रोम कई इंफेक्शन के कारण ट्रिगर हो सकता है। उन्होंने सभी मामलों के जांच की और कहा कि ये कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है। कुछ प्रकार के संक्रमण में गुलियन बैरे सिंड्रोम के लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना संक्रमण से पीड़ित व्यक्तियों को वेंटिलेटर में रखा जाता है, ऐसे में ये पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि कौन-सा अंग काम कर रहा है और कौन-सा नहीं । साथ ही ऐसे मामलों में कमजोरी और सेंसरी लॉस का भी पता नहीं चल पाता है। इस प्रकार के मामलों को रेयर करार दिया गया है।
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कोविड-19 से बचने के लिए रखें ये सावधानियां
कोरोना वायरस इंफेक्शन से बचने के लिए भारत सरकार ने लोगों के लिए कुछ सलाह दी है। इन एहतियात रूपी सलाह को फॉलो करने से आप कोरोना वायरस संक्रमण से काफी हद तक बच सकते हैं।
- घर के बाहर से आएं या फिर घर में रहे, हाथों को 20 सेकेंड तक अच्छे से साफ करें।
- अगर काम न हो तो बाहर न जाएं। लॉकडाउन का पालने करें।
- हाथों को अच्छी तरह से साफ किए बिना मुंह, आंख या नाक न छुएं।
- छींकते या खांसते समय अपने मुंह और नाक को किसी टिश्यू पेपर या फिर कोहनी को मोड़कर ढकें।
- अगर आपको बुखार, खांसी या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलें।
- कोरोना टेलीफोनिक सर्वे के अलावा अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर की हर सलाह मानें और पूरी जानकारी प्राप्त करते रहें।
- भारत सरकार का कहना है कि अगर आप मास्क लगा रहे हैं तो उससे पहले अपने हाथों को एल्कोहॉल बेस्ड हैंड रब या फिर साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
- अपने मुंह और नाक को मास्क से अच्छी तरह कवर करें कि उसमें किसी भी तरह का गैप न रहे।
- एक बार इस्तेमाल किए गए मास्क को दोबारा इस्तेमाल न करें।
- मास्क को पीछे से हटाएं और उसे इस्तेमाल करने के बाद आगे से न छूएं।
- इस्तेमाल के बाद मास्क को तुरंत एक बंद डस्टबिन में फेंक दें।
- अगर बीमारी के लक्षण नजर आएं तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर में बात कर जांच कराएं।
इस तरह आप कोरोना वायरस के ख़तरे से बच सकते हैं।