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कोरोना वैक्सीन को लेकर इन वैक्सीन की है दावेदारी, क्या आप जानते हैं इनके बारे में ?

कोरोना वैक्सीन को लेकर इन वैक्सीन की है दावेदारी, क्या आप जानते हैं इनके बारे में ?

कोरोना वायरस से बचाव के लिए फिलहाल किसी भी देश के पास वैक्सीन नहीं है। वैक्सीन के ट्रायल पर कई देश लगे हुए हैं। ऐसे में एफडीए ने भी कुछ वैक्सीन को हरी झंडी दिखा दी है। वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में तेजी से काम चल रहा है। कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में अब तक तीन लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी कोरोना के कारण दो हजार से ज्यादा लोग मर चुके हैं। कोरोना से निपटने के लिए वैक्सीन भी बनाई जा रही हैं। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त दुनियाभर में सात से आठ ऐसी वैक्सीन हैं, जो कोरोना से लड़ सकती हैं। कोविड-19 वैक्सीन की दावेदारी कुछ देश कर रहे हैं। जिन वैक्सीन को एफडीए की ओर से मंजूरी मिल गई है, उन वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। डब्लूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने वीडियो ब्रीफिंग के दौरान इस बारे में जानकारी दी है। फिलहाल हेल्थ एक्सपर्ट कोविड-19 वैक्सीन पर काम कर रहे हैं और लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह भी दी जा रही है। आप भी जानिए कि अब तक कौन सी वैक्सीन कोविड-19 के लिए दावेदार मानी जा रही हैं।

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कोविड-19 वैक्सीन की दावेदारी : नोवावैक्स वैक्सीन (​Novavax vaccine – NVX-CoV2373)

इन वैक्सीन को कोविड-19 वैक्सीन का मुख्य दावेदार माना जा रहा है। नोवावैक्स ने हाल ही में वैक्सीन के लिए (Epidemic Preparedness Innovation) 388 मिलियन डॉलर की फंडिग प्राप्त हुई है। नोवावैक्स के रिसर्च और डेवलपमेंट प्रेसीडेंट डॉ. ग्रेगरी ग्लेन ने अनुसार, वैक्सीन केंडीडेट NVX-CoV2373 से हमे अच्छे रिजल्ट मिले हैं। ऑस्ट्रेलिया की बायोटेक कंपनी करीब 130 लोगों पर परीक्षण करेगी। इस वैक्सीन का परिक्षण चूहों पर किया गया था, जिनका रिजल्ट अच्छा आया था।

कोरोना वैक्सीन की दावेदारी : मॉडर्ना वैक्सीन (​Moderna vaccine – mRNA-1273)

यूएस बेस्ड मॉडर्ना थैरेप्यूटिक्स (Moderna Therapeutics) ने भी कोविड-19 के लिए वैक्सीन बनाई है और उसके लिए एफडीए ने भी मंजूरी दे दी है। फेज फस्ट के लिए वैक्सीन mRNA-1273 को 45 लोगों पर ट्रायल के तौर पर यूज किया गया था। इन लोगों को 28 दिन के ट्रायल के लिए इंजेक्शन दिया गया था। वैक्सीन में मॉलीक्यूलर निर्देश होते हैं जो ह्युन सेल्स को वायरल प्रोटीन बनाने के बारे में कहते हैं। वैक्सीन का काम इम्यूनिटी को मजबूत कर वायरस से लड़ना है।

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कोविड-19 वैक्सीन की दावेदारी : INOVIO फार्मास्यूटिकल्स (INOVIO Pharmaceuticals – INO-4800)

INOVIO फार्मास्यूटिकल्स डीएनए बेस्ड वैक्सीन तैयार कर रहा है। बायोटेक्नोलॉजी कंपनी को कोरोना वैक्सीन तैयार करने के लिए 6.9 मिलियन डॉलर फंड CEPI की ओर से दिया गया है। अभी तक इस वैक्सीन का प्रथम चरण का ट्रायल हो पाया है। इस वैक्सीन का 40 लोगों पर ट्रायल किया गया था। दूसरा ट्रायल मई के अंत में होगा। दूसरे ट्रायल में भी 40 लोगों को वैक्सीन कैंडीडेट INO-4800 इंजेक्शन दिया जाएगा। जून के अंत तक रिजल्ट आने की संभावना है। उसके बाद बायोटेक कंपनी आगे के चरण को पूरा करेगी।

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कोरोना वैक्सीन की दावेदारी : फाइजर और बीएनटेक वैक्सीन (Pfizer and BNTECH vaccine)

कोरोना के लिए दुनियाभर के कई देश वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। यूएस ड्रग कंपनी Pfizer भी कोविड-19 के लिए वैक्सीन बना रही है। ये कंपनी जर्मनी की कंपनी के साथ मिलकर काम कर रही है। दोनों कंपनियां मिलकर आरएनए वैक्सीन पर काम कर रही हैं। यानी वैक्सीन mRNA टेक्नीक पर काम कर रही है। परिक्षण के दौरान 360 लोगों को अलग-अलग डोज दिए जाएंगे और फिर उनका परिणाम देखा जाएगा। फिलहाल वैक्सीन पर अभी काम चल रहा है।

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कोविड-19 वैक्सीन की दावेदारी : कैन्सिनो बायोलॉजिक्स (CanSino Biologics – Ad5-nCOV)

इस कंपनी की वैक्सीन को भी डब्लूएचओ की ओर से शीर्ष दावेदारी में देखा जा रहा है। कंपनी वैक्सीन को बनाने के लिए नॉन रेप्लीकेटिंग वायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म का यूज कर रही है और एडेनोवायरस टाइप 5 वेक्टर पर वर्क कर रही है। Ad5-nCoV वैक्सीन अपना पहला चरण दिसंबर 2020 तक पूरा करेगी। ये बात सच है कि कोरोना की वैक्सीन कितने समय में तैयार होगी, इस बात की जानकारी फिलहाल किसी को भी नहीं। कोरोना की जानकारी ही आपको खतरे से बचा सकती है।

कोरोना वैक्सीन की दावेदारी : ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार वैक्सीन (Oxford University – ChAdOx1 nCoV-19)

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से भी कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन तैयार किया गया है। कोरोना वैक्सीन ‘ChAdOx1 nCoV-19’ को जेनर इंस्टीट्यूट की ओर से तीन महीने में तैयार किया गया और इसे साइंटिस्ट ने कोल्ड वायरस के वीक स्ट्रेन के लिए तैयार किया गया। अप्रैल के अंत में इस वैक्सीन का ट्रायल भी किया गया। इस वैक्सीन का बंदरों पर सबसे पहले ट्रायल किया गया। सार्स SARS-CoV-2 से संक्रमित बंदरों को वैक्सीन देने के बाद फेफड़ों की समस्या से छुटकारा मिल गया था। इस वैक्सीन की लेट स्टेज के लिए ट्रायल जल्द होने वाला है।

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भारत में वैक्सीन की तैयारी

दुनिया के अन्य देशों की तरह ही भारत में भी कोरोना महामारी के खात्मे के लिए वैक्सीन का निर्माण किया जा रहा है। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL)ने COVID-19 वैक्सीन डेवलप करने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर काम किया है। पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर वैक्सीन बनाने की राह पर काम कर रहा है। भारत में वैक्सीन बनाने के लिए पीएम केयर फंड से 100 करोड़ का फंड भी जारी किया गया है। Bacille Calmette-Guerin (BCG) का ट्रायल 6000 लोगों पर किया जाएगा। ट्रायल से जानकारी मिलेगी कि बीसीजी शॉट्स संक्रमण को कम करने का काम करते हैं या नहीं।

कोरोना की वैक्सीन जब तक नहीं बन जाती हैं, तब तक सभी लोगों को कोरोना से सावधानी ही इसका बचाव है। कोरोना महामारी के वैक्सीन का ट्रायल विभिन्न देशों में चल रहा है। कोरोना के लक्षणों को नजरअंदाज न करें।

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https://www.who.int/news-room/detail/13-04-2020-public-statement-for-collaboration-on-covid-19-vaccine-developmentPublic statement for collaboration on COVID-19 vaccine development:

Bacille Calmette-Guérin (BCG) vaccination and COVID-19:https://www.who.int/news-room/commentaries/detail/bacille-calmette-gu%C3%A9rin-(bcg)-vaccination-and-covid-19

Draft landscape of COVID-19 candidate vaccines: https://www.who.int/who-documents-detail/draft-landscape-of-covid-19-candidate-vaccines

Oxford University’s Covid-19 vaccine shows promise in animal study:https://www.pharmaceutical-technology.com/news/oxford-university-covid-19-vaccine-monkey-data/

 

 

Current Version

17/08/2020

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nikhil deore


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/08/2020

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