“इक मुद्दत से आरजू थी फुरसत की, मिली भी तो इस शर्त पर कि किसी से न मिलो।” ये तो महज एक शायरी है, लेकिन लोग लॉकडाउन के कारण सच में अकेले हो गए हैं। कोरोना महामारी एक वैश्विक समस्या बनकर दुनिया के सामने आई है। ऐसे में किसी को कोई छुए ना, किसी से कोई मिले ना। लोगों के जीवन में लोनलीनेस हावी होती जा रही है। इसके लिए लोग आज कल कोरोना के दौरान डेटिंग ऐप का सहारा ले रहे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए लोगों को डेट कर रहे हैं।
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कोरोना के दौरान डेटिंग:
आजकल डेटिंग वह तरीका है जिससे लोग अपने मनपसंद साथी को चुनना चाहते हैं। आगे चलकर आप डेटिंग को एक खूबसूरत रोमांटिक रिश्ते या यौन संबंध में भी बदल सकते हैं। डेटिंग के माध्यम से दो लोग कुछ समय के लिए मिलते हैं और एक दूसरे को समझने की कोशिश करते हैं। डेटिंग की मदद से लोग एक-दूसरे को जानते हैं और इस बात का निर्णय लेते हैं कि कोई आपके लिए उपयुक्त साथी है या नहीं। डेटिंग के कई अलग-अलग प्रकार हैं। डेटिंग का तरीका व्यक्ति या उसकी संस्कृति के हिसाब से अलग हो सकता है। कोरोना के समय में डेटिंग साइट्स की लोकप्रियता इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि लोग घरों से बाहर जा नहीं सकते। कोरोना के दौरान डेटिंग ऐप का काफी बोलबाला हो गया। लोगों के अकेलेपन का साथी बन गया है कोरोना के दौरान डेटिंग ऐप।
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कोरोना के दौरान डेटिंग आप कितने प्रकार से कर सकते हैं?
ऑनलाइन डेटिंग
ऑनलाइन डेटिंग वह तरीका है जहां लोग इंटरनेट पर मिलते हैं। कुछ समय इंटरनेट पर एक-दूसरे को जानने के बाद वो लोग व्यक्तिगत रूप से मिलते हैं। अक्सर, ऑनलाइन चैट या ईमेल के दौरान लोग आपस में फोटो का एक्सचेंज करते हैं। एक बार आपसी वेवलेंथ मैच होने के बाद लोग अक्सर मिलने लगते हैं। आज के समय में ऑनलाइन डेटिंग बहुत सारे लोगों के लिए सुविधाजनक और आसान तरीका है। ऑनलाइन डेटिंग के लिए भी लोग डेटिंग साइट्स का उपयोग करते हैं। अब वह चाहें टिंडर हो या क्यूपिड, बंबल। आजकल कोरोना के दौरान डेटिंग साइट्स के माध्यम से लोग ऑनलाइन डेटिंग कर रहे हैं।
कैजुअल डेटिंग
कोई डेटिंग कैजुअल डेटिंग तब कहलाती है जब कोई व्यक्ति एक समय पर कई लोगों को डेट करता है। कैजुअल डेटिंग उन लोगों द्वारा की जाती है जो अपने डेटिंग पार्टनर के साथ घर बसाने में कोई दिलचस्पी नहीं रखते। कैजुअल डेटिंग उन लोगों के लिए है जो बस यौन संबंधों की तलाश या टाइम पास करने के लिए लोगों को डेट करते हैं। कैजुअल डेटिंग के लिए लोग कोरोना के दौरान डेटिंग साइट्स का इस्तेमाल तेजी से कर रहे हैं। इसमें किसी भी तरह का कमिटमेंट नहीं होता है। दोनों साथी एक समय पर कई अलग-अलग लोगों को डेट कर सकते हैं।
ये दोनों तरह की डेटिंग टिंडर, क्यूपिड और बंबल आदि ऐप से की जाती है। जिसमें लोग एक-दूसरे को नहीं जानते हैं, लेकिन एक दूसरे से बात करते हुए धीरे-धीरे एक दूसरे को जानने का प्रयास करते हैं। लॉकडाउन में कोरोना के दौरान डेटिंग ऐप का यूज लगभग 21 प्रतिशत तक बढ़ गया है। जो काम पहले फेसबुक और व्हाट्सएप करते थे, वही काम कोरोना के दौरान डेटिंग ऐप कर रहे हैं।
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कोरोना के दौरान डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करने के क्या फायदे हैं?
कोरोना के दौरान डेटिंग ऐप के इस्तेमाल को लेकर हैलो स्वास्थ्य ने महाराष्ट्र स्थित मनः स्पर्श क्लीनिक की रिलेशनशिप काउंसलर एमी चौधरी से बात की। एमी चौधरी ने डेटिंग ऐप के कई सारे फायदे और नुकसान भी बताएं, जो निम्न हैं :
- कोरोना के दौरान डेटिंग साइट्स के द्वारा किसी को डेट करने के फायदे में सबसे बड़ा फायदा है कि लोग बिना घर के बाहर निकले ही नए लोगों से मिल सकते हैं।
- जो लोग लॉकडाउन के दौरान बिलकुल अकेले हैं, उनके लिए डेटिंग ऐप्स पर किसी के साथ बातें करना किसी रोमांच से कम नहीं।
- कोरोना के दौरान डेटिंग करने से डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी परेशानी से बच सकते हैं। क्योंकि भारत में लॉकडाउन के बाद डेप्रिशन, एंग्जायटी और सुसाइड टेंडेंसी के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है।
- कोरोना के दौरान डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करने से लोगों में लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप की समझ भी विकसित हो रही है। जिससे रिश्तों में मजबूती आएगी और बिना पास रहे भी रिश्तों को निभाने की समझ पैदा होगी।
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कोरोना के दौरान डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करने के नुकसान क्या हैं?
इस लॉकडाउन के दौर में डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करने के कई तरह के नुकसान भी हैं :
- लॉकडाउन के दौरान हर किसी के पास वक्त ही वक्त है, ऐसे में डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करने वाले लोग दिन में कई घंटे सिर्फ उन पर ही बिता रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक डेटिंग ऐप पर एक व्यक्ति सामान्यतः 24 घंटे में से 90 मिनट गुजारता है। जिसमें से महिलाएं हर सेशन में 8 मिनट और पुरुष 7 मिनट का समय बिताता है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान ये समय लगभग दोगुना हो गया है।
- डेटिंग ऐप का इस्तेमाल करने से व्यक्ति इसका लती हो जाता है। जो मानसिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
- डेटिंग ऐप पर वीडियो कॉलिंग के दौरान अपने लुक्स को लेकर लोग काफी तनाव में रहते हैं। वे खुद को अपने डेटिंग पार्टनर के सामने अच्छा दिखाने की कोशिश करते हैं। इसके साथ ही शुरुआत में डेटिंग एंग्जायटी से भी गुजरते हैं।
- डेटिंग ऐप पर कौन अपने बारे में कितना सच बता रहा कितना झूठ इस बात का आंकलन आप नहीं लगा पाते हैं। जिससे ये डर भी होता है कि आप जिसे डेट कर रहे हैं, वह आपके लिए ठीक है या नहीं।
- डेटिंग ऐप से कई बार धोखाधड़ी के मामले भी सामने आ चुके हैं। जिसमें लोग पैसों के लेनदेन के बाद बात करना बंद कर देते हैं।
- डेटिंग ऐप के कारण ही कई तरह के साइबर क्राइम में भी वृद्धि हुई है।
- डेटिंग ऐप में अगर एक डेटिंग पार्टनर कैजुअल डेटिंग कर रहा है और दूसरा पार्टनर सीरियस है तो इससे इमोशनल हर्ट होने जैसी समस्याएं भी होती हैं।
- डेटिंग ऐप पर आजकल वीडियो कॉल के द्वारा वर्चुअल सेक्स को पसंद किया जा रहा है। जिसमें लोग वीडियो कॉल पर सेक्स संबंधी बातें करते हैं। जिसमें हस्तमैथुन या सेक्स टॉय का इस्तेमाल करना भी शामिल है। अगर कोई हस्तमैथुन या सेक्स टॉय का इस्तेमाल करता है और साफ-सफाई को दरकिनार कर देता है तो सेक्सुअल डिजीज होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
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लॉकडाउन में डेटिंग ऐप के रिश्तों पर कोरोना वायरस क्या प्रभाव डाल सकता है?
अमूनन डेटिंग ऐप पर लोग एक-दूसरे की प्रोफाइल देखकर उनसे बात करते हैं और बहुत ही कम समय में उन्हें डेट करना भी शुरू कर देते हैं। ऐसे में अक्सर कई कपल्स अपने लिए एक गलत साथी का चुनाव भी करते हैं। जिसके कारण उनके रिश्ते कुछ ही महीनों में खत्म भी हो जाते हैं। जैसा कि, कोरोना वायरस के कारण लोगों को सार्वजनिक जगहों पर जाने, लोगों से मिलने-जुलने से परहेज करने की सलाह दी जा रही है। तो ऐसे में अगर आप किसी के साथ डेटिंग ऐप पर चैटिंग करते हैं, तो सामने वाले इंसान को समझने की कोशिश करें। हो सकता है कि आपका अगला फैसला आपके भविष्य के लिए एक उचित फैसला साबित हो।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।