बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहा जाता है। यह एक वायरल इंफेक्शन है, जो केवल पक्षियों को ही नहीं बल्कि मनुष्य और अन्य जानवरों को भी प्रभावित करता है। कई तरह के बर्ड फ्लू का अभी तक जानकारी मिल चुकी है, जिनमें से H5N1 और H7N9 दोनों ने मनुष्यों को हाल में ही प्रभावित किया था। एशिया, अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और यूरोप के कुछ भागों में यह फ्लू अधिक देखने को मिलता है। ज्यादातर अधिक मामलों में जिन लोगों को बर्ड फ्लू होता है वो बीमार पक्षियों के संपर्क में अधिक रहते हैं। कई मामलों में बर्ड फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है। माइग्रेटिंग वाटर फाउल – विशेष रूप से जंगली बतख बर्ड फ्लू के प्राकृतिक वाहक हैं। हालांकि ऐसा भी कहा जा सकता है कि यह संक्रमण जंगली मुर्गी से घरेलू मुर्गी में भी फैल सकता है।
अधिकतर व्यक्ति जो बर्ड फ्लू से पीड़ित होते हैं वो पक्षियों या पक्षियों के सलाइवा, बलगम या मल आदि से इंफेक्टेड होते हैं। पोल्ट्री या अंडे जो अच्छे से न पकाये गए हों, उनसे भी यह रोग हो सकता है।
यह बीमारी कम से बहुत अधिक स्तर तक हो सकती है। हालांकि, इस बीमारी के लक्षण सामान्य फ्लू की तरह होते हैं:
यदि आप बर्ड फ्लू से पीड़ित हैं, तो आपको डॉक्टर के पास या अस्पताल पहुंचने से वहां काम करने वाले व्यक्तियों को पहले ही बता देना चाहिए। इससे वो लोग आपकी देखभाल के साथ-साथ खुद इस रोग से बचने के उपाय ढूंढ पाएंगे और इंतजाम भी कर पाएंगे।
बर्ड फ्लू के कई कारण हैं। H5N1 पहला एवियन इंफ्लुएंजा वायरस है, जिसने मनुष्य को प्रभावित किया था। हालांकि H5N1 प्राकृतिक रूप से जंगली जानवरों में पाया जाता है, लेकिन घरेलू मुर्गी में यह आसानी से फैल सकती है। संक्रमित पक्षी के मल, नाक से स्राव या मुंह या आंखों से स्राव के संपर्क में आने से यह बीमारी इंसानों में फैलती है। मांस को सुरक्षित माना जाता है अगर इसे 165 F (73.9 C) के आंतरिक तापमान पर पकाया गया हो।
H5N1 में अधिक समय के लिए बने रहने की क्षमता होती है। H5N1 से संक्रमित पक्षी 10 दिनों तक मल और लार में वायरस को बाहर निकाल सकते हैं। दूषित सतहों को छूने से संक्रमण फैल सकता है।
आपको यह समस्या होने की अधिक संभावना हो सकती है,अगर आप:
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बर्ड फ्लू से प्रभावित व्यक्तियों को जीवन सम्बन्धी जटिलताएं हो सकती हैं, जिनमे यह रोग हो सकते हैं:
हालांकि, बर्ड फ्लू से प्रभावित लोगों में 50 % लोगों की मृत्यु हो सकती है। हालांकि यह बहुत कम हैं क्योंकि बहुत कम लोग बर्ड फ्लू का शिकार बनते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार 1997 से लेकर अब तक 500 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है। इसके विपरीत, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र का अनुमान है कि अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल हजारों मौतों के लिए मौसमी इन्फ्लूएंजा जिम्मेदार है।
इस रोग के बारे में सबसे पहले आपके डॉक्टर आपसे इसके लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके बाद वो आपको निम्नलिखित टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं।
इसमें नाक या गले से फ्लूइड का सैंपल लिया जाएगा और उसके बाद फ्लू वायरस के लिए इसका टेस्ट कराया जाएगा। इस रोग के लक्षण दिखाई देने के पहले कुछ दिनों के अंदर इन सैम्पल्स को लेना चाहिए।
X-rays आपके फेफड़ों की स्थिति को जानने के लिए बहुत आवश्यक है, जो आपके संकेतों और लक्षणों के लिए उचित निदान और सही उपचार के विकल्पों को निर्धारित करने में मदद कर सकता है।
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने H5N1 बर्ड फ्लू वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक वैक्सीन को मंजूरी दी है। यह टीका अभी जनता के लिए उपलब्ध नहीं है लेकिन जल्द ही इसे इस बीमारी के फैलने पर प्रयोग में लाया जाएगा। अन्य प्रकार के बर्ड फ्लू के टीकों पर शोध किया जा रहा है।
पालतू पक्षियों से बचें। यदि संभव हो, तो ग्रामीण क्षेत्रों, छोटे खेतों और खुलें बाजारों में ना जाएं।
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। बेहतर जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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