परिचय
MR DONE
के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
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हिन्दुस्तान में हर सेलिब्रेशन और हर फंक्शन के टाइम पर हाथों में मेहंदी लगाईं जाती है। इसे शगुन भी माना जाता है और इस से सारे कार्य शुभ होते है ऐसा भी लोग मानते है। मेहंदी से सेहत और सौंदर्य पर भी काफी प्रभाव पड़ता है। यह जानने के बाद आप मेहंदी का महत्व और ज़्यादा करेंगे।
एक अरसे से मेहंदी का प्रयोग पैरासाइट (amoebic dysentery) की वजह से होने वाली भारी दस्त को मिटाने के लिए किया जाता है। साथ ही कैंसर, सर दर्द, त्वचा का जल जाना, घाव और खरोच मिटाने के लिए भी मेहंदी मददरूप है। मेहंदी में आवला पावडर और दही घोल कर इसका पेस्ट बना के सीधा बाल एवं स्कैल्प में लगाने से डैंड्रफ से राहत पायी जा सकती है। इसके अलावा फंगल इन्फेक्शन, खुजली व किसी भी तरह के घाव पे मेहंदी उपयोगी है।
मेहंदी सौंदर्य प्रसाधनों के मनुफेक्चरिंग में और हेयर डाई और हेयर केयर की चीज़ें बनाने में महत्वपूर्ण इंग्रेडिएंट है। बाल की मेहंदी बनाने में भी प्राकृतिक मेहंदी के पत्तों का इस्तेमाल होता है।
शरीर के अलग अंगों पर टेम्पररी टैटू बनाने के लिए भी लोग मेहंदी का यूज़ करते है।
मेहंदी में कुछ ऐसे तत्त्व रहे है जो की कई तरह के इन्फेक्शन्स से लड़ते है। इस लिए स्किन पे किसी भी तरह के इन्फेक्शन का निशानदिखे, मेहंदी के पत्तों का पेस्ट लगाने से इन्फेक्शन फैलने से बचा सकते है और धीरे धीरे मिटा भी सकते है। मेहंदी शरीर के किसी भी अंग में बढ़ रही गांठ को भी बढ़ने से रोक सकती है, वह दर्द में भी राहत देती है और चमड़ी पे आयी हुई सूजन पे भी राहत देती है।
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अगर आप मेहंदी का प्रयोग करना चाहते है और आप:
मेहंदी एक औषधि है और बाकी की दवाइयों के मुकाबले सरलता से मिल जाती है। इसके लिए किसी भी एक्सपर्ट के प्रिस्क्रिप्शन की ज़रूरत नहीं है। लेकिन मेहंदी का किसी ख़ास स्वास्थ्य सम्बंधित मक्सद से उपयोग करने के लिए सावधानी बरते। अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही किसी नतीजे पे पोहचना अनिवार्य है।
मेहंदी जब एक पुख्त आयु का इंसान बालों और त्वचा के लिए इस्तेमाल करता है तो बिलकुल सुरक्षित है।
मेहंदी जब खा कर या खुराक के द्वारा ली जाए तो असुरक्षित परिणाम आ सकते है।
बच्चों के लिए:
मेहंदी का यूज़ बच्चों के लिए किसी भी वजह से नहीं करने चाहिए, ख़ास कर के शिशुओं के लिए तो बिलकुल ही न करे मेहंदी का इस्तेमाल। शिशु की त्वचा पे मेहंदी लगाने से उसके भयंकर परिणाम आ सकते है। बहोत किस्सों में ऐसा हो चूका है।
स्तनपान करवाती माताए एवं प्रेग्नेंट औरते :
प्रेग्नेंट औरतों को मेहंदी किसी भी खुराक या खाने के माध्यम से नहीं लेनी चाहिए। ब्रैस्ट फीडिंग मदर्स को भी मेहंदी का यूज़ टालना चाहिए।
मेहंदी से एलर्जी वाले लोगों के लिए:
जिन्हे मेहंदी से किसी भी तरह की कोई एलर्जी है, उन्हें मेहंदी के उपयोग से दूर रहना चाहिए।
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मेहंदी से कभी कभी स्किन पे हैवी रिएक्शंस आ सकते है जैसे की खुजली आना, स्किन का लाल पड़ जाना, सूजन आना, चमड़ी पे दरारें पड़ना, पड़ना । इसके अलावा कई बार अस्थमा, हीव्स, सर्दी जैसे रिएक्शंस भी देखने को मिल सकते है।
मेहंदी को किसी भी प्रकार खा लेने से पेट में बेचैनी हो सकती है और इसके आगे बढ़ने से डॉक्टर के कंसर्न की ज़रुरत पड़ सकती है।
जो शिशु या बालक ग्लूकोस ६ फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD) नामक बीमारी के शिकार है, इन बच्चों को ख़ास कर के मेहदी के संपर्क से बिलकुल दूर रखें।
प्रेग्नेंट औरतों को मेहंदी किसी भी खुराक या खाने के माध्यम से नहीं लेनी चाहिए। ब्रैस्ट फीडिंग मदर्स को भी मेहंदी का यूज़ टालना चाहिए।
साइड इफेक्ट्स सभी को एक ही प्रकार से हो ये जरुरी नहीं है। इसलिए सावधानी बरतनी आवश्यक है और डॉक्टर के सलाह के बाद अच्छे नतीजे प्राप्त करना अनिवार्य है।
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मेहंदी आपकी मेडिकल कंडीशन और अन्य दवाइओं के साथ क्रिया में आ सकती है और संभव है की उस से कोई आडसर हो जाए। इसलिए मेहंदी का इस्तेमाल करने से पूर्व अपने हेर्बलिस्ट या डॉक्टर का संपर्क करे।
ध्यान रहें, लिथियम भी मेहंदी के साथ क्रिया में आता है।
मेहंदी की असर पानी की गोली या “मूत्रवधक’ पे भी हो सकती है। लिथियम से लड़ने की शरीर की ताकत पे मेहंदी का प्रभाव पड़ सकता है। मेहंदी से शरीर में लिथियम की मात्रा बढ़ सकती है और नुक्सान कर सकती है। अगर आप लिथियम या लिथियम की कोई भी दवाई ले रहे हो तो मेहंदी का उपयोग न करे या तो अपने डॉक्टर से परामर्श के बाद ही कोई नतीजे पे पोहचे।
मेहंदी की मात्रा हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली मेहंदी की खुराक मात्रा आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर रहती है। हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही मात्रा की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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