परिचय
फालसा क्या है? (What is Grewia Asiatica?)
गर्मियों में लाल-काले रंग के खट्टे-मीठे छोटे-छोटे फल सभी ने खाए होंगे, जिन्हें फालसा कहा जाता है। फालसा दिखने में जितना छोटा होता है, यह स्वास्थ्यवर्धक फायदों के मामले में उतना ही बड़ा होता है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सीय पद्धि के मुताबिक कई औषधियों में किया जाता है। फालसा मुलायम और पीले रंग की झाड़ी या छोटे पेड़ का फल होता है, जो कि मटर के दानों के बराबर बड़ा होता है। फालसा का इस्तेमाल मधुमेह रोग के नियंत्रण, कमजोरी दूर करने, लू लगने की वजह से हुए बुखार, खून संबंधित रोग के उपचार में काफी प्रभावशाली होता है। इसका वैज्ञानिक नाम ग्रेविया एशियाटिक लिन. (Grewia Asiatica Linn.) है, जो कि टिलिएसी (Tiliaceae) कुल से संबंध रखता है। यह ज्यादातर, भारत और साउथ एशिया के क्षेत्रों में पाया जाता है और इसके फल, पत्ते और जड़ को दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant), रेडियोप्रोटेक्टिव (Radio Proactive) , एंटीकैंसर (Anticancer), एंटीमाइक्रोबियल (Antimicrobial), एंटीवायरल (Antiviral), एंटीडायबिटीक (Antibiotic) व एंटीहाइपरग्लाइमिक (Antihyperglycemic), एनलजेसिक (Analgesica), एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti inflammatory), एंटी-मेलेरियल (Anti Malarial) गुण होते हैं।
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उपयोग
फालसा का उपयोग किसलिए किया जाता है? (Use of Grewia Asiatica)
फालसा का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है। जैसे-
पेट दर्द (Stomach pain) से राहत
हम जो कुछ भी खाते हैं और पीते हैं, वो सभी कुछ हमारे पेट से होकर गुजरता है। जिससे पेट को रोजाना काफी मेहनत करनी पड़ती है। इसी वजह से हमें पेट दर्द जैसी इससे जुड़ी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता रहता है। लेकिन, फालसा खाने से पेट दर्द में राहत मिल सकती है, क्योंकि इसमें कूलिंग इफेक्ट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो आपके पेट में जलन-दर्द जैसी समस्या से राहत दिलाते हैं।
रेडिएशन (Radiation) से बचाता है
आजकल जमाना एडवांस हो गया है और हर कोई पूरे दिन फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि गैजेट के संपर्क में रहता ही है। इन गैजेट्स से काफी सारी रेडिएशन निकलती है, जो कि हमारी त्वचा, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक साबित होती है। हालांकि यह रेडिएशन काफी कम होती है, लेकिन समय के साथ धीरे-धीरे यह हानि पहुंचा सकती है। फालसे में रेडियोप्रोटेक्टिव (Radio Proactive) गुण होते हैं, जो हमारे शरीर को इन हानिकारक तरंगों से बचाने में मदद करते हैं।
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पेशाब संबंधित रोग
फालसे का सेवन करने से पेशाब संबंधित रोगों में फायदा मिल सकता है। क्योंकि इंफेक्शन (Infection) या अन्य कारणों से हमें पेशाब करते समय दर्द और जलन का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन फालसे (Grewia Asiatica) में एंटीमाइक्रोबियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दर्द, जलन और इंफेक्शन जैसी समस्या को कम करने में मदद करते हैं।
मधुमेह (Diabetes) का रोग
फालसा खाना या उससे बनी औषधि का सेवन करने से मधुमेह के रोग में आराम मिल सकता है। क्योंकि फालसे में एंटी-डायबिटिक (Anti Diabetic) गुण होते हैं, जो शरीर में ब्लड ग्लूकोज के उच्च स्तर को कम करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही फालसा ग्लाइसिमिक इंडेक्स में काफी कम होता है, जिस वजह से डायबिटिक पेशेंट इसका सेवन बिना किसी चिंता के कर सकते हैं।
अर्थराइटिस (Arthritis) की समस्या
उम्र बढ़ने के साथ-साथ अर्थराइटिस की समस्या आने लगती है, जिस वजह से चलने-फिरने, उठने-बैठने में काफी दर्द का सामना करना पड़ता है। इसमें मरीज के जोड़ों में सूजन आ जाती है और फालसे में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti inflammatory) गुण इससे राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसलिए, अर्थराइटिस के रोग से राहत पाने के लिए फालसा काफी मददगार साबित हो सकता है।
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एनीमिया (Anemia) से बचाव
फालसे में आयरन (Iron) काफी होता है, जो कि रक्त प्रवाह और निर्माण में काफी अहम भूमिका निभाता है। शरीर में आयरन की कमी होने से एनीमिया का रोग हो सकता है। इसलिए फालसे (Grewia Asiatica) का सेवन करने से आपके शरीर में आयरन की पूर्ति होती है और आप एनीमिया की समस्या से बचे रहते हैं और थकान या कमजोरी जैसी समस्या से नहीं गुजरते।
अन्य फायदे-
- बुखार (Fever) से राहत
- गठिया के दर्द में राहत
- त्वचा के लिए फायदेमंद
- खांसी, जुकाम से राहत
- शरीर को ठंडा रखता है
- कैंसर (Cancer) से रोकथाम
- अल्सर (Ulcer) में फायदेमंद
- दस्त में फायदेमंद
- लू से बचाव
- कमजोरी को दूर करता है
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फालसे (Grewia Asiatica) में मौजूद पोषक तत्व कौन-से होते हैं?
- प्रोटीन
- फाइबर
- आयरन
- पोटेशियम
- सोडियम
- फास्फोरस
- विटामिन बी1
- विटामिन बी3
- विटामिन सी
- विटामिन बी2
- विटामिन ए
- निकल
- जिंक, आदि
फालसे (Grewia Asiatica) का उपयोग कितना सुरक्षित है?
फालसा खाने में काफी हद तक सुरक्षित है। लेकिन, अगर आपको किसी खाद्य पदार्थ या दवा से एलर्जी है, तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क जरूर करें। वह आपके लिए उचित सलाह दे पाएंगे। इसके अलावा, अगर आप किसी क्रॉनिक बीमारी से जूझ रहे हैं और उसके लिए दवा का सेवन कर रहे हैं, तो फालसे का दवा के रूप में इस्तेमाल करने से पहले पूरी जानकारी जरूर प्राप्त कर लें।
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साइड इफेक्ट्स
फालसा खाने से मुझे किन साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है? (Side effects of Grewia Asiatica)
फालसा खाने से होने वाले साइड इफेक्ट्स के बारे में अभी पर्याप्त जानकारी मौजूद नहीं है। लेकिन,अगर आप गर्भवती (Pregnant) या स्तनपान (Breastfeeding) करा रही महिला हैं, तो आपको इसके सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि यह शारीरिक तापमान में बदलाव ला सकता है। इसके अलावा, अगर आप अस्थमा जैसी क्रॉनिक डिजीज या एलर्जी का सामना कर रहे हैं, तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से जरूर चर्चा कर लें, क्योंकि हर्बल सप्लीमेंट (Herbal Supplement) का सेवन हमेशा सुरक्षित नहीं होता है।
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डोसेज
फालसा (Grewia Asiatica) लेने की सही खुराक क्या है?
दवा के रूप में फालसे की सही खुराक हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकती है। क्योंकि यह आपके लिंग, उम्र, स्वास्थ्य व अन्य कारणों पर निर्भर करती है। अपने लिए सही खुराक के बारे में जानने के लिए डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क करें। वह आपके स्वास्थ्य व मेडिकल हिस्ट्री को ध्यान में रखते हुए आपको उचित जानकारी उपलब्ध करवा सकते हैं।
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उपलब्धता
किन-किन रूपों में उपलब्ध है?
फालसा निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध होता है। जैसे-
- कच्चे रूप में, जैसे- फल, पत्ते, जड़ आदि
- पाउडर
- एक्सट्रैक्ट
- फालसा का जूस, आदि
हमें उम्मीद है कि, फालसा से संबंधित सभी सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे। लेकिन, यदि आपको अभी भी इसके दुष्प्रभाव, खुराक आदि से संबंधित कोई सवाल या शंका है, तो उसके समाधान के लिए किसी डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क करें।
अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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