बच्चों में डायरिया का उपचार है बटरमिल्क
घर पर बनाया गया बटरमिल्क बैक्टीरिया और जर्म्स से लड़ने में प्रभावशाली होता है। यह पाचन तंत्र को आराम पहुंचाता है और स्वाद में भी अच्छा होता है। बटरमिल्क के बेहतर परिणामों के लिए उसमें नमक और काली मिर्च डाले और बच्चे को पिलाएं। ध्यान रहे की बटरमिल्क का सेवन 8 महीने से अधिक उम्र वाले बच्चे को ही करवाएं।
बच्चों में दस्त रोकने का घरेलू उपाय है लाल दाल
बच्चे डायरिया के दौरान कुछ भी खाना पसंद नहीं करते हैं। हालांकि, अपनी एनर्जी लेवल को बनाए रखने के लिए उसे आप लाल दाल खिला सकते हैं। लाल दाल प्रोटीन और एनर्जी से भरपूर होती हैं जो की बच्चे को स्वस्थ और पाचन को आसान बनाने में मदद करती हैं। बच्चों में दस्त होने पर लाल दाल के पानी पिलाएं। इसके लिए लाल दाल को कुछ देर उबाल लें। दाल के उबलने के बाद उसे ठंडा होने के लिए रख दें। अब पानी को दाल से अलग कर लें और बच्चे को धीरे-धीरे पिलाएं। स्वाद अनुसार नमक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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बच्चों के दस्त रोकने का इलाज है नारियल पानी
नारियल पानी के अनगिनत स्वास्थ्य गुणों के अलावा यह बच्चों के दस्त रोकने का इलाज भी कर सकता है। अच्छे स्वाद के साथ-साथ नारियल पानी बच्चों में खोए फ्लूइड की कमी को भी पूरा करता है। बच्चों में दस्त होने पर दिन में 2 से 3 बार नारियल पानी देने की सलाह दी जाती है।
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गाजर है बच्चों में दस्त का घरेलू इलाज
बच्चों में दस्त लगने पर ऊर्जा की आवश्कयता होती है। इस स्थति में बच्चा कुछ भी ढंग से नहीं खा पाता है। गाजर ऊर्जा का एक बेहतर स्रोत है जिसे बच्चों को डायरिया में खाना चाहिए। दस्त के दौरान कच्ची गाजर को पचा पाना बच्चों के लिए मुश्किल हो सकता है इसलिए उन्हें गाजर का जूस बनाकर पीलैंज। अगर आपके बच्चे कि उम्र 1 वर्ष से ऊपर है तो गाजर का जूस उसके लिए सुरक्षित रहेगा।
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बच्चों में दस्त में स्टार्च युक्त आहार खिलाएं
अगर आपने शिशु को सॉलिड आहार खिलाना शुरू कर दिया है तो अब आप उसे डायरिया की स्थिति में आलू और चावल जैसे स्टार्च युक्त भोजन खिला सकते हैं। आलू स्टार्च से भरपूर होता है जो बच्चों में दस्त की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।
आलू को उबालें और उसे पीस लें। इसके बाद उसमें थोड़ा सा नमक डालें। साथ ही गैस की समस्या को कम करने के लिए आप चाहें तो आलू को जीरा पाउडर में भून भी कर सकते हैं। बच्चे में डायरिया ठीक होने तक रोजाना उसे एक बार इसका सेवन जरूर करवाएं।
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नींबू है बच्चों में दस्त का घरेलू उपचार
नींबू हर भारतीय रसोई में पाया जाता है और यह बच्चों में दस्त लगने का एक बेहद प्रभावशाली घरेलू उपचार है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पेट संबंधी रोग जैसे इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं।
रोजाना दिन में 4 से 5 बार एक चम्मच नींबू पानी से बच्चे में डायरिया और अन्य पेट संबंधी समस्याओं को खत्म कर सकता है। नींबू से बच्चे के पेट को आराम पहुंचेगा और उसके शरीर पीएच बैलेंस फिर से संतुलित हो जाएगा।
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बच्चों में लूस मोशन का उपाय है पुदीना
पुदीना को आयुर्वेदिक औषधि माना जाता है। इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण पेट संबंधी संक्रमण को नष्ट करने में मदद करते हैं। बच्चों में दस्त की समस्या का मुख्य कारण पेट खराब होना होता है। इस स्थिति में व्यवस्कों को पुदीना खाने की सलाह दी जाती है।
बड़ों की ही तरह बच्चों में डायरिया के इलाज के लिए पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है। एक छोटा चम्मच शहद और कुछ बूंद नींबू के रस को एक साथ मिलाएं। अब इसमें एक चम्मच पुदीने का रस डालें और बच्चे को दिन में 2 से 3 बार इसका सेवन करवाएं। इस मिश्रण को 2 साल की उम्र से कम वाले बच्चों को न दें।
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बच्चों में दस्त: बच्चों में डायरिया का इलाज है दही
घर पर बनाई गई फ्रेश दही की मदद से बच्चों में गुड बैक्टीरिया की कमी को पूरा किया जा सकता है। बच्चों में डायरिया होने पर इससे सबसे बेहतरीन घरेलू उपचार माना जाता है। दही की मदद से घर पर बनाई गई लस्सी और बटरमिल्क प्रोबियोटिक की तरह काम करते हैं। बच्चे को दिन में दो बार दही का सेवन करवाएं।
इसके अलावा आहार में पानी की मात्रा बढ़ाये ताकि डिहाइड्रेशन की समस्या न हो।हालांकि, की सभी घरेलू उपाय सुरक्षित होते हैं और इनका कोई साइड इफेक्ट होता है। लेकिन किसी भी प्रकार के उपचार को अपनाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर कर लें।
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बच्चों में दस्त: स्थिति अधिक गंभीर न होने दें
अगर आपके बच्चे में दस्त होने पर डिहाइड्रेशन के निम्न लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत उसे डॉक्टर के पास लेकर जाएं –
- पेशाब कम आना (डायपर कम गीला होना)
- उधम मचाना या चिड़चिड़ा होना
- मुंह सुखना
- रोने पर आंसू न आना
- असामान्य थकान या सुस्ती
- बच्चे के सिर पर सॉफ्ट स्पॉट
- त्वचा का पहले की तरह लोचदार न होना (जब आप धीरे से चुटकी लेते हैं और उसे छोड़ते हैं तो लोच वापस नहीं आता है)