छोटे बच्चों को सिर मे एक सफेद या पीले रंग की परत जम जाती है, जिसे क्रेडल केप कहा जाता है। त्वचाविज्ञान मे ऐसा कहा गया है कि अगर बच्चे की खोपड़ी मे ऐसी परत हो, तो उस पर जैतून का तेल का प्रयोग किया जा सकता है।
बालों के लिए लाभदायक
अगर मसाज करते हुए जैतून की तेल का प्रयोग शिशु के बालों में भी किया जाए, तो जैतून के तेल मसाज के फायदे और भी बढ़ जाते हैं। ऐसा साबित हुआ है कि नियमित रूप से बच्चों के बालों मे जैतून के तेल से मसाज की जाए, तो बाल स्वस्थ और घने बनते हैं। इसके साथ ही बालों की गुणवत्ता भी बढ़ती है जिससे बाल मजबूत होते है। बच्चों के लिए जैतून के तेल मसाज के फायदे मे एक यह भी है कि इसे आप किसी भी मौसम में प्रयोग में ला सकते हो बाकी तेलों का प्रयोग आप हर मौसम में नही कर सकते लेकिन जैतून के तेल का कर सकते हैं।
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अन्य लाभ
जैतून के तेल मसाज के फायदे अनेक हैं, लेकिन ऑलिव ऑइल अन्य तरीको से भी बच्चों के लिए उपयोगी है। जैसे-
- जैतून का तेल बच्चों के हार्मोन्स को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। जिससे बच्चों को चिंता या तनाव से मुक्ति मिलती है जिससे वो अच्छा महसूस करते हैं और कम रोते हैं।
- अच्छी नींद बच्चे के मानसिक ओर शरीर के विकास के लिए जरूरी है। बच्चे की अच्छी नींद में भी ऑलिव ऑइल बेहतरीन भूमिका निभाता है। इससे मालिश करने से वो आरामदायक महसूस करेगा, जिससे उसे अच्छी नींद आएगी।
- छोटे बच्चे कब्ज की समस्या से अक्सर पीड़ित रहते हैं। लेकिन अगर ऐसी स्थिति में उन्हे जैतून का तेल दिया जाए। तो उन्हें राहत मिल सकती है। लेकिन, इसके लिए डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है।
मसाज कैसे करें
जैतून के तेल मसाज के फायदे पाने के लिए आपको अपने बच्चे की मालिश कैसे करनी चाहिए, इस बारे मे भी जानना चाहिए। जानिए, कैसे करे बच्चे का मसाज:
शांत माहौल बनायें
छोटे बच्चों की मसाज करने के लिए खास तैयारी करनी पड़ती हैं। इसके साथ ही खास तकनीक और अन्य चीजों का भी ध्यान रखना पड़ता है। बच्चे की मसाज करने के लिए शांत जगह का चुनाव करें। आप बेड या जमीन पर आराम से बैठ जाएं और अपने सामने कंबल या तौलिये पर बच्चे को लिटा लें।
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आराम से छुए
बच्चे की मसाज करते हुए आपका टच बिलकुल आरामदायक होना चाहिए ताकि बच्चे को दर्द न हो और वो अच्छा महसूस करे।
मसाज करे
बच्चे के सभी अंगों की आराम से मसाज करे। उसे पेट के भार लिटा कर उसके इन अंगों की मसाज करे जैसे कंधे, सिर, गर्दन, कमर, पैर, पीठ, हाथ आदि। इसके बाद बच्चे को पीठ के भार लिटाए ओर पेट, टांगों और बाजू पर मसाज करे। रोजाना दो से तीन बार दस से पंद्रह मिनट तक मसाज करना पर्याप्त है।
मूड अच्छा रखें
मसाज के दौरान अपने मूड को अच्छा रखें और अपने बच्चे से बात करते रहें। जैसे उसे कहानी या कोई कविता सुनाए। इससे आपकी और आपके बच्चे की बॉंडिंग मजबूत होगी। देखें, आपका बच्चे की प्रतिक्रिया कैसी है। अगर आपका बच्चा खुश है और आपने हाथों-पैरों को हिला रहा है, तो वो मसाज का मज़ा ले रहा है। लेकिन अगर वो अपने सिर को दूर ले जा रहा है या रो रहा है, तो इसका अर्थ है कि वो खुश नहीं है। ऐसे में मसाज बंद कर दें और बच्चे का मूड ठीक हो, उसके बाद मसाज करें।