के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar
थाइम (Thyme) एक जड़ी बूटी है जिसके फूल, पत्ते और तेल का उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। थाइम का उपयोग कभी-कभी अन्य जड़ी-बूटियों के साथ किया जाता है। इसकी खुशबू बहुत तेज होती है। ये एक बारहमासी सदाबहार जड़ी बूटी है। यह थाइमस नामक नामक पौधे के वर्ग का प्रजाति होता है। ताजे और सूखे दोनों ही रूपों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
थाइमा का उपयोग खाना बनाने से लेकर दवाओं और घर को सजाने के लिए भी किया जाता है। इसका तेल बहुत ही लाभदायक होता है।
बेलग्रेड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए शोध में पाया कि थाइम को देने से उनका ब्लड प्रेशर कम हो गया। दरअसल, हाइपरटेंशन में चूहे बिल्कुल इंसानों जैसे रिसपॉन्ड करते हैं।
कई शोधों के अनुसार, थाइम में कई ऐसे गुण होते हैं जो कोलोन और ब्रेस्ट कैंसर से सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं।
थाइम की पत्तियों से निकाला गया ऑयल कफ को दूर करता है। एक स्टडी में पाया गया थाइम और आइवी पत्तियों को देने से कफ ठीक होता है।
थाइम में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं जो स्किन संबंधित परेशानियों को दूर करते हैं। थाइम ऑयल का प्रयोग एक्जिमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है।
यूरोपीय मध्य युग में लोग इसका इस्तेमाल अनिद्रा जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए करते थे। थाइम की महक से नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है।
आमतौर पर खाने के तौर पर इसकी पत्तियों का उपयोग विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है। इसकी हरी या सूखी पत्तियों दोनों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है। विभिन्न तरह के सूप, सॉस और मांस के खाद्य पदार्थों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल धनिये की पत्ती की तरह गार्निश के रूप में भी किया जाता है। इसकी पत्तियों से चाय भी बनाई जाती है और कई बीमारियों से बचाव करने के लिए इसका काढ़ा भी बनाया जा सकता है।
थाइम में एंटीऑक्सिडेंट्स, खनिजों और विटामिन के गुण के साथ-साथ पोटेशियम और मैंगनीज की भी उचित मात्रा पाई जाती है, जो दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बहुत ही अच्छा होता है। पोटेशियम एक वासोडिलेटर है, जो खून की नसों को आराम दिलाने और ब्लड प्रेशर को कम करके कार्डियोवैस्कुलर प्रणाली पर तनाव को कम करने में मदद करता है। यह एथेरोस्क्लेरोसिस को रोकने और ब्रेन स्ट्रोक, दिल के दौरे और कोरोनरी हृदय रोगों से भी रक्षा करने में मददगार होता है।
थाइम कैसे काम करता है, इसके बारे में ज्यादा स्टडीज नहीं हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से डिस्कस करें। हालांकि, थाइम में ऐसे रसायन होते हैं जो बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन और मामूली जलन में मदद कर सकते हैं। यह स्मूथ मांसपेशियों की ऐंठन को भी दूर कर सकता है, जैसे कि खांसी।
अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें, यदि:
दवाइयों की तुलना में हर्ब्स लेने के लिए नियम ज्यादा सख्त नहीं हैं। बहरहाल यह कितना सुरक्षित है इस बात की जानकारी के लिए अभी और भी रिसर्च की जरूरत है। इस हर्ब को इस्तेमाल करने से पहले इसके रिस्क और फायदे को अच्छी तरह से समझ लें। हो सके तो अपने हर्बल स्पेशलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसे यूज करें।
सामान्य मात्रा में थाइम का सेवन सुरक्षित है। थोड़े समय के लिए दवा के रूप में इसे लेने से संभवतः कोई हानि नहीं है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को डिस्टर्ब भी कर सकता है। आमतौर पर थाइम का तेल त्वचा के लिए सुरक्षित होता है लेकिन कुछ लोगों में, ये तेल त्वचा पर जलन कर सकता है। हांलांकि थाइम का तेल औषधीय खुराक के रूप में लेना सुरक्षित है या नहीं? इस बात की ज्यादा जानकारी नहीं है।
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थाइम आपके मेडिकल कंडीशनस और चल रही दवाओं को प्रभावित कर सकता है। इसलिए इसके सवाल से पहले अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
यहां दी हुई जानकारियों का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह के विकल्प के रूप में ना करें। डॉक्टर या हर्बलिस्ट की राय के बिना इस दवा का इस्तेमाल नहीं करें।
थाइम निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr. Shruthi Shridhar