के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
भारत में तोरई (Zucchini, Ridged Gourd, Angled Loofah) का इस्तेमाल सब्जी के रूप में खूब किया जाता है, इसलिए इससे अनजान होने की आशंका न के बराबर है। हालांकि, अलग-अलग क्षेत्रों में इसे अलग-अलग नाम से जाना जा सकता है, जैसे- तुरिया, तोरी, घिसोडा, बुरकई, रामतोरई, नेनुआ आदि। लेकिन, तोरई का इस्तेमाल सिर्फ खाद्य पदार्थ के रूप में ही नहीं किया जाता है, बल्कि आयुर्वेद के मुताबिक यह काफी महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी है, जो कि त्वचा संबंधी बीमारियों, सूजन, जुकाम, साइनस की समस्या, अर्थराइटिस का दर्द, मसल्स पेन आदि में काफी राहत प्रदान करने वाली साबित होती है। आपको बता दें कि, तोरई दो प्रकार की होती है, एक सब्जी के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली और दूसरी औषधि के रूप में, हालांकि इससे मिलने वाले फायदे काफी एक जैसे हैं। तोरई/तोरी का वैज्ञानिक नाम लूफा एकटेंगुला (Luffa Acutangula) है, जो कि कुकुरबिटेसी (Cucurbitaceae) परिवार से आता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, माइक्रो और मैक्रोन्यूट्रिएंट्स काफी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जिस वजह इसका सेवन करना काफी स्वास्थ्यवर्धक साबित होता है।
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तोरई का उपयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है। जैसे-
तोरई का सेवन करने से आपको टाइप-2 डायबिटीज के रोग से राहत मिलती है। यह शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कम करने का कार्य करती है। क्योंकि, यह एक लो-कार्ब सामग्री है और लो-कार्ब डायट आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल और इंसुलिन के स्तर को कम करने में मदद करते हैं, जिससे शरीर में रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित रहता है और आपको इस रोग से राहत पाने के लिए दवाओं का सहारा कम लेना पड़ता है। इसके साथ ही, इसमें मौजूद फाइबर आपके शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाने का काम करता है।
तोरई का सेवन करने से आपकी पाचन क्रिया स्वस्थ होती है। क्योंकि, इसमें पानी और फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है, जिससे यह पाचन क्रिया बेहतर बनती है और मल त्यागने की प्रक्रिया आसान बनती है। इसमें मौजूद सॉल्यूबल और इनसॉल्यूबल फाइबर मल को इकट्ठा होने और आसानी से शरीर के बाहर निकालने में मदद करते हैं और गट में रह रहे बैक्टीरिया के लिए फायदेमंद भी होते हैं।
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तोरई/तोरी का नियमित सेवन करने से आपको अतिरिक्त वजन घटाने में भी मदद मिलती है। क्योंकि, इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है, जिससे शरीर पर अतिरिक्त फैट नहीं चढ़ पाता। इसके अलावा, इसमें मौजूद फाइबर आपके पेट को ज्यादा देर तक भरा रखता है, जिससे आपके बार-बार भूख लगने पर अस्वस्थ खाने की आशंका कम होती है।
तोरई में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा काफी होती है, जो कि आपके शरीर को फ्री-रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। जिससे आपकी त्वचा को कई प्रकार के कैंसर और संक्रमण से बचाव के साथ पोषण प्राप्त होता है और वह स्वस्थ बनती है।
इस खाद्य पदार्थ में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो कि हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। जिससे दिल की बीमारी होने का खतरा कम होता है। इसके अलावा, कई शोध में यह सामने आया है कि, पेक्टिन जो कि एक सॉल्यूबल फाइबर है, वह बैड एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को घटाने में मदद करता है। यह सॉल्यूबल फाइबर तोरई में मौजूद होता है, जिससे दिल का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
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तोरई का सेवन सब्जी के रूप में काफी सुरक्षित रहता है। हालांकि, दवा के रूप में इससे संबंधित सुरक्षा के लिए आपको अपने से संबंधित कई स्थितियों के बारे में ध्यान रखना चाहिए। जैसे कि, क्या आप किसी क्रॉनिक डिजीज से जूझ रहे हैं या फिर आपको किसी खाद्य पदार्थ या दवा से एलर्जी है क्या। इसके अलावा, अगर आप गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला हैं, तो आपको डॉक्टर या हर्बलिस्ट की सलाह के बिना किसी चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आप इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में कर रहे हैं और आप कोई एलोपेथिक दवा का भी सेवन कर रहे हैं, तो पहले एलोपेथिक दवा का सेवन करें और उसके करीबन 30 मिनट बाद तोरई से बनी औषधि का सेवन करें।
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तोरई की सब्जी का सेवन करने पर होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, औषधि के रूप में इसका इस्तेमाल करने पर उल्टी या दस्त जैसी समस्या देखने को मिल सकती है। इसलिए किसी बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती या स्तनपान करा रही महिला, दिल की बीमारी के मरीज आदि को इसका प्रयोग करने से पहले डॉक्टर से चर्चा जरूर करनी चाहिए। इसके अलावा, डायरिया या उल्टी की समस्या का सामना कर रहे लोगों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
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दवा के रूप में तोरई की खुराक हर किसी व्यक्ति के लिए भिन्न हो सकती है। क्योंकि, यह आपकी उम्र, लिंग, स्वास्थ्य और अन्य कारणों पर निर्भर करती है। इसलिए, अपने लिए उचित खुराक पता करने के लिए डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क करें। वह आपके स्वास्थ्य व मेडिकल हिस्ट्री का अध्ययन करके आपको बेहतर सलाह दे पाएंगे।
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तोरई निम्नलिखित रूपों में आपको मार्केट या अपने आसपास मिल सकती है। जैसे-
उम्मीद है कि, आपको तोरई के उपयोग, पोषण, साइड इफेक्ट्स और खुराक से संबंधित काफी जानकारी प्राप्त हो चुकी होगी। जिससे आपको इसके बारे में काफी सवालों के जवाब मिल गए होंगे। लेकिन, अगर आप इसका उपयोग करना चाहते हैं, तो एक बार डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें। क्योंकि बेशक अधिकतर लोगों के लिए यह पूरी तरह सुरक्षित देखी गई है, लेकिन इसके दुष्प्रभावों से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए यदि आपको कोई क्रॉनिक समस्या है या आप किसी एलर्जी से ग्रसित हैं अथवा आप गर्भवती या स्तनपान करवाने वाली महिला हैं, तो इसके उपयोग से पहले एक बार एक्सपर्ट से परामर्श करना उचित रहेगा। वह आपके स्वास्थ्य का पूरा अध्ययन करके आपको उचित सलाह देगा। इसके अलावा, अगर आप हमसे किसी विषय के बारे में कोई जानकारी चाहते हैं, तो हमारे सोशल मीडिया पेज पर हमें लिख सकते हैं।
अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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