परिचय
स्विमर्स इयर क्या है?
स्विमर्स इयर एक तरह का संक्रमण है जो लंबे समय तक पानी में या बारिश में रहने के कारण कान में हो जाता है। यह कान की बाहरी त्वचा को प्रभावित करता है। यूनिवर्सिटी आॅफ लोवा के अनुसार, इस बीमारी का नाम स्विमर्स इयर होने के बावजूद ये उन लोगों को ज्यादा होती है जो तैराक नहीं हैं। ज्यादातर घर के बाहर समय बिताने वाले लोगों में ये समस्या देखने को मिलती है। जैसे किसान। किसान अपना ज्यादातर समय खेत में बिताते हैं जिसकी वजह से उनके कान में स्विमर्स इयर नाम का ये इनफेक्शन हो जाता है।
इस बीमारी को ओटिटिस एक्सटर्ना के नाम से भी जाना जाता है। ज्यादा समय तक पानी में रहने वालों में भी ये बीमारी देखी गई है। अगर पानी में बैक्टीरिया है तो खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। तैरते समय पानी कान में चला जाता है और लंबे समय तक कान में बना रहता है। कान के अंदर पानी बने रहने से स्विमर्स इयर हो जाता है।
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इस संक्रमण से बचने के कई तरीके हैं। वैसे तो कान में खुद ही इतनी क्षमता होती है कि वो इनफेक्शन को पनपने से रोक सकते हैं। इसलिए कान को हमेशा सुखाकर रखना चाहिए। नहाने के बाद भी कान के पानी को पोछना चाहिए। अगर बैक्टीरिया वाला पानी कान के अंदर ही रह गया तो यह संक्रमण पैदा कर सकता है।
उत्तरी अमेरिका में 98 प्रतिशत मामलों में देखा गया कि स्विमर्स इयर बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होता है। ज्यादातर मामलों में डॉक्टर आसानी से संक्रमण का इलाज कर सकते हैं। अगर उपचार जल्दी शुरू हो जाए तो समस्या को गंभीर होने से रोका जा सकता है।
कारण
स्विमर्स इयर के कारण क्या है?
- स्विमर्स इयर एक तरह का संक्रमण है जो बैक्टीरिया के पनपने से होता है। कान खुद ही अपनी रक्षा करते हैं। जैसे धूल, मिट्टी और पानी को कान में आने से बचाते हैं और समय-समय पर इन सभी को वैक्स के रूप में बाहर कर देते हैं।
- संक्रमण तब होता है जब बैक्टीरिया कान की प्रतिरोधक क्षमता पर हावी हो जाते हैं। ऐसे में कान अपना बचाव नहीं कर पाते और वहां बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।
- ये संक्रमण तब होता है जब कान में नमी ज्यादा होती है। जैसे पसीना आना, बारिश में घूमना और पानी में तैरना आदि गतिविधियां ज्यादा होना। ये सब चीजें बैक्टीरिया को पनपने में मदद करती हैं।
- इसके अलावा कानों की सफाई सावधानी से करनी चाहिए। किसी पिन या इयर बड से सफाई करने पर सावधानी बरतनी चाहिए। ऐसी चीजें बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद करती हैं।
- बालों में लगाने वाले पिन या कोई ज्वैलरी एलर्जी पैदा कर सकती हैं। ये चीजें संक्रमण को बढ़ाती हैं।
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लक्षण
स्विमर्स इयर के लक्षण क्या है?
- स्विमर्स इयर उन बच्चों में आम होता है जो ज्यादा समय तक तैराकी करते हैं या पानी में रहते हैं। कान में बहुत ज्यादा नमी होने से बैक्टीरिया हो जाते हैं और फंगस लग जाती है। स्विमर्स इयर ज्यादातर गर्मियों में होता है। ऐसे समय पर तैराकी करने से इनफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है।
- संक्रमण होने से कान में दर्द होता है। यह दर्द इनफेक्शन के एक-दो दिन बाद शुरू होता है और कई दिनों तक बना रहता है।
- कान को खींचते समय, कान को छूने पर या भोजन को चबाते समय कान में तेज दर्द महसूस होता है।
- इसके अलावा कान की नली में खुजली और कान के बाहरी हिस्से में लालिमा भी आ जाती है।
- गंभीर मामलों में कान की नली में सूजन या कान बंद होने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।
- संक्रमण होने से कान में पपड़ी जम जाती है। अगर उसे किसी पिन या क्लिप से निकालने की कोशिश करेंगे तो ओटिटिस एक्सटर्ना का खतरा बढ़ सकता है।
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- अगर कान की नली के बीच में संक्रमण हो जाता है तो मवाद बनने लगता है और यह नली के सहारे कान के अंदर जाता है। ऐसे में मरीज को तुरंत इलाज की जरूरत होती है। अगर घाव बाहर की तरफ होता है तो कान से निकलने वाला तरल पदार्थ बाहर की ओर निकल आता है। इससे खतरा कम होता है।
- यह संक्रमण बच्चों और युवाओं में जल्दी होता है। अगर कान की नली पतली है तो भी स्विमर्स इयर होने का खतरा बना रहता है।
परीक्षण और इलाज
स्विमर्स इयर का परीक्षण और इलाज क्या है?
- कान में दर्द होने पर डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए। जितनी जल्दी संक्रमण का इलाज शुरू होगा, उतना अच्छा है।
- डॉक्टर कान का चेकअप करके उसे साफ करने की कोशिश कर सकता है। सफाई के बाद उपचार करने से मदद मिलेगी।
- डॉक्टर संक्रमण से लड़ने और सूजन को कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स, स्टेरॉयड और अन्य दवाएं दे सकते हैं।
- स्विमर्स इयर में ज्यादा परीक्षण की जरूरत नहीं होती है। डॉक्टर सीधे इसका इलाज शुरू करते हैं।
- डॉक्टर इलाज शुरू करने से पहले कुछ दर्द निवारक दवाएं जैसे एसिटामिनोफेन (टाइलेनॉल) दे सकते हैं। दर्द कम होने से बेचैनी भी कम हो जाएगी।
- डॉक्टर इयर विक की सहायता से भी इलाज करते हैं। यह एक मुलायम रुई होती है। जिससे डॉक्टर कान को हल्के साफ करने की कोशिश करते हैं। इसके द्वारा कान के अंदर दवाइयां भी पहुंचाई जाती हैं। कुछ दिन के लिए दवाई को रुई में लगाकर कान के अंदर छोड़ दिया जाता है। फिर दो-तीन दिन में इसे बदलता है।
- डॉक्टर माइक्रोसक्शन की मदद से भी कान को साफ करते हैं।
- स्विमर्स इयर कान के अंदर नली में या बाहरी त्वचा पर भी हो सकते हैं। बाहरी त्वचा वाले संक्रमण का इलाज अलग तरह से होता है।
- अगर संक्रमण किसी बाहरी एलर्जी की वजह से हुआ है तो डॉक्टर पहले उस एलर्जी का इलाज करेंगें।
- डॉक्टर कुछ इयर ड्रॉप भी दे सकते हैं। जो सात दिनों तक अपने कान में डालनी होंगी। इसके अलावा स्प्रे भी दे सकते हैं। स्प्रे में एसिटिक एसिड होता है जो कानों को साफ करता है। यदि इससे लाभ नहीं पहुंचता है तो एंटिफंगल की कुछ बूंदें कान में डाली जाती हैं।
- संक्रमण होने से मवाद बनने लगता है। कभी-कभी यह अपने आप ठीक हो जाता है। जब मवाद बनकर फटता है तो अपने आप सारा तरल पदार्थ बाहर आ जाता है। फिर यह संक्रमण अपने आप धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।
- अकर स्विमर्स इयर के लक्षण एक हफ्ते से ज्यादा तक बने रहते हैं तो डॉक्टर कुछ एंटीबायोटिक्स लिख सकता है। यदि गंभीर दर्द है तो डॉक्टर खुद ही मवाद को निकालकर दर्द निवारक दवाएं दे देते हैं। यह कुछ दिन में ठीक हो जाता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।