बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों में भी कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम बढ़ जाती हैं, जिसमें से एक है, प्रोस्टेट की प्रॉब्लम। इसके शिकार हर सात में से एक पुरुष जरुर देखने को मिलते हैं। प्रोस्टेट प्रॉब्लम पुरुषाें की सेक्स लाइफ और यूरिन प्रॉब्लम दोनों से जुड़ी हुई है। जिसका समय रहते इलाज बहुत जरूरी है। पुरुषों में बढ़ता हुआ प्रोस्टेट, उनमें प्रोस्टेट कैंसर का कारण भी बन सकता है। ये जरूरी नहीं है कि लार्ज प्रोस्टेट का मलतब प्रोस्टेट कैंसर से ही हो। यह उनमें बीपीएच यानि कि बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (benign prostatic hyperplasia) की समस्या का संकेत भी हो सकता है। यह डॉक्टर द्वारा ही पता चल सकता है कि आपको दोनों में से क्या समस्या हुई है। वैसे प्रोस्टेट कैंसर की शुरुआत में पता नहीं चलता है, इसका पता अक्सर एडवांस स्टेज में ही जाकर ही चलता है। इसलिए दोनों समस्याओं में अंतर पहचान पाना जरूरी है। आइए, जानते हैं बीपीएच और प्रोस्टेट कैंसर में क्या अंतर है।
बीपीएच और प्रोस्टेट कैंसर में क्या अंतर है (Difference between the BPH and prostate cancer)?
प्रोस्टेट पुरुषों में पायी जाने वाली एक ग्रंथि है, जो कि अखरोट के आकार की होती है और पुरुषों में सीमेन का निमार्ण करती है। यह ग्रंथि उनके मूत्रमार्ग के पास होती है। पुरुषों को प्रोस्टेट ग्लैंड में तीन तरह की समस्याएं हो सकती है, प्रोस्टेट कैंसर (prostate cancer), बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (benign prostatic hyperplasia) और प्रोस्टेटिटिस (prostatitis)। प्रोस्टेट पुरुषों में पायी जाने वाली एक ग्रंथि है, जो कि अन्य कई छोटी ग्रन्थियों से मिलकर बनती हैं। प्रोस्टेट प्रॉब्ल्म होने पर सबसे ज्यादा यूरिन की समस्या होती है। आज हम यहां बात कर रहे हैं, प्रोस्टेट कैंसर और बीपीएच की, ये समस्या हर 7 पुरुषों में से एक में देखी जाती है।
इन दोनों में सबसे बड़ा अंतर यह है कि प्रोस्टेट कैंसर में कैंसर होता है, लेकिन बीपीएच में कैंसर नहीं होता है। प्रोस्टेट कैंसर में ग्लैंड का आकार धीरे-धीरे बढ़ने लगता है और इसके ट्रीटमेंट के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है, पर बीपीएच में ऐसा नहीं है। किसी पुरुष में प्रोस्टेट की प्रॉब्लम को पता लगाने के लिए डॉक्टर सबसे पहले पीएसए ब्लड टेस्ट की सलाह देते हैं।
बीपीएच और प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण क्या हैं? (symptoms of BPH and prostate cancer)?
बीपीएच और प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण लगभग मिलते जुलते हैं, कई बार उन्हें अलग-अलग पहचाना मुश्किल होता है। पुरुषों में कई कारणों से प्रोस्टेट बढ़ जाते है। इसके बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पुरुषों की बढ़ती उम्र है। इसके अलावा उनकी लाइफ स्टाइल भी। बढ़ता प्रोस्टेट मूत्रमार्ग को प्रभावित करता है। इसका प्रेशर यूरिन की नली में प्रेशर पड़ता है। इसके अलावा इन कुछ लक्ष्णों के तरफ भी गौर करना चाहिए।
प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण
पुरुषों में होने वाले बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया (benign prostatic hyperplasia) के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं:
- दिनभर ऐसा महसूस होना, जैसे कि आपको पेरशाब यानि कि यूरिन लगी हुई है, पर होना नहीं
- यूरिन रूक-रूक कर पास होना
- खुलकर यूरिन न होना
- यूरिन होने बाद भी ऐसा लगना कि यूरिन लगी हुई है
यदि आपको प्रोस्टेट कैंसर है, तो आपमें इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे कि:
- दर्द के साथ यूरिन पास होना (burning urination)
- यूरिन से ब्ल्ड आना (blood in your urine)
- इरेक्शन होने में परेशानी होना (Erection Problem)
- इजैक्युलेट (ejaculate) के दौरान कम फ्लूइड आना
- सीमने से ब्लड आना
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बीपीएच और प्रोस्टेट कैंसर होने के कारण
बढ़ती उम्र के साथ पुरुषों में यह समस्या हो जाना आम है। डॉक्टर को भी इसका असल तथ्य नहीं पता है कि यह बढ़ती उम्र के साथ क्यों होता है। इसे पुरुषों के शरीर में बढ़ने वाले हॉर्मोन से जोड़ा गया है। इसमें कैंसर की शुरुआत तब होती है। जब कोशिकाओं का आसामान्य निमार्ण होता है और यह कैंसर डीएनए में परिवर्तन के कारण होता है।
इनके रिस्क को बढ़ाने वाले रिस्क फैक्टर (risk factors) है:
इन दोनो के ही रिस्क फैक्टर पुरुषों की बढ़ती उम्र है। इसके अलावा कुछ और चीजें भी इसके रिस्क को बढ़ा देती हैं,जानें क्या
प्रोस्टेट कैंसर का रिस्क बढ़ाने वाले कारक
- आपकी फैमिली हिस्ट्री, यानि परिवार में पहले भी किसी को प्रोस्टेट की प्रॉब्लम हो रखी हो।
- आपका बढ़ता वजन
- आपकी खराब लाइफस्टाइल
बीपीएच का रिस्क बढ़ाने वाले कारक
- आपकी हेल्थ कंडिशन
- हैवी मेडिसन की डोज
- आपकी खराब डायट
- आपकी फिटनेस भी आपमें होने वाली बीमारी को रिस्क को बढ़ाती है।
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- डॉक्टर द्वारा दिए गए दवाईयों में शामिल हैं,अल्फा-ब्लॉकर्स, आपके प्रोस्टेट में मांसपेशियों को रिलैक्स करती हैं, जिससे आपको अधिक आसानी से यूरिन पास करने में मदद मिलती है। उनमें अल्फोज़ोसिन (Uroxatral), डॉक्साज़ोसिन (Cardura), और तमसुलोसिन (Flomax) शामिल हैं।
- 5-अल्फा रिडक्टेस इनहिबिटर आपके प्रोस्टेट के साइज को कम करते हैं। उनमें डुटेस्टराइड (एवोडार्ट) और फिनस्टरसाइड (प्रोस्कर) शामिल हैं।
डॉक्टर सर्जरी की भी सलाह दे सकते हैं