10. वीमेन एम्पावरमेंट: एनईएन (नॉर्थ ईस्ट नेटवर्क) (NEN [North East Network])
एनईएन की स्थापना वर्ष 1995 में महिलाओं पर बीजिंग विश्व सम्मेलन के एक भाग के रूप में की गई थी। यह लैंगिक अन्याय को दूर करने, समानता और मानवाधिकारों के सम्मान को शामिल करने की दिशा में काम करता है। यह संगठन असम, मेघालय, नागालैंड और उत्तर पूर्व भारत के अन्य हिस्सों में काम करता है।
महिला सशक्तिकरण यानी महिलाओं की आध्यात्मिक, राजनीतिक, सामाजिक या आर्थिक शक्ति में वृद्धि करना। भारत में महिलाएं शिक्षा, राजनीति, मीडिया, कला व संस्कृति, सेवा क्षेत्रों, विज्ञान व प्रौद्योगिकी आदि के क्षेत्र में भागीदारी करती हैं। भारत का संविधान सभी भारतीय महिलाओं की समानता की गारंटी देता है।
सिर्फ समाज में ही नहीं, बल्कि परिवार में भी महिलाओं और पुरुषों के बीच भेदभाव को कम करना जरूरी है। महिलाओं को खुद से जुड़े फैसले लेने की स्वतंत्रता होनी चाहिए। सही मायने में तभी नारी सशक्तिकरण को सार्थक किया जा सकता है। नारी सशक्तिकरण में आर्थिक स्वतंत्रता की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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वीमेन एम्पावरमेंट (Women Empowerment) के लिए देश में कई सारी योजना काम कर रही है। जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम:, किशोरियों के सशक्तिकरण के लिए राजीव गांधी योजना (सबला), इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, स्वाधार घर योजना, महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और रोजगार कार्यक्रम (STEP) जैसे कई योजना है।
देश में महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए शिक्षा पर ध्यान देना अत्यधिक जरूरी है। महिलाओं के प्रति अच्छी सोच भी लोगों या परिवार में होना जरूरी है। देश में अलग-अलग संस्थाएं मदद कर रहीं एवं सरकार द्वारा महिलाओं के लिए कई अलग-अलग योजना बनाई जा रही है। ऐसे में सभी को साथ मिलकर महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच रखने के अत्यधिक जरूरी है। आज की महिलाएं घर के साथ-साथ बड़े छोटे सभी संस्थाओं में काम कर रहीं और घर में आर्थिक मदद भी पहुंचा रहीं हैं। ऐसे में महिलाओं को साथ देना अत्यधिक जरूरी है और महिलाओं को भी किसी भी हिंसा को चुपचाप सहना नहीं चाहिए। क्योंकि डर या घबराहट के परदे से खुद बाहर निकलने की जरूरत है।