पिव्यू रिसर्च सेंटर (Pew Research Center) की एक रिपोर्ट के अनुसार 2007 और 2011 के बीच प्रजनन दर में नौ प्रतिशत की गिरावट के साथ, सभी जनसांख्यिकी में निःसंतानता बढ़ी है। 1970 के दशक में 10 में से एक महिला जो चाइल्ड फ्री रही, की तुलना में, आज पांच में से एक अमेरिकी महिलाओं के बच्चे नहीं हैं। हालांकि प्यू रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि इन महिलाओं के चाइल्ड फ्री होने के क्या कारण हैं? इंडिया में भी ऐसी महिलाओं की संख्या बढ़ रही है जो अपनी पसंद से निःसंतान (Childless by choice) होने के फैसला ले रही हैं। इन फैसले के फायदे और नुकसान दोनों हो सकते हैं।
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पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने के फायदे
फैसले के दो पहलू होते हैं पॉजिटिव और निगेटिव। पहले पॉजिटिव चीजों के बारे में जान लेते हैं। जो निम्न हैं।
सेल्फ केयर (Self care) और दूसरे रिश्तों के लिए समय रहता है
पसंद से निःसंतान (Childless by choice) रहने का एक फायदा यह हो सकता है। बच्चे होने के बाद पेरेंट्स का समय उनकी देखरेख में निकल जाता है। ऐसे में कई बार वे खुद को दूसरे रिश्तों को समय नहीं दे पाते। ऐसे में चाइल्ड फ्री रहने से कपल्स खुद के लिए और दूसरे रिश्तों और सामाजिक कार्यों के लिए समय निकाल पाते हैं।