6. मैटरनल सेप्सिस (Maternal sepsis)
मैटरनल सेप्सिस गर्भाशय का गंभीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन है, जो गर्भवती महिलाओं में होने वाली समस्या है। यह परेशानी नवजात शिशु के जन्म देने से कुछ दिन पहले होता है। जन्म देने के बाद होने वाले संक्रमण को प्रासविक सेप्सिस (Puerperal sepsis) कहते हैं। ग्रुप ए स्ट्रेप्टोकॉकस (GAS) नामक बैक्टीरिया मैटरनल सेप्सिस का अहम कारण माना जाता है। कई बार बैक्टीरिया (Bacteria) शरीर की सुरक्षा प्रणाली को नष्ट करने लगता है, जो सेप्सिस का कारण बन जाता है। संक्रमण गर्भाशय में होता है या उसके आसपास की ट्यूब, ओवरी या रक्त प्रवाह के कारण पूरे शरीर में फैल सकता है। अगर ध्यान ना दिया जाए, तो मैटरनल सेप्सिस (Maternal sepsis) शिशु के जन्म के बाद मां की मृत्यु का कारण भी बन जाते हैं। इसलिए इसके लक्षणों को इग्नोर ना करें।
मैटरनल सेप्सिस के लक्षण (Symptoms of Maternal sepsis)-
- सर्दी-जुकाम और आमतौर पर अस्वस्थ महसूस होना
- पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
- योनि के सफेद डिस्चार्ज (Vaginal discharge) होना और बदबू आना
- योनि से खून बहना
- कमजोरी महसूस होना
- बेहोश हो जाना
इसलिए गर्भवती महिलाओं को इन लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए और अपनी इन शारीरिक परेशानियों को डॉक्टर के साथ शेयर करना चाहिए।
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7. डिप्रेशन एवं मेंटल हेल्थ (Depression and Mental Health)
डिप्रेशन एवं मेंटल हेल्थ महिलाओं में होने वाली बीमारी में शामिल है। रिसर्च गेट (ResearchGate) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार भारतीय महिलाओं में मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम अत्यधिक देखने को मिल रही है। डिप्रेशन (Depression) एवं मेंटल हेल्थ (Mental health) ठीक नहीं होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन सबसे पहले इनके लक्षणों को जरूर समझना चाहिए।
डिप्रेशन एवं मेंटल हेल्थ के लक्षण (Symptoms of Depression and Mental Health)-
- किसी भी काम में ध्यान नहीं लगा पाना।
- उदास रहना।
- अकेलापन महसूस करना।
- ऐसा महसूस होना कि भविष्य अच्छा नहीं है।
- बैचेनी महसूस होना।
- सेक्स (Sex) में इंट्रेस खोना।
- गंभीर डिप्रेशन में सुसाइड के विचार भी आ सकते हैं।
अगर आपभी इन ऊपर बताये लक्षणों को महसूस कर रहीं हैं, तो अपने करीबी से बात करें। अपनी परेशानी शेयर करें और जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें।
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8. वजायनल इंफेक्शन (Vaginal Infections)
महिलाओं में होने वाली बीमारी में वजायनल इंफेक्शन (Vaginal Infections) भी शामिल है। एक रिसर्च रिपोर्ट की मानें, तो महिलाओं में बैक्टीरियल वजायनल इंफेक्शन (Bacterial Vaginal Infections) बहुत सामान्य है। तकरीबन 75 प्रतिशत महिलाओं में वजायनल यीस्ट इंफेक्शन की समस्या देखी गई है। वैसे तो यह महिलाओं को किसी भी उम्र में भी होने वाली बीमारी है, लेकिन 15-44 साल तक महिलाओं में ज्यादा होता है। वहीं महिलाओं को वजायनल यीस्ट इंफेक्शन (Vaginal Yeast Infections)की समस्या भी हो सकती है, जिसे कैंडिडिआसिस (Candidiasis) के नाम से भी जानी जाती है। भले ही ये वजायनल इंफेक्शन (Vaginal Infections) महिलाओं में होने वाली बीमारी में सामान्य माने जाते हैं, लेकिन अगर इनके लक्षणों को इग्नोर किया गया, तो परेशानी गंभीर हो सकती है। इसलिए महिलाओं को कुछ लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए।
वजायनल इंफेक्शन के लक्षण (Symptoms of Vaginal Infections)-
- वजायना में ईचिंग (Vaginal itching) होना
- वजायना का लाल (Redness) होना
- वजायना के आस-पास रैशेज (Rash) होना
- गाढ़ा, सफेद, गंधहीन डिसचार्ज होना
- वजायना के आस-पास सूजन होना
- यूरिन या फिर सेक्स करते समय जलन महसूस होना
- सेक्स (Sex) के दौरान दर्द होना
- वाइट डिस्चार्ज ज्यादा होना
- वल्वा लाल होना या जलन होना