सब क्या चाहते हैं, जितना आप इन बातों का ध्यान रखती हैं, उतनी ही इस बात को भी अहमियत दें किआप क्या चाहती हैं। आप इस प्वाइंट को भी ध्यान दें। दिनभर में आप कुछ वैसे काम भी करें, जिसे करने से आपको खुशी मिलती है। फिर चाहें वो शॉपिंग हो, फ्रेंड्स से साथ बात करना, टीवी या सीरीज देखना आदि हो। कभी-कभी अपने डेली लाइफ से ब्रेक लें और खुद के लिए समय निकालकर, किसी सोलो ट्रिप या विमेंस क्लब के साथ ग्रुप ट्रिप पर जाएं। कुछ DIY करें। कहने का अर्थ है, आप कुछ वैसे भी काम करें, जिसे करने से आपको संतुष्टि मिलती हो।
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अपनी ब्यूटी पर ध्यान दें
सुंदर और ग्लोइंग स्किन, विमेंस में आत्मविश्वास का एहसास दिलाती है। भले काम जितना भी हो, किसी विमेंस को अपनी ब्यूटी से समझौता नहीं करना चाहिए। सैलून में जाएं और खुद को समय दें। घर पर कुछ समय निकालकर होम रेमिडीज अपनाएं, हेयर ऑयलिंग करें और फेस पैक लगाएं। इस तरह आपको अच्छा भी लगेगा और आप इस सिंड्रोम से ही बाहार आ जाएंगी।
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दूसरों की हेल्प लें
आप स्वयं सब कुछ नहीं कर सकते, इसलिए कुछ कामों में दूसरो की भी हेल्प ले। किसी से मदद के लिए पूछने से कोई कमजोर नहीं होता है। तो इस प्रकार की धारणा न रखें। न ही किसी से हेल्प् मांगने में संकोच करें।
ना कहना भी सीखें
“नहीं’ कहना कोई गलत बात नहीं है। कभी-कभी इसका इस्तेमाल करना चाहिए। जरूरी नहीं है कि हर बार आप हर किसी काम के लिए “हां’ ही बोलें। कभी-कभी, जिन कामों को आपका करने का मन नहीं है। उन कामों के लिए हर बार, “हां’ नहीं बाेलना चाहिए। पर इसका, यह अर्थ भी बिल्कुल भी नहीं है कि आप हर चीज में “ना’ ही बोलना शुरु कर दें।
अगर आपको भी किसी प्रकार का तनाव है या आपको लगता है कि आप सूपरविमेन सिंड्रोम की शिकार हाे रही है, तो इन चीजों को अपनाकर आप इस समस्या से निकल सकती हैं। इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें