- चिड़चिड़ापन महसूस करना
- नींद न आना
- मेमोरी लॉस होना या समान रखकर भूल जाना
- मांसपेशियों में तनाव महसूस करना
- चिंता
- शारीरिक रूप से सक्रिय न होने पर पसीना आना
- ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता
- सामान्य दर्द या लंबे समय तक अधिक दर्द महसूस करना
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सेल्फ डायगनोसिस(Self Diagnosis) है जरूरी
इस समस्या से महिलाओं को सबसे पहले खुद निकलने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए वो खुद के साथ कुछ पैरामीटर डिफाइन करे, उसे चैक कर सकती हैं, जैसे कि:
- पता करें कि आपको सबसे ज्यादा किस पॉइंट पर प्रॉब्लम आ रही है। उसे सॉल्व करें या छोड़ दें।
- आप खुद सोचें कि क्या आपका ही सभी जिम्मदेारियों को पूरा करना जरूरी है? अपनी कुछ जिम्मेदारियों को घर वालों के साथ बाटें।
- क्या आपको खुद के लिए समय मिल पा रहा है। शायद नहीं, तो इस प्वाइंट को ध्यान में रखते हुए, खुद के लिए सयम निकालें।
- क्या आपको निगेटिव ख्याल आते हैं। अगर हां, तो अपनी सोच को सकारात्मक रखूंगी। बस ये बात अपने दिमाग को समझाने की काेशिश करें।
- खुद कि फिटनेस और ब्यूटी से समझौता न करें।
- हर किसी को हर बात पर हां कहना जरूरी नहीं है। कभी-कभी न भी कहें।
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सूपरविमेन सिंड्रोम से बचाव के टिप्स
चाहें हाउस वाइफ हो या वर्किंग विमेन, सभी अपनी जगह मल्टी टास्किंग हैं। यह मल्टी टास्किंग लाइफ ही उन्हें इस सिंड्रोम का शिकार बना सकती है। तो क्यों न इस मल्टी टास्किंग काम के साथ, थोड़ा समय खुद को देकर, लाइफ को आसान और इंटरेस्टिंग बनाया जाए। इसलिए इससे बचाव के लिए जरूरी है कि महिलाएं खुद अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं और कुछ पॉइंट्स का ध्यान रखें, जैसे कि:
अपनी फिटनेस को समय जरूर दें
किसी भी प्रकार के तनाव को दूर करने में हेल्दी लाइफस्टाइल और फिटनेस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए विमेंस को अपनी फिटनेस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हमेशा इस माइंडसेट के साथ अपने फिटनेस गोल को अचीव करना चाहिए कि आपको किसी दूसरे के लिए नहीं, बल्कि खुद के लिए फिट रहना है। इसलिए, आप यह वादा खुद से करें कि आप अपनी फिटनेस से समझौता नहीं करेंगी। इसके अलावा, इस बात का भी ध्यान रखें कि यह एक्सरसाइज आपको केवल नाम के लिए ही नहीं करनी है। बल्कि, अच्छे रिजल्ट के लिए करना है। कई महिलाओं के दिमाग में एक्सरसाइज के दौरान भी घर में अभी यह काम रह गया है, यही सब चलता रहता है। आप जिम जाएं, विमेंस फिटनेस क्लब जॉइन करें। जहां आप एरोबिक्स, जुंबा और हिप-हॉप आदि कर सकती हैं । तनाव को दूर करने के लिए स्विमिंग सबसे अच्छी एक्सरसाइज है।
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हेल्दी डायट लें
केवल इस सिंड्रोम से ही बचने के लिए नहीं, बल्कि फिजिकली रूप से भी हेल्दी रहने के लिए विमेंस को अच्छी डायट लेना बहुत जरूरी है। कई महिलाओं का काम काे पूरा करते-करने उनके खुद के खाने का कोई टाइमटेबल नहीं होता है। कभी भी खाना खाना, कई बार ऐसा हो जाता है। मानो कि जैसे आप अपनी खाने की कोई जिम्मेदारी पूरी कर रही हों। इसके अलावा, जब पोषण की बात आती है, तो इससे भी समझौता नहीं करना चाहिए। अपने डायट में उन्हें सभी पोषक तत्वों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि डायट में प्रोटीन शामिल हैं कि नहीं। इसके अलावा आपके डायट में सभी जरूरी विटामिंस हैं कि नहीं। यह भी इतना ही जरूरी है। इसलिए छोटी-छोटी बातों का पूरा ध्यान रखें। इसी के साथ अपनी फिटनेस का भी, जैसे कि कौन से फूड आपके वेट को बढ़ा सकते हैं, जरूरत न होने पर उन्हें न खाएं। कौन से फूड आपके वेट लॉस के लिए जरूरी हैं। कौन सी फ्रूट्स या सब्जियां खाने से आपके स्किन में ग्लो आएगा। इन सभी बातों पर फोक्स करें।