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वॉकिंग से होते हैं कई फायदे

वॉकिंग करना किसी भी व्यक्ति के लिए अच्छा व्यायाम हो सकता है। रोजाना वॉकिंग कई बीमारियों से लड़ने में मदद कर सकती है। अगर आप रोजाना कुछ घंटे वॉक करते हैं, तो हार्ट हेल्दी रहेगा और शरीर भी एक्टिव रहेगा। जिन लोगों का वजन तेजी से बढ़ रहा है, उनके लिए भी वॉक फायदेमंद साबित हो सकती है। वॉकिंग न केवल फिजिकल बल्कि मेंटल हेल्थ को भी दुरस्त रखने का काम करती है। जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उन्हें भी वॉकिंग करनी चाहिए। वॉकिंग की हेल्प से कैलोरी बर्न होती ही है और साथ ही कई रोग भी दूर होते हैं। आपको रोजाना 30 मिनट वॉक जरूर करना चाहिए।
शरीर को मजबूत बनाने के लिए रनिंग

जो लोग वॉकिंग कर रहे हैं, वो रनिंग को नेक्स्ट स्टेप में शामिल कर सकते हैं। शरीर को मजबूत बनाने के लिए रनिंग भी बहुत जरूरी है। रनिंग (Running) एरोबिक एक्सरसाइज है। दौड़ने के लिए आप सुबह या शाम का वक्त सही रहता है। आपको जितना भी समय सही लगे, उस समय रनिंग करें। अगर आपको रनिंग का लाभ चाहिए, तो आपको कुछ समय तक ये शेड्यूल फॉलो करना पड़ेगा। रोजाना रनिंग करने से डायजेशन बेहतर होगा है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है। अगर आपको किसी प्रकार की टेंशन रहती है, तो आपके लिए रनिंग बेहतरीन एक्सरसाइज है। ऐसा करने से आप टेंशन फ्री रहेंगे और साथ ही आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। आप रनिंग का ड्यूरेशन एक साथ नहीं बल्कि धीमें-धीमें बढ़ाएं।
हेल्थ एंड फिटनेस (Health fitness) के लिए स्विमिंग

अगर आपको स्विमिंग आती है, तो हेल्थ एंड फिटनेस (Health fitness) के लिए ये प्लस पॉइंट है। स्विमिंग के दौरान शरीर के सभी अंग शामिल होते हैं। 30 मिनट की स्विमिंग आपके शरीर को फिट रखने में मदद कर सकती है। ये जरूरी नहीं है कि आप रोजाना स्विमिंग करें। अगर आप हफ्ते में तीन से चार बार स्विमिंग करते हैं, तो आपके शरीर को बहुत से फायदे पहुंच सकते हैं। बेहतर ब्लड सर्कुलेशन के लिए, कैलोरी बर्न करने के लिए, मसल्स को मजबूत करने में स्वीमिंग फायदा पहुंचा सकती है।अगर आपको स्विमिंग नहीं आती है और आप इसकी शुरूआत करना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि आप एक्सपर्ट की देखरेख में ही स्विमिंग करें। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं भी खुद को फिट रखने के लिए स्विमिंग कर सकती हैं। महिलाओं के मन में ये डर रहता है कि कहीं स्विमिंग उनके बच्चे को नुकसान न पहुंचाए। अगर आपके मन में भी ये प्रश्न है, तो बेहतर होगा कि इस संबंध में डॉक्टर से एक बार परामर्श जरूर करें।
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मेडिटेशन से करें मन शांत
जिस तरह से वॉकिंग, रनिंग, स्विमिंग शरीर को लाभ पहुंचाने का काम करते हैं, ठीक वैसे ही ध्यान लगाना हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। ध्यान लगाना यानी मेडिटेशन एक प्रोसेस है, जिसमें शांत माहौल की खासतौर पर जरूरत पड़ती है। मेडिटेशन करने के लिए आपको खाली पेट रहना चाहिए। धीरे-धीरे गहरी सांस लेना और फिर सांस को बाहर निकालना मेडिटेशन की प्रक्रिया में शामिल है। अगर आपको किसी भी चीज में फोकस करने में दिक्कत होती है, तो आपके लिए मेडिटेशन लाभकारी साबित हो सकता है। जो लोग रोजाना मेडिटेशन करते हैं, उन्हें स्ट्रेस से राहत मिल सकती है। साथ ही ध्यान लगाने से अवसाद या डिप्रेशन से भी निजात मिल सकती है। ब्लड प्रेशर में सुधार, दिल की अच्छी सेहत, नींद में सुधार आदि मेडिटेशन के लाभ में शामिल है।
वेट लिफ्टिंग फिटनेस एक्सरसाइज (Weight lifting Fitness exercises)
वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज शरीर को फिट रखने में मदद करती है। अगर आप जिम जाते होंगे, तो ये एक्सरसाइज आप जरूर करते होंगे। घर पर वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज की जा सकती है, लेकिन बिना ट्रेनर की हेल्प से वेट लिफ्टिंग करना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। लाइट वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज से आप शुरूआत कर सकते हैं। स्ट्रॉन्ग वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज दूसरे चरण में शामिल करें। वेट लिफ्टिंग करते समय फिटनेस ट्रैकर पहनें। आप फिट बॉडी के लिए दिए गए तरीकों को भी अपना सकते हैं।
हेल्थ एंड फिटनेस के लिए जिम (Health fitness)
सही तरीके से वर्कआउट करने के लिए आप जिम का चुनाव कर सकते हैं। जिम की सहायता से बॉडी को टोन किया जा सकता है। जिम में वर्कआउट के दौरान इंजुरी की संभावना कम रहती है, क्योंकि वहां एक्सपर्ट की देखरेख में वर्कआउट किया जाता है। एक बात का ध्यान रखें कि जिम में एक्सरसाइज करने के लिए एनर्जी की जरूरत पड़ती है। ऐसे में आपको कभी भी खाली पेट जिम में एक्सरसाइज नहीं करना चाहिए। जब भी एक्सरसाइज करें, उससे पहले वार्मअप जरूर कर लें। ऐसा करने से मसल्स स्ट्रेन की संभावना कम हो जाती है। पूरी बॉडी को फिट बनाने के लिए जिम में सिर्फ कॉर्डियो न करें, बल्कि ट्रेनर के अनुसार ही एक्सरसाइज करें।
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बीमारियों के उपचार के रूप में योग
योग न केवल शरीर बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने का काम करता है। कुछ बीमारियों के उपचार के लिए योग बहुत फायदेमंद साबित होता है। आप योग को हर रोज करेंगे, तो आपको कुछ ही दिनों बाद अपने आप फायदे नजर आने लगेंगे। अवसाद में राहत, थकान से राहत, मोटापे से छुटकारा पाने के लिए, ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए, मसल्स स्ट्रेन से छुटकारा पाने के लिए, अच्छी नींद के लिए, दिमाग की एकाग्रता बढ़ाने यानी मैमोरी को तेज करने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। योग कई प्रकार के होते हैं। कुछ योग जैसे कि अष्टांग या पावर योग, बिक्रम योग,इंटीग्रल योग, अयंगर योग, कुण्डलिनी योग आदि योग आप कर सकते हैं। पावर योग शरीर के स्टेमिना को बढ़ाने का काम करता है। पावर योग में मूवमेंट्स की मदद से आप खुद को फिजिकल और मेंटल फिट रख सकते हैं। पावर योग करने से शरीर फ्लेक्सिबल बनता है और साथ ही एक्ट्रा कैलोरी भी कम होती है। पावर योग करने से शरीर के विषैले पदार्थ भी आसानी से बाहर निकलते हैं। अगर आपको अच्छी नींद नहीं आती है, तो आपको योग जरूर करना चाहिए। पावर योग के साथ ही अन्य योग करने से पहले शरीर को वार्मअप करना न भूलें।
हेल्दी हार्ट के लिए कार्डियो (Cardio)

कार्डियो वर्कआउट दिल से जुड़ी बीमारियों को दूर करने का काम करता है। साथ ही ये फेफड़ों यानी लंग्स को भी स्वस्थ्य रखने का काम करता है। कार्डियो वर्कआउट आसानी से घर में या फिर जिम में किया जा सकता है। कुछ एक्सरसाइज जैसे कि क्रॉस जैक, जंपिंग जैक, स्पॉट जॉग्स, रस्सी कूदना, माउंटेन क्लाइमबर (Mountain climber) आदि कार्डियो वर्कआउट में शामिल है। कार्डियो वर्कआउट ब्रेन हेल्थ के लिए भी अच्छा वर्कआउट माना जाता है। अगर आपको डिप्रेशन की समस्या है, तो कार्डियो वर्कआउट आपको फायदा पहुंचा सकता है। कार्डियो वर्कआउट करने के दौरान आप ट्रेनर की हेल्प भी ले सकते हैं। ये फिजिकल हेल्थ के साथ ही मेंटल हेल्थ को भी सुधारने का काम करता है। कार्डियो वर्कआउट को यदि नियमित रूप से किया जाए, तो ब्लड में शुगर का लेवल भी कंट्रोल रहता है।
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बॉडी स्ट्रेंथ के लिए स्क्वॉट्स
अगर आपके शरीर में वसा अधिक जम गया है और आप उसे कम करना चाहती हैं, तो स्क्वॉट्स आपकी मदद कर सकता है। स्क्वॉट्स करना कठिन नहीं है और आप इसे कभी भी कर सकते हैं। अगर आप रोजाना स्क्वॉट्स करते हैं, तो ये शरीर की स्ट्रेंथ को मजबूत बनाने का काम करता है। स्क्वॉट्स के प्रकार में बेसिक स्क्वॉट्स, हाफ स्क्वॉट्स, बैक स्क्वॉट्स, वॉल स्क्वॉट्स, डीप स्क्वॉट्स शामिल है। आप ट्रेनर से स्क्वॉट्स करने की सही विधि के बारे में जरूर जानकारी लें। स्क्वॉट्स मसल्स को मजबूत करने का काम करता है। साथ ही ये शरीर के फैट को भी कम करता है। जिन लोगों को डायजेशन की समस्या हो, उन्हें स्क्वाट्स जरूर करना चाहिए। अगर आपको स्क्वॉट्स करने में दिक्कत हो रही है, तो इस बारे में अपने ट्रेनर को जरूर बताएं।
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लेग प्रेस
लेग प्रेस एक्सरसाइज करने से बॉडी का लोअर पार्ट टोन होता है। ये शरीर को स्ट्रॉन्ग बनाने के साथ ही एक्ट्रा कैलोरी को खर्च करने में भी मदद करता है। लेग प्रेस जिम में किया जा सकता है। ये पैरों की मजबूती के लिए अच्छी एक्सरसाइज है। एक्सरसाइज के लिए मशीन जैसे कि एंगल्ड लेग प्रेस मशीन, वर्टिकल लेग प्रेस मशीन,हॉरिजेंटल लेग प्रेस मशीन आदि की सहायता से पैरों की एक्सरसाइज की जाती है। लेग प्रेस के दौरान अधिक सावधानी रखने की जरूरत होती है। अगर वेट अधिक हो जाता है, तो स्पाइनल कॉर्ड को खतरा बढ़ सकता है। बेहतर होगा कि आप बिना ट्रेनर की सहायता से इसे करने की कोशिश न करें।
हेल्थ एंड फिटनेस के लिए पुशअप
बॉडी के अपर पार्ट को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए आप पुशअप को डेली एक्सरसाइज में शामिल करें। पुशअप करने से शरीर की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है, क्योंकि इसे करने से लिए पूरी बॉडी को मेहनत करनी पड़ती है। इससे न सिर्फ बाजू बल्कि पूरी अपर बॉडी एक्टिव रहती है। पुशअप को घर पर ही आसानी से किया जा सकता है। पुशअप हाथ-पैरों को टोन करने का काम करता है। आप ट्रेनर की हेल्प से डबल हैंड पुशअप, क्लोज पुशअप, सिंगल हैंड पुशअप, वाइडर पुश अप्स की प्रैक्टिस कर सकते हैं। ये आपकी बॉडी को फिट रखने में अहम भूमिका निभाएगा।
क्रंचेज वर्कआउट
एब्स बनाने के लिए क्रंचेज वर्कआउट किया जाता है। इसे एब्डॉमिनल एक्सरसाइज भी कह सकते हैं। अगर आपको पेट की चर्बी कम करनी है, तो क्रंचेज वर्कआउट शुरू कर दें। क्रंचेज वर्कआउट के लिए बैंच या फिर स्विस बॉल का यूज भी किया जा सकता है। इस वर्कआउट को करते समय जमीन में पीठ के बल लेटना होता है। घुटनों को मोड़कर हाथों को गर्दन के पीछे रखकर, ऊपर की ओर उठना होता है।
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हेल्थ एंड फिटनेस : इन बातों का रखें ध्यान (Health fitness)
एक्सरसाइज की हेल्प से शरीर की कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। अगर किसी कारण से वेट बढ़ गया है, तो आप वॉकिंग या रनिंग की हेल्प से वजन कम कर सकते हैं। साथ ही एक्सरसाइज की हेल्प से डायबिटीज की समस्या, हार्ट की समस्या, इम्यूनिटी को बढ़ाना, एंटी एजिंग को रोकना और बोंस को मजबूत बनाने का काम किया जा सकता है। आप जब भी एक्सरसाइज करें, इस बात का ख्याल रखें कि आपको किसी प्रकार की इंजुरी न हो। अगर ऐसा होता है, तो आपको तुरंत ट्रीटमेंट कराना चाहिए। साथ ही एक्सरसाइज के दौरान हाइड्रेशन का पूरा ख्याल रखें। अगर आप बीमार है, तो डॉक्टर से पूछने के बाद ही एक्सरसाइज करें। कई बार ज्यादा एक्सरसाइज भी समस्या खड़ी कर सकती है। बेहतर होगा कि ट्रेनर की देखरेख में ही एक्सरसाइज करें। अगर एक्सरसाइज करने के बाद शरीर के किसी हिस्से में अधिक दर्द महसूस हो रहा है, तो बेहतर होगा कि आप ट्रेनर को इस बारे में जरूर बताएं।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। हेल्थ एंड फिटनेस (Health fitness) सभी के लिए जरूरी है। अच्छी हेल्थ के लिए अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखेंगे, तो फिट रहेंगे। बिना एक्सपर्ट की सलाह के आप किसी भी तरह की स्पेशल डायट न लें। हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।