परिचय
ऑस्टियोपीनिया (Osteopenia) क्या है?
ऑस्टियोपीनिया हड्डियों से संबंधित एक समस्या है। ऑस्टियोपीनिया में व्यक्ति की हड्डियां कमजोर हो जाती है। आसान भाषा में कहा जा सकता है कि हड्डियों की सघनता कम हो जाती है। अक्सर ऑस्टियोपीनिया 35 साल के उम्र के बाद होता है। ऑस्टियोपीनिया का इलाज अगर समय से नहीं किया गया तो आगे चल कर ऑस्टियोपोरोसिस (Osteopenia) हो जाता है।
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कितना सामान्य है ऑस्टियोपीनिया (Osteopenia) होना?
पुरुषों की तुलना महिलाओं को ऑस्टियोपीनिया का ज्यादा शिकार होती हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
लक्षण
ऑस्टियोपीनिया के क्या लक्षण है? (Symptoms of Osteopenia)
ऑस्टियोपीनिया का कोई लक्षण नहीं पता चलता है। हड्डियों (Bone) की सघनता खत्म होने के कारण दर्द (Pain) का एहसास भी नहीं होता। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
ऑस्टियोपीनिया अलग-अलग लोगों पर अलग प्रभाव पड़ता है। इसलिए डॉक्टर से बात कर लें।
कारण
ऑस्टियोपीनिया होने के कारण क्या है? (Cause of Osteopenia)
ऑस्टियोपीनिया होने के कारण हड्डियां पतली होती जाती हैं। हड्डी के पतले होने की प्रक्रिया आधी उम्र के बाद शुरू होती है। इस उम्र में कोशिकाएं शरीर द्वारा अवशोषित कर ली जाती हैं। जिसके कारण हड्डी से मिनरल आदि खोने लगता है। जिससे उसके फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। कभी-कभी ऑस्टियोपीनिया दवाओं आदि के कारण भी हो जाता है।
ऑस्टियोपेनिया (Osteopenia) के जोखिम उन लोगों में ज्यादा होता है जिनके फैमिली में ऑस्टियोपोरोसिस का इतिहास रह चुका हो, हड्डी का फ्रैक्चर, धूम्रपान, संधिशोथ, कोर्टिकोस्टेरोइड (प्रेडनिसोन या प्रेडनिसोन) का उपयोग, महिलाओं में कम एस्ट्रोजन, पुरुषों में कम टेस्टोस्टेरोन, कुपोषण की
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जोखिम
ऑस्टियोपीनिया (Osteopenia) के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?
ऑस्टियोपीनिया में निम्न रिस्क फैक्टर हैं :
- एशिया और गोरी प्रजाति की महिलाओं में ऑस्टियोपीनिया का खतरा सबसे ज्यादा रहता है।
- पारिवारिक इतिहास में बॉडी मिनरल डेंसिटी (BMD) कम होना
- 50 साल की उम्र के बाद होना
- 45 साल के पहले ही मेनोपॉज (Menopause) होना
- मेनोपॉज से पहले ही ओवरीज को निकाल देना
- ज्यादा एक्सरसाइज न करना
- विटामिन डी (Vitamin D) और कैल्शियम (Calcium) की कमी से युक्त खराब डायट लेना
- तंबाकू का ज्यादा सेवन करने से
- ज्यादा मात्रा में एल्कोहॉल (Alcohol) या कैफीन (Caffeine) पीना
- फेनिटोइन या प्रेडनिसोन लेने से
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कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं ऑस्टियोपीनिया का जोखिम और बढ़ा देती हैं :
- एनोरेक्सिया
- बलिमीया
- कशिंग सिंड्रोम
- हाइपरपैराथाइरॉइडिज्म
- हाइपरथाइरॉडिज्म
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उपचार
प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
ऑस्टियोपीनिया का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Osteopenia)
ऑस्टियोपीनिया की जांच बॉडी मिनरल डेंसिटी (BMD) के द्वारा किया जाता है। ये टेस्ट नेशनल ऑस्टियोपीनिया फाउंडेशन की तरफ से रिकमंड किया जाता है। जिसमें एक्स-रे (X-ray) एब्सॉर्पटियोमेट्री या डीएक्सए स्कैन (DXA scan) किया जाता है। डीएक्सए स्कैन से नितंब, स्पाइन, कलाई आदि में BMD की जांच की की जाती है। ये सभी अंगों पर बोन फ्रैक्चर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। फ्रैक्चर रिस्क को बताने के लिए BMD सबसे सटीक तरीका है।
डीएक्सए स्कैन दो तरह के रिजल्ट दोता है : टी स्कोर (T Score) और जेड स्कोर (Z Score)। जेड स्कोर की तुलना समान उम्र और लिंग के साथ की जाती है। टी स्कोर की तुलना समान लिंग के 30 साल की उम्र के स्वस्थ व्यक्ति से की जाती है। मानक के आधार पर ही ऑस्टियोपीनिया का रिजल्ट निकाला जाता है।
वहीं, ऑस्टियोपीनिया के लिए अन्य टेस्ट भी होते हैं। जैसे- एक्स-रे एब्सॉर्पटियोमेट्री [X-ray absorptiometry (pDXA)], क्वांटेटिव कंप्यूटेड टोमोग्राफी (QCT), पेरिफेरल क्यूसीटी (pQCT) और क्वांटेटिव अंट्रासाउंड डेंसिटोमेट्री (QUS)। कभी कबार रुटीन एक्स-रे भी ऑस्टियोपीनिया के बारे में बता देता है, जैसे- स्पाइनल ऑस्टियोपीनिया।
ऑस्टियोपीनिया का इलाज कैसे होता है? (Treatment of Osteopenia)
ऑस्टियोपीनिया का इलाज इस तरह से किया जाता है कि वह आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस (Osteopenia) न बने। इसके आपके इलाज के साथ डाइट और एक्सरसाइज को भी शामिल किया जाता है। जब आपका BMD लेवल ऑस्टियोपीनिया के बहुत पास होता है तो डॉक्टर किसी भी तरह की दवा नहीं देते हैं। डॉक्टर कैल्शियम और विटामिन-डी (Vitamin-D) के सप्लिमेंट्स को आपके डाइट में शामिल करने के लिए कहते हैं।
घरेलू उपचार
जीवनशैली में क्या बदलाव करूं जो मुझे ऑस्टियोपीनिया को ठीक करने में मदद करें ?
ऑस्टियोपीनिया को लाइफस्टाइल में बदलाव और घरेलू उपाय से भी ठीक किया जा सकता है :
ऑस्टियोपीनिया डाइट (Osteopenia diet)
कैल्शियम और विटामिन-डी के लिए बिना फैट वाले डेयरी उत्पाद का सेवन करें, जैसे- चीज, दूध और दही। इसके अलावा संतरे का जूस, ब्रेड और फोर्टिफाइड अनाज खाएं। कुछ अन्य भोजन को आप कैल्शियम के लिए खा सकते हैं :
ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए आपको एक दिन में लगभग 1200 मिलीग्राम कैल्शियम और 800 आईयू विटामिन डी लेनी चाहिए।
ऑस्टियोपीनिया एक्सरसाइज (Osteopenia exercises)
अगर आपको प्रीमीनोपॉज हुआ है तो आपको रोजाना आधे घंटे टहलना, कूदना या दौड़ना चाहिए। ऐसा करने से आपकी हड्डियों में मजबूती आएगी। वेट लिफ्टिंग या घुटने को जमीन पर छूने वाली एक्सरसाइज आप कर सकते हैं। स्वीमिंग और साइकलिंग आपके दिल (Heart) और मांसपेशियों की मजबूती में मदद करेगा। इससे आपका BMD लेवल ठीक रहेगा।
इसके अलावा आप हड्डियों की मजबूती के लिए निम्न एक्सरसाइज कर सकते हैं :
हिप अब्डक्टर्स (Hip abductors)
हफ्ते में दो या तीन बार इस एक्सरसाइज को करने से नितंबों में बैलेंस के साथ मजबूती आएगी।
- कुर्सी के पीछे की तरफ उसे पकड़ कर सीधे खड़े हो जाए।
- इसके बाद दूसरा हाथ कमर पर रखें और एक पैर पर खड़े हो जाएं।
- इसके बाद जो पैर कुर्सी के विपरित है उसे खोल कर थोड़े दूर तक उठाएं।
- इस प्रक्रिया को 10 बार दोहराएं। फिर अपनी दिशा बदल कर दूसरे पैर के साथ भी यही एक्सरसाइज करें।
टो एंड हिल रेज (Toe and heel raises)
- कुर्सी के पीछे सीधे खड़े हो जाएं और कुर्सी के पीछे के हिस्से को दोनों हाथों से पकड़ लें।
- अपने एड़ियों को अंगूठे के सहारे जमीन से ऊपर उठाएं। लेकिन, घुटनों को न मुड़ने दें।
- इसी मुद्रा में लगभग पांच सेकेंड के लिए खड़े रहें।
- इसे 10 बार दोहराएं।
प्रोन लेग लिफ्ट्स (Prone leg lifts)
- सबसे पहले पेट के बल आप मैच पर लेट जाएं।
- पेट के नीचे आप तकिया रख लें। पैरों को बिल्कुल सीधा रखें।
- इसके बाद आप एक लंबी सांस लें और दोनों पैरों को जमीन के विपरीत ऊपर की तरफ उठाएं।
- इसी मुद्रा में लगभग पांच या दस सेकेंड तक रूकें। फिर से पैरों को जमीन पर ले कर आएं।
- इस एक्सरसाइज को लगभग 10 बार दोहराएं।
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।