उम्र: ज्यादातर स्पर्म बैंकों को स्पर्म के लिए 18 से 39 वर्ष के बीच के पुरुषों की आवश्यकता होती है। कुछ स्पर्म बैंक अधिकतम आयु सीमा 34 निर्धारित करते हैं।
फिजिकल एग्जाम: इसमें आपके ब्लड और यूरिन सैंप्ल लिए जाएंगे, जिससे यह पता लगाया जा सके कि आपको कोई संक्रामक रोग जैसे एचआईवी तो नहीं है। यदि आप एक रेग्युलर स्पर्म डोनर बन गए हैं तो आपको स्पर्म डोनेट करने के लिए हर 6 महीने में फिजिकल एग्जाम कराना होगा। इसके साथ ही आपको स्वास्थ्य में किसी भी परिवर्तन होने के बारे में जानकारी देने के लिए कहा जाएगा।
सीमन टेस्टिंग: आपको अपने सीमन के कई सेम्पल देने होंगे। प्रत्येक नमूना देने से पहले, आपको 48 से 72 घंटों तक इजैक्यूलेशन से बचने के लिए कहा जाएगा। आपके द्वारा प्रदान किए गए नमूनों का विश्लेषण शुक्राणु की मात्रा, गुणवत्ता और गति के लिए किया जाएगा।
जेनेटिक टेस्टिंग: जेनेटिक टेस्टिंग यह देखने के लिए किया जाता है कि कहीं आप किसी आनुवांशिक स्थिति के वाहक तो नहीं हैं। इसे करने के लिए आपके ब्लड का सैम्पल लिया जाता है।
फैमिली मेडिकल हिस्ट्री: आपको कम से कम अपने परिवार की पिछली दो पीढ़ियों की मेडिकल हिस्ट्री शेयर करनी होगी। यदि आपके परिवार की फैमिली हिस्ट्री में कोई रोग है तो आपको स्पर्म डोनर बनने से डिसक्वालिफाई किया जा सकता है।
पर्सनल और सेक्सुअल हिस्ट्री: आपको अपनी यौन गतिविधियों, दवा का उपयोग और अन्य व्यक्तिगत जानकारी का एक विस्तृत इतिहास प्रदान करने की आवश्यकता होगी। इससे यह पता लगाया जजाता है कि क्या आपको कोई संक्रामक बीमारी विकसित होने के जोखिम कारक हैं। आपको अपनी व्यक्तिगत आदतों, शिक्षा से जुड़ी जानकारी, पसंद, नापसंद और रुचियों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा करने के लिए कहा जाएगा। कई स्पर्म बैंक आपको अपनी तस्वीरें या वीडियो या अपनी आवाज की ऑडियो रिकॉर्डिंग प्रदान करने के लिए भी कह सकते हैं।
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हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में स्पर्म डोनेशन से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि आप इसके बारे में अन्यय कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो बेहतर होगा इसके लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें।