डेंटल सीलेंट (Dental Sealant ) एक पतली, प्लास्टिक या अन्य किसी मेटेरियल से बनी कोटिंग (Coating) होती है। इसका उपयोग पीछे के दांतों जिन्हें प्रीमोलर्स (Premolars) और मोलर्स (Molars) कहा जाता है पर किया जाता है। यह बच्चों के दांतों को कैविटीज (cavities) से बचाने में बेहद मददगार है। यह लेयर आसानी से दांतों से चिपक जाती है और हर दांत के इनामल (Enamel) के लिए प्रोटेक्टिव शील्ड की तरह काम करती है। आपको बता दें कि यह ब्रशिंग और फ्लोसिंग (Flossing) का सब्सिट्यूट नहीं है, लेकिन डेंटल सीलेंट (Dental Sealant) कैविटी की शुरुआत को रोकने में मददगार है। यह अर्ली स्टेज पर ही कैविटी (Cavity) को रोकने का काम कर देती है। डेंटल सीलेंट लगवाना एक दर्दरहित प्रॉसेस है। जिसे आसानी से डॉक्टर की मदद से अपनाया जा सकता है।
बच्चों के लिए डेंटल सीलेंट कितने उपयोगी है? (Dental Sealant For Children)
बच्चों और टीनएजर्स में दांतों की सड़न की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। जिसके चलते अक्सर पैरेंट्स डेंटल सीलेंट की मदद लेते हैं। हालांकि व्यस्क भी कैविटी होने या न होने पर दांतों की सुरक्षा के लिए डेंटल सीलेंट का उपयोग कर सकते हैं। डेंटल सीलेंट्स दांतों में कैविटी की शुरुआत होने वाली उम्र 6-14 वर्ष में ही दांतों को इससे बचाने का काम करते हैं।
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डेंटल सीलेंट (Dental Sealant) कितने दिनों तक चलता है?
डेंटल सीलेंट दांतों को कैविटी से 10 साल तक प्रोटेक्ट कर सकता है। डेंटल सीलेंट्स लगावाने के बाद रेगुलर डेंटल चेकअप जरूरी होता है। कई बार आवश्यक होने पर डेंटिस्ट सीलेंट्स को रिप्लेस भी कर सकते हैं। सीडीसी (CDC) के अनुसार डेंटल सीलेंट को लगवाने के बाद यह 2 साल तक 80 प्रतिशत तक कैविटी से सुरक्षा प्रदान करता है। वहीं लगावाने के 4 साल तक 50 प्रतिशत तक दांतों की सड़न से सुरक्षा देता है। बता दें कि सीलेंट्स को लगवाने वाले बच्चों की तुलना में सीलेंट्स का उपयोग न करने वाले बच्चों में तीन गुना ज्यादा कैविटी पाई जाती है। सीलेंट्स लगवाने के बाद इनकी देखरेख करना जरूरी होता है। डेंटल सीलेंट के खराब होने पर इसे दोबारा लगाने की जरूरत होती है। डेंटल सीलेंट का दांतों पर कोई बुरा रिएक्शन देखने को नहीं मिलता।
डेंटस सीलेंट्स को कैसे लगाया जाता है? (Dental Sealant implanting Process)
सीलेंट्स को लगाना आसान और दर्दरहित प्रॉसेस है। कुछ मिनटों में ही डेंटिस्ट सीलेंट को हर एक दांत पर लगा देते हैं। इसका प्रॉसेस निम्न प्रकार है।
- पहले जिन दांतों पर सीलेंट्स लगाया जाना है उन्हें अच्छी तरह से साफ किया जाता है।
- इसके बाद प्रत्येक दांत को सुखाया जाता है, इसके लिए कॉटन या किसी अन्य दांतों को सुखाने वाले मटेरियल की मदद ली जाती है।
- अगले स्टेप में एसिड सॉल्यूशन का उपयोग च्यूइंग सरफेस पर किया जाता है। यह सीलेंट्स को दांतों से चिपकने में मदद करता है।
- अब फिर से दांतों को हल्का साफ करके सुखाया जाता है
- इसके बाद सीलेंट को दांतों के एनामल पर पेंट कर दिया जाता है। यह डायरेक्टली दांतों से चिपक जाता है और सख्त हो जाता है।
- कई बार स्पेशल कलरिंग लाइट का उपयोग सीलेंट्स को हार्ड करने के लिए भी किया जाता है।
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कैविटी के कारण क्या हैं? (Cavity Causes)
हर व्यक्ति के मुंह में बैक्टीरिया होते हैं, जो दांतों की सड़न या कहें कि कैविटी का कारण बनते हैं। जब हम खाना खाते हैं तो बैक्टीरियाज को भी उनसे भोजन मिलता है। यह हमारे फूड और ड्रिंक्स में से मिलने वाली शुगर को कंज्यूम करते हैं और एसिड का निमार्ण करते हैं। यह एसिड दांतों के टूथ सरफेस (एनामल) को डैमेज करता है। कुछ समय के बाद यह डैमेज दांतों में बनने वाले होल के रूप में बदल जाता है। अगर समय रहते इसका इलाज ना किया जाए तो यह होल बढ़ता जाता है और इससे इंफेक्शन हो सकता है। कैविटी पीछे के दांतों में सबसे ज्यादा देखने को मिलती है।
दांतों में होने वाली कैविटी को रोकने के उपाय (Tips for Prevent Cavity)
कुछ उपायों को अपनाकर बच्चे और बड़े दांतों में होने वाली कैविटी को रोक सकते हैं।
- दिन में दो बार ब्रश करें। एक बार सुबह और एक बार सोने से पहले।
- 18 साल के बाद फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग करें।
- बच्चे 2 साल की उम्र के बाद फ्लोराइड टूथपेस्ट का उपयोग कर सकते हैं।
- स्टेंडर्ड फ्लोराइड का उपयोग बच्चों को 6 साल या इससे अधिक उम्र के बाद करना चाहिए।
- शुगरी फूड्स और ड्रिंक्स का उपयोग ना करें। स्पेशली मील्स के बीच में।
- पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं।
- रेगुलर ओरल चेकअप के लिए जाएं।
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डेंटल सीलेंट (Dental Sealant) के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या डेंटल सीलेंट (Dental Sealant) टूथ फिलिंग (Tooth Filling) से बेहतर है?
सीलेंट्स एक आसान और जल्दी संपन्न होने वाली दर्दरहित प्रॉसेस है। वहीं सीलेंट फिलिंग से कम एक्सपेंसिव और आसानी से अप्लाई होने वाली कोटिंग है। फिलिंग की तुलना में डेंटल सीलेंट्स से दांतों की कैविटी जल्दी दूर होती है और वे स्वस्थ दिखाई देते हैं।
क्या हमें डेंटिस्ट से अपने बच्चों के लिए डेंटल सीलेंट (Dental Sealant) लगाने के लिए कहना चाहिए?
बच्चों को कैविटी से बचाने के लिए यह एक इफेक्टिव प्रॉसेस है। बच्चों और टीनएजर्स के डेंटल कैविटी एक कॉमन क्रोनिक कंडिशन है। अगर इसका इलाज ना किया जाए तो दर्द और इंफेक्शन का कारण बनती है। जिससे बच्चों को खाने, बोलने और पढ़ने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
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क्या डेंटल सीलेंट (Dental Sealant) को लगवाने के बाद बच्चे को दांतों में कुछ अलग अनुभव होगा?
सीलेंट्स काफी पतले होते हैं जो दांतों के गढ्ढों में आसानी से फिट हो जाते हैं। कुछ समय तक बच्चे जीभ से छूने पर सीलेंट का अनुभव कर सकते हैं, लेकिन उनके अच्छी तरह फिट होने के बाद ऐसा अनुभव भी नहीं होता।
डेंटल सीलेंट (Dental Sealant) कैसा दिखता है?
डेंटल सीलेंट क्लियर, वाइट या कलरफुल भी हो सकते हैं। बच्चे के हंसने, बोलने या मुस्कुराने पर सीलेंट दिखाई नहीं देता है।
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अगर मैं फ्लोरइड वाटर (Fluoride water) का यूज करता हूं। तब भी मुझे अपने बच्चे को डेंटल सीलेंट लगवाना चाहिए?
हां, सीलेंट्स और फ्लोराइड दोनों दांतों की कैविटी को रोकने में मददगार है, लेकिन कई तरीके से सीलेंट्स जर्म्स और फूड को बैक टीथ की जड़ों में जाने से रोकते हैं। यह एक प्रोटेक्टिव शील्ड की तरह कार्य करते हैं। ड्रिंकिंग वॉटर और डेंटल प्रोडक्ट्स जैसे कि टूथपेस्ट आदि में फ्लोराइड का उपयोग दांतों को मजबूत बनाता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और डेंटल सीलेंट (Dental Sealant) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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