मसूड़ों में जलन (Irritated Gums)
अगर आपका बच्चा अपने मसूड़ों में जलन या दर्द की शिकायत करता है तो भी आपको पीडियाट्रिक डेंटिस्ट से मिलना चाहिए। ऐसा ब्रश करने के बाद हो सकता है या उनके मसूड़े लाल, सूजन वाले या उनमें ब्लीडिंग भी हो सकती है। मसूड़ों में जलन का कारण मसूड़े की सूजन (gingivitis) या अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इस स्थिति में भी डेंटिस्ट से सही सलाह और उपचार जरूरी है।
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सर्द या गर्म चीजों के प्रति संवेदनशीलता (Sensitivity to Cold or Hot Things)
अगर आइसक्रीम या किसी गर्म चीज के कारण आपके बच्चे के दांतों में दर्द हो रहा है तो यह भी एक संकेत हो सकता है कि आपके बच्चे को पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) हेल्प की जरूरत है।
इस बारे में ओरल केयर कानुपर के डॉक्टर शिवम रस्तोगी का कहना है कि जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं उनके दांत टूटने शुरू हो जाते हैं तो नए दांत आते हैं। बच्चे के नए दांत आने की उम्र 6 से 12 साल होती है। लेकिन अगर नए आये दांत ढीले, नुकीले या उनमें कोई अन्य समस्या हो तो भी डेंटिस्ट की सलाह लेना जरूरी है। इसके साथ ही अगर बच्चे के नए दांत आने में कोई समस्या हो रही हो या दांत जल्दी टूट रहे हों तो भी पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) हेल्प की जरूरत हो सकती है। बच्चों को दांतों संबंधी कई अन्य समस्याएं भी हो सकती, जिसके लिए आपका उन्हें पीडियाट्रिक डेंटिस्ट के पास ले जाना अनिवार्य है।
पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री कितनी महंगी है? (How expensive is pediatric dentistry)
कई लोगों को ऐसा लग सकता है कि पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) की कीमत सामान्य से अधिक होगी। लेकिन, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह बेहद सस्ती है क्योंकि इसकी कीमत किसी वयस्क के दांतों के उपचार की तुलना में बहुत कम है। ऐसा माना जाता है कि पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) में क्लीनिंग और फ्लोराइड एप्लीकेशन जैसे सामान्य तकनीकों के लिए 2000 से 3000 रुपए की कीमत आपको चुकानी होगी।
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हेल्दी पीडियाट्रिक डेंटल केयर के लिए टिप्स (Tips for healthy pediatric dental care)
जब आपके बच्चों के मुंह और मसूड़ों के स्वास्थ्य की बात आती है, तो अपने बच्चों की जितनी जल्दी डेंटल केयर आप करना शुरू करेंगे, उतना ही अच्छा है। अच्छी मौखिक देखभाल से आपके बच्चे के दांत स्वस्थ और सड़न से मुक्त रहेंगे।
डेंटल हायजीन रूटीन छोटी उम्र से ही शुरू करें (Start Dental Hygiene Routine from a Young Age)
माता-पिता बच्चों में प्रॉपर डेंटल हायजीन रूटीन को विकसित करने में मदद कर सकते हैं। इसकी शुरुआत अगर छोटी उम्र में ही शुरू कर दे तो इससे बेहतर और कुछ नहीं होता। आपको अपने बच्चे के दांत तब से साफ करने शुरू करने चाहिए, जब उनके दांत आना शुरू होते हैं। इसके साथ ही बच्चों को स्वस्थ दांतों और हायजीन का महत्व अवश्य समझाएं।
दिन में दो बार ब्रश और रोजाना फ्लॉस करें (Brush Twice a day and Floss Daily)
इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा दिन में दो बार ब्रश करें एक सुबह और एक बार सोने से पहले इसके साथ ही फ्लॉस भी करें। ताकि, दांतों में जमी गंदगी आराम से बाहर निकल सके।
सही आहार (Right Food)
अच्छा न्यूट्रिशन बच्चे की ओरल हेल्थ को सुधारने का सबसे आसान तरीका है। अपने बच्चों को संतुलित और न्यूट्रिशनल डायट का सुनिश्चित करने से आप बच्चों को दांतों में सड़न और मसूड़ों से जुड़े रोगों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए अपने बच्चों में पौष्टिक आहार के सेवन और अधिक पानी पीने की अच्छीआदतें शुरू से ही ड़ाल दें। अपने बच्चे को मिठाई, चॉकलेट, चीनी युक्त या चिपचिपी चीजों का सेवन कम करने दें। क्योंकि, यह चीजें जर्म्स और दांतों संबंधी समस्याओं का मुख्य कारण बन सकती हैं।

नियमित रूप से डेंटल चेकअप कराएं (Regular Dental Checkup)
ऐसा माना जाता है कि बच्चों को 6 महीने में एक बार डॉक्टर के पास चेकअप के लिए अवश्य ले जाए। जल्दी चेकअप से कैविटीज और दांतों की सड़न से छुटकारा मिलेगा और दांतों की सही देखभाल में मदद मिलेगी।
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पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) बच्चों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान देती है। जब आप पहली बार पीडियाट्रिक डेंटिस्ट के पास जाएंगे। तो डॉक्टर आपसे रोजाना ओरल केयर के बारे में अवश्य पूछेंगे। इसके साथ ही आप वो बच्चे की हायजीन और ईटिंग हैबिट्स के बारे में भी जानेंगे। इससे उन्हें बच्चे की ओरल हेल्थ के बारे में जानने में मदद मिलेगी। इसलिए, अगर आप अपने बच्चे के दांतों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं तो पीडियाट्रिक डेंटिस्ट से सलाह लेना न भूलें।