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पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री की मदद से बच्चों की टीथ प्रॉब्लमस को कहें अलविदा!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/09/2021

    पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री की मदद से बच्चों की टीथ प्रॉब्लमस को कहें अलविदा!

    यह तो आप जानते ही होंगे कि जो आदतें बचपन में सीखते हैं, वो पूरी उम्र आपके साथ रहती हैं। इसलिए, कहा जाता है कि बच्चों को हमेशा अच्छी आदतें सिखानी चाहिए जैसे दिन में दो बार ब्रश करना, साफ-सफाई का ध्यान रखना आदि। आज हम बात करेंगे बच्चों के दांतों की देखभाल के बारे में। अधिकतर लोग अपने बच्चों को दांतों की कोई भी समस्या होने पर फैमिली या जनरल डेंटिस्ट के पास ले जाते हैं। लेकिन, उन्हें अतिरिक्त देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में उन्हें पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्स के पास ले जाना चाहिए। पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्स (Pediatric Dentist) के पास यूनिक क्वालिफिकेशन होती है, जिससे वो बच्चों के दांतों की देखभाल करने में निपुण होते हैं। जानिए, पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्स और पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) के बारे में विस्तार से। 

    पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री क्या है? (What is Pediatric Dentistry)

    पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) को पीडोडोंटिक्स कहा जाता है। यह एक विशेष शाखा है जो छोटे बच्चों के इलाज पर केंद्रित है। पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्स के लिए शिशुओं, छोटे बच्चों और किशोरों के लिए प्राइमरी और व्यापक देखभाल प्रदान करने के लिए आवश्यक अतिरिक्त शिक्षा पूरी करना अनिवार्य है। चूंकि, प्रत्येक बच्चा अलग है, ऐसे में पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्स के पास बच्चों के पूरे डेंटल ट्रीटमेंट के विस्तृत तरीके होते हैं।

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    पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री के प्रकार कौन से हैं? (Type of Pediatric Dentistry)

    ओरल हेल्थ को बनाए रखने के लिए कोई मुश्किल काम नहीं करना पड़ता। हालांकि, ज्यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि ओरल हेल्थ को मैंटेन रखना मुश्किल है। दांतों में होने वाली समस्याएं कई बार गंभीर रूप भी ले सकती हैं। पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) कई प्रकार के होते हैं, जैसे:

    पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री

    • स्टेनलेस स्टील क्राउन  (Stainless Steel Crowns) :स्टेनलेस स्टील क्राउन का उपयोग उन दांतों को वापस रीस्टोर करने के लिए किया जाता है, जो बुरी तरह से सड़ चुके होते हैं। जब पीछे वाले दांतों की सड़न को बिना उपचार के छोड़ दिया जाता है। तो दांतों के इनेमल, डेंटिन (Dentin) और कभी-कभी नर्व (Nerve) में व्यापक नुकसान हो सकता है। इन मामलों में टूथ-कलर्ड फिलिंग सही विकल्प नहीं है बल्कि स्टेनलेस स्टील की जरूरत होती है।
    • क्लीनिंग और प्रिवेंटिव केयर (Cleanings and preventive care): पीडियाट्रिक डेंटिस्ट से हर 6 महीने के बाद चेकअप कराना चाहिए। यह वो समय होता है जब आप अपने बच्चे के दांतों की प्रोफेशनल सफाई करा सकते हैं। इससे आपको अपने बच्चे की ओरल हेल्थ पर नजर रखने में भी मदद मिलेगी। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि समस्याओं की सही समय पर पहचान होने से उसका इलाज भी जल्दी होगा। यही नहीं,  ऐसा करना आसान और अधिक किफायती होगा।

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    • फ्लोराइड ट्रीटमेंट (Fluoride Treatment) : फ्लोराइड ट्रीटमेंट दांतों को मजबूत करने में मदद करता है। इससे कैविटीज को रोका जा सकता है और इससे टार्टर (Tartar) और प्लाक (Plaque) के निर्माण को भी रोकने में मदद मिल सकती है।
    • फिलिंग (Fillings) : यदि सड़न (decay) या इंजरी दांत को नुकसान पहुंचाती है, तो फिलिंग से इसकी स्थिरता और फंक्शन को बहाल किया जा सकता है।
    • सीलेंट  (sealants) : इसमें सीलेंट को दांतों की चबाने वाली सतहों पर बांधा जाता है। वे जिन क्षेत्रो को साफ करना मुश्किल है उन्हें सड़न (decay) से बचाते हैं। 
    • बॉन्डिंग (Bonding) : बॉन्डिंग ऐसे दांतों को सही करने का आसान तरीका है जो टूटे हुए हों, ख़राब हुए हों या जिनका रंग खराब हुआ हो। इस प्रक्रिया में डेंटिस्ट सफेद रेसिन को सीधा आपके दांत में लगाता है ताकि दांत को सही किया जा सके।
    • एक्सट्रेक्शंस (Extractions) : जब दांत की हालत इतनी खराब हो कि उसकी मरम्मत न हो सके। तो एक्सट्रैक्शन के माध्यम से उसे निकाला जा सकता है।
    • आपातकालीन स्थितियां (Emergencies) : डेंटल आपातकालीन स्थितियां आपको डरा सकती है। कुछ मामलों में देखभाल में देरी करने से आपका बच्चा अपना दांत भी खो सकता हैं। 

    पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री का क्या महत्व है? (Importance of Pediatric Dentistry)

    पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) के बारे में जान कर आपके मन में भी यह सवाल अवश्य आया होगा कि आप सामान्य डेंटिस्ट की जगह पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री को ही क्यों चुनें? इस बात का उत्तर आपको खुद मिल जाएगा। जब आप पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) का महत्व समझेंगे। जानिए, क्या है पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री का महत्व।

    • पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) में पीडियाट्रिक डेंटिस्ट को सामान्य डेंटिस्ट की तुलना में दो से तीन साल की अतिरिक्त ट्रेनिंग की जरूरत होती है। इसमें उन्हें बच्चों को ट्रीट करने की अतिरिक्त ट्रेनिंग दी जाती है।
    • पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) में पीडियाट्रिक डेंटिस्ट केवल बच्चों का उपचार करते हैं इसलिए उन्हें बच्चों के साथ अधिक अनुभव होता है।
    • पीडियाट्रिक डेंटिस्ट का ऑफिस खास बच्चों के लिए बनाया जाता है। ताकि, बच्चों को अच्छा लगे और  उन्हें मजेदार वातावरण मिले।
    • पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) में पीडियाट्रिक डेंटिस्ट बच्चों के उपचार के लिए किड-फ्रेंडली और छोटे डेंटल टूल्स का प्रयोग करते हैं।
    • जब बच्चों के लिए देखभाल की बात आती है पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) में पीडियाट्रिक डेंटिस्ट को व्यापक ज्ञान होता है।

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    पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री की जरूरत कब पड़ती है? (When we need Pediatric Dentistry?)

    बच्चे के दांतों का स्वास्थ्य उसकी पूरी हेल्थ के लिए जरूरी है। यही नहीं, बच्चों का समय-समय पर जांच कराना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। जानिए, कब आपको पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) की जरूरत पड़ सकती है:

    दांत में दर्द (Toothaches)

    अगर आपके बच्चे में मुंह या दांत में दर्द है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह जरूरी है। उनके दांत में दर्द किसी बड़ी समस्या का कारण भी हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर की जांच और उपचार के बाद इसका सही इलाज हो सकता है।

    दांत में सफेद या भूरे रंग के स्पॉट पड़ना (White and Brown Spots on Teeth)

    अगर आप अपने बच्चे के दांत में सफेद या ब्राउन स्पॉट देखें तो भी आपका पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) हेल्प लेना जरूरी है। इसके साथ ही अगर आपको लगे कि बच्चे का दांत ब्राउन या ब्लैक हो रहा या टूट रहा है तो भी डॉक्टर कि सलाह जरूरी है। दांतों में सड़न की समस्या बहुत जल्दी बढ़ सकती है।

    पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री

    मसूड़ों में जलन (Irritated Gums)

    अगर आपका बच्चा अपने मसूड़ों में जलन या दर्द की शिकायत करता है तो भी आपको पीडियाट्रिक डेंटिस्ट से मिलना चाहिए। ऐसा ब्रश करने के बाद हो सकता है या उनके मसूड़े लाल, सूजन वाले या उनमें ब्लीडिंग भी हो सकती है। मसूड़ों में जलन का कारण मसूड़े की सूजन (gingivitis) या अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इस स्थिति में भी डेंटिस्ट से सही सलाह और उपचार जरूरी है।

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    सर्द या गर्म चीजों के प्रति संवेदनशीलता (Sensitivity to Cold or Hot Things)

    अगर आइसक्रीम या किसी गर्म चीज के कारण आपके बच्चे के दांतों में दर्द हो रहा है तो यह भी एक संकेत हो सकता है कि आपके बच्चे को पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) हेल्प की जरूरत है।

    इस बारे में ओरल केयर कानुपर के डॉक्टर शिवम रस्तोगी का कहना है कि जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं उनके दांत टूटने शुरू हो जाते हैं तो नए दांत आते हैं। बच्चे के नए दांत आने की उम्र 6 से 12 साल होती है। लेकिन अगर नए आये दांत ढीले, नुकीले या उनमें कोई अन्य समस्या हो तो भी डेंटिस्ट की सलाह लेना जरूरी है। इसके साथ ही अगर बच्चे के नए दांत आने में कोई समस्या हो रही हो या दांत जल्दी टूट रहे हों तो भी पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) हेल्प की जरूरत हो सकती है। बच्चों को दांतों संबंधी कई अन्य समस्याएं भी हो सकती, जिसके लिए आपका उन्हें पीडियाट्रिक डेंटिस्ट के पास ले जाना अनिवार्य है।

    पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री कितनी महंगी है? (How expensive is pediatric dentistry)

    कई लोगों को ऐसा लग सकता है कि पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) की कीमत सामान्य से अधिक होगी। लेकिन, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह बेहद सस्ती है क्योंकि इसकी कीमत किसी वयस्क के दांतों के उपचार की तुलना में बहुत कम है। ऐसा माना जाता है कि पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) में क्लीनिंग और फ्लोराइड एप्लीकेशन जैसे सामान्य तकनीकों के लिए 2000 से 3000 रुपए की कीमत आपको चुकानी होगी।

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    हेल्दी पीडियाट्रिक डेंटल केयर के लिए टिप्स (Tips for healthy pediatric dental care)

    जब आपके बच्चों के मुंह और मसूड़ों के स्वास्थ्य की बात आती है, तो अपने बच्चों की जितनी जल्दी डेंटल केयर आप करना शुरू करेंगे, उतना ही अच्छा है। अच्छी मौखिक देखभाल से आपके बच्चे के दांत स्वस्थ और सड़न से मुक्त रहेंगे।

    डेंटल हायजीन रूटीन छोटी उम्र से ही शुरू करें (Start Dental Hygiene Routine from a Young Age)

    माता-पिता बच्चों में प्रॉपर डेंटल हायजीन रूटीन को विकसित करने में मदद कर सकते हैं। इसकी शुरुआत अगर छोटी उम्र में ही शुरू कर दे तो इससे बेहतर और कुछ नहीं होता। आपको अपने बच्चे के दांत तब से साफ करने शुरू करने चाहिए, जब उनके दांत आना शुरू होते हैं। इसके साथ ही बच्चों को स्वस्थ दांतों और हायजीन का महत्व अवश्य समझाएं।

    दिन में दो बार ब्रश और रोजाना फ्लॉस करें (Brush Twice a day and Floss Daily)

    इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा दिन में दो बार ब्रश करें एक सुबह और एक बार सोने से पहले इसके साथ ही फ्लॉस भी करें। ताकि, दांतों में जमी गंदगी आराम से बाहर निकल सके।

    सही आहार (Right Food)

    अच्छा न्यूट्रिशन बच्चे की ओरल हेल्थ को सुधारने का सबसे आसान तरीका है। अपने बच्चों को संतुलित और न्यूट्रिशनल डायट का सुनिश्चित करने से आप बच्चों को दांतों में सड़न और मसूड़ों से जुड़े रोगों को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए अपने बच्चों में पौष्टिक आहार के सेवन और अधिक पानी पीने की अच्छीआदतें शुरू से ही ड़ाल दें। अपने बच्चे को मिठाई, चॉकलेट, चीनी युक्त या चिपचिपी चीजों का सेवन कम करने दें। क्योंकि, यह चीजें जर्म्स और दांतों संबंधी समस्याओं का मुख्य कारण बन सकती हैं।

    Pediatric Dentistry

    नियमित रूप से डेंटल चेकअप कराएं (Regular Dental Checkup)

    ऐसा माना जाता है कि बच्चों को 6 महीने में एक बार डॉक्टर के पास चेकअप  के लिए अवश्य ले जाए। जल्दी चेकअप से कैविटीज और दांतों की सड़न से छुटकारा मिलेगा और दांतों की सही देखभाल में मदद मिलेगी।

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    पीडियाट्रिक डेंटिस्ट्री (Pediatric Dentistry) बच्चों के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान देती है। जब आप पहली बार पीडियाट्रिक डेंटिस्ट के पास जाएंगे। तो डॉक्टर आपसे रोजाना ओरल केयर के बारे में अवश्य पूछेंगे। इसके साथ ही आप वो बच्चे की हायजीन और ईटिंग हैबिट्स के बारे में भी जानेंगे। इससे उन्हें बच्चे की ओरल हेल्थ के बारे में जानने में मदद मिलेगी। इसलिए, अगर आप अपने बच्चे के दांतों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं तो पीडियाट्रिक डेंटिस्ट से सलाह लेना न भूलें।

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