बॉडी चेकअप (Body Checkup)… रेग्यूलर बॉडी चेकअप जितना ज्यादा बढ़ती उम्र में आवश्यक है, ठीक वैसे ही 4 महीने के शिशु का चेकअप (4-Month Baby’s Checkup) भी उतना ही जरूरी है। इसलिए आज इस आर्टिकल में 4 महीने के शिशु के बॉडी चेकअप से जुड़ी जानकारी शेयर करेंगे। इसे समझना इसलिए जरूरी है, क्योंकि 4 महीने के शिशु की सेहत में कई तरह के बदलाव होते हैं। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार शिशु का वजन बढ़ता है, उसकी लंबाई बढ़ती है। हालांकि सभी शिशुओं की हाइट एवं वेट अलग-अलग होती है। 4 महीने का शिशु थोड़ा-थोड़ा समझना भी शुरू कर देता है। अगर आसान शब्दों में समझें, तो 4 महीने के शिशु में फिजिकल ग्रोथ, मेंटल ग्रोथ और तो और बच्चे इमोशन को भी समझने लगते हैं। अब जब बेबी समझदार हो रहा है, तो ना उसे और फिट बनाने के लिए बॉडी चेकअप करवाएं। इसलिए आज इस आर्टिकल में आगे समझेंगे 4 महीने के शिशु का चेकअप (4-Month Baby’s Checkup) और कुछ जरूरी बातें।
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4 महीने के शिशु का चेकअप (4-Month Baby’s Checkup): डॉक्टर बेबी के हेल्थ चेकअप के दौरान क्या-क्या ध्यान रखते हैं या चेक करते हैं?
4 महीने के शिशु का चेकअप करवाना जरूरी है और पीडियाट्रिशियन इस चेकअप के दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखते हैं। जैसे:
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लंबाई, सिर का आकार और वेट (Length, Head circumference and Weight)
4 महीने के शिशु का चेकअप करना डॉक्टर शुरू करते हैं, तो सबसे पहले बच्चे की लंबाई, शिशु के सिर (Head) का आकार और वजन (Weight) चेक करते हैं। इस चेकअप के दौरान पेरेंट्स को अपने बेबी को कुछ समय के लिए अनड्रेस करना पड़ता है। बच्चे को मॉनिटर कर डॉक्टर ग्रोथ चार्ट तैयार करते हैं और यह नोटिस करते हैं कि बच्चे के हेल्थ के अनुसार उसका ग्रोथ (Baby’s growth) ठीक तरह से हो रहा है या नहीं।
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कम्प्लीट फिजिकल चेकअप (Complete physical examination)
चार महीने के शिशु का कम्प्लीट फिजिकल चेकअप किया जाता है। कम्प्लीट फिजिकल चेकअप के दौरान-
- हार्ट एवं लंग्स (Heart and lungs)- डॉक्टर बेबी के हार्ट रिदम को सुनते हैं। अगर हार्ट रिदम (Heart Rhythm) से जुड़ी कोई परेशानी तो नहीं। वहीं शिशु के सांस (Breathing) लेने की प्रक्रिया पर भी ध्यान देते हैं।
- आंखें (Eyes)- 4 महीने के शिशु का चेकअप जब शुरू किया जाता है, तो बच्चे की आंखों (Eye) की भी जांच होती है। इस दौरान कंजेनाइटल डिसएबलिटीज (Congenital disabilities) है या नहीं इसकी जानकारी मिलती है। इस दौरान ब्लॉक्ड टियर डक्ट (Blocked tear ducts) की भी जांच करते हैं।
- कान (Ears)- फिजिकल एग्जाम की सहायता से बच्चे के ईयर फंक्शन (Ear Function) को नोटिस किया जाता है और ईयर इंफेक्शन (Ear Infection) ना हो इसकी भी जांच की जाती है।
- माउथ (Mouth)- 4 महीने के शिशु का चेकअप में मुंह की जांच भी की जाती है। कंजेनाइटल डिसएबलिटीज (Congenital disabilities) और ओरल थ्रश (Oral Thrush) जैसे इंफेक्शन की जांच के लिए माउथ केविटी (Mouth Cavity) की जांच की जाती है। इसके साथ ही बच्चे के मसूड़ों की भी जांच की जाती है, जिससे समय पर दांत निकलने का अंदाजा भी लगाया जा सकता है।
- हेड (Head)- सिर की जांच से पता चलता है कि सिर का आकार सामान्य है या फिर कोई परेशानी तो नहीं। इसलिए शिशु के चेकअप के दौरान सॉफ्ट स्पॉट्स (Soft spots) की भी जांच की जाती है।
- बेली (Belly)- 4 महीने के शिशु के बेली चेकअप से इंटर्नल डेवलपमेंट से जुड़ी परेशानियां जैसे कि हर्निया (Hernia) या बढ़े हुए अंगों (Enlarged organs) की जानकारी मिलती है।
- जेनाइटल (Genitals)- 4 महीने के शिशु का चेकअप करने के दौरान बेबी के जेनाइटल ऑर्गन की भी जांच की जाती है, जिससे रैश (Rash) या इंफेक्शन (Infection) जैसी समस्याओं को समझा जा सके।
- हिप एवं लेग (Hips and legs)- बच्चे के मूवमेंट की जानकारी के लिए हिप एवं लेग की जांच की जाती है।
- बॉडी (Body)- बेबी के बॉडी चेकअप के दौरान मसल डेवलपमेंट (Muscle development), स्किन रैश (Skin rashes), एलर्जी (Allergies) या इंफेक्शन (Infections) जैसी परेशानियों को नोटिस किया जाता है। इस दौरान डॉक्टर शिशु को पेट के बल (Tummy) लिटाकर सिर (Head) और गर्दन (Neck) के बैलेंस को भी चेक करते हैं।
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अन्य परेशानियों पर बात करते हैं (Discuss other concerns)
कम्प्लीट फिजिकल चेकअप के बाद डॉक्टर पेरेंट्स से यह समझना चाहते हैं कि बच्चे को कॉन्स्टिपेशन (Constipation) या डायरिया (Diarrhoea) की समस्या भी होती है? डॉक्टर मां से यह पूछते हैं कि बेबी ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) करता है या फॉर्मूला फीडिंग (Formula Feeding)। दरअसल अगर शिशु ब्रेस्टफीडिंग करता है, तो उसे विटामिन-डी ड्रॉप सप्लिमेंट्स (Vitamin-D drop supplements) प्रिस्क्राइब की जा सकती है। विटामिन-डी ड्रॉप सप्लिमेंट्स से शरीर में होने वाले कमी को दूर करने के लिए दी जा सकती है। हालांकि विटामिन-डी ड्रॉप सप्लिमेंट्स फॉर्मूला मिल्क पीने वाले शिशुओं को नहीं दी जाती है।
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इम्यूनाइजेशन शॉट्स (Immunisation shots)
4 महीने के शिशु का चेकअप (4-Month Baby’s Checkup) होने के बाद डॉक्टर बच्चे को लगने वाले आवश्यक टीकों की जानकारी देते हैं। चौथे महीने में कौन-कौन से टीके कब लगवाना है यह नर्स या डॉक्टर आपको बता देते हैं।
नोट: चार महीने के शिशु को न्यूमोकोकल (Pneumococcal) डीटीएपी (DTaP), एचआईबी (Hib), पोलियो वैक्सीन (Polio vaccine) एवं ओआरएएल रोटावायरस वैक्सीन (Oral Rotavirus vaccine) दी जाती है।
ये है 4 महीने के शिशु का चेकअप (4-Month Baby’s Checkup) एवं वैक्सिनेशन (Vaccination) से जुड़ी जानकारी। शिशु के बॉडी चेकअप के बाद पेरेंट्स से भी शिशु के हेल्थ से जुड़े कई सवालों का जवाब डॉक्टर जानना चाहते हैं।
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4 महीने के शिशु का चेकअप (4-Month Baby’s Checkup): डॉक्टर द्वारा पेरेंट्स से पूछे जाने वाले सवाल क्या-क्या हो सकते हैं?
डॉक्टर निन्मलिखित सवाल डॉक्टर से पूछ सकते हैं। जैसे:
- बच्चे की फीडिंग (Feeding) की आदत कैसी है?
- बेबी ठीक से सोता (Sleep) है या नहीं? या कितने घंटे सोता है?
- बेबी के पूप (बच्चे की पोट्टी) ठीक से करता है या नहीं? बेबी के पूप का कलर (Baby pup color) कौनसा होता है?
- बच्चे को बैठने के लिए सपोर्ट (Support) की जरूरत पड़ती है या नहीं?
- बच्चा ठीक से रोल ओवर (Roll over) कर पाता है या नहीं?
- क्या बच्चा मिनी-पुशअप (Mini-push up) कर पाता है?
- बच्चा ठीक से चिल्लाता या गले से आवाज (Sound) निकलता है या नहीं?
- बच्चा ठीक से सुन (Hearing power) पाता है या नहीं?
- बच्चे का आई कॉन्टैक्ट (Eye contact) कैसा है?
- क्या आप बच्चे में किसी नेगेटिव एक्टिविटी (Negative activity) को भी नोटिस करते हैं?
ये दस सवाल चार महीने के शिशु के चेकअप के दौरान डॉक्टर पेरेंट्स से पूछते हैं। इसलिए परेंट्स को बच्चे के हर-एक गतिविधि को ध्यान से देखना और समझना चाहिए।
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पेरेंट्स को डॉक्टर से कौन-कौन से सवाल पूछे जाने चाहिए?
पेरेंट्स को डॉक्टर से निम्नलिखित सवालों का जवाब जरूर जानना चाहिए, क्योंकि डॉक्टर में बेबी का कम्प्लीट बॉडी चेकअप किया है। जैसे:
- क्या शिशु को सॉलिड फूड (Solid food) अभी देना शुरू किया जा सकता है?
- क्या अब शिशु को ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) कम करवाना चाहिए?
- क्या बच्चे को धीरे-धीरे इन्फेंट फॉर्मूला (Infant formula) देना शुरू करना चाहिए?
- अगर बच्चे को किसी तरह की एलर्जी (Allergy) है, तो मुझे अपने डायट (Diet) में बदलाव करना चाहिए?
इन सवालों का जवाब डॉक्टर से जरूर जानना चाहिए और डॉक्टर द्वारा दिए गए सलाह का पालन करना चाहिए।
अगर आप 4 महीने के शिशु के बॉडी चेकअप (4-Month Baby’s Checkup) से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब जानना चाहती हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकती हैं। अगर शिशु को इस को परेशानी है, तो डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है। डॉक्टर शिशु के हेल्थ कंडिशन को मॉनिटर कर दवा या अन्य सलाह दे सकते हैं।
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