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Tomato Fever: टोमैटो फीवर क्या हैं? जानिए टोमैटो फीवर के लक्षण और बचाव!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/06/2022

    Tomato Fever: टोमैटो फीवर क्या हैं? जानिए टोमैटो फीवर के लक्षण और बचाव!

    बीमारियों के शिकार तो हर उम्र के लोग होते हैं, लेकिन पिछले दो सालों से कोरोना वायरस ने लोगों की जिंदगी बदल सी दी है और किसी ना किसी वायरस का प्रकोप मडराता ही रहता है। अब इन दिनों टोमैटो फीवर (Tomato Fever) बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। पहले जहां बुखार मामूली समस्या हुआ करती थी तो वहीं अब बुखार लोगों के मन में डर पैदा कर देती हैं कि आखिर कहीं कोविड तो नहीं! खैर लोगों की जिंदगी अब थोड़ी-थोड़ी पटरी पर लौटने लगी है, लेकिन इस बीच टोमैटो फीवर (Tomato Fever) ने पेरेंट्स की टेंशन बढ़ा दी है। वैसे हैलो स्वास्थ्य आपकी टेंशन को बढ़ाने नहीं, बल्कि हमारी प्रयास यही रहती है कि हेल्थ कंडिशन (Health Condition) के बारे में आपको सही-सही जानकारी दें वो कहते हैं ना कि अवेयर रहना बेहद जरूरी है। तो चलिए जानते हैं टोमैटो फीवर यानी टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) के बारे में। 

    • टोमैटो फीवर क्या है?
    • टोमैटो फीवर के लक्षण क्या हैं?
    • टोमैटो फीवर का इलाज कैसे किया जाता है?
    • टोमैटो फीवर से बचाव कैसे किया जा सकता है?
    • क्या है डॉक्टर्स की राय?

    चलिए अब टोमैटो फीवर यानी टोमैटो बुखार से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।  

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    टोमैटो फीवर (Tomato Fever) क्या है?

    टोमैटो फीवर (Tomato Fever)

    टोमैटो फीवर एक तरह का वायरस जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों में इन दिनों डायग्नोस किया जा रहा है। टोमैटो फीवर को चिकनगुनिया (Chikungunya) या डेंगू (Dengue) के वायरस (Virus) से होने वाला इंफेक्शन (Infection) माना जा रहा है। बच्चों में होने वाले इस बुखार को समझने के लिए टोमैटो फीवर के लक्षण को समझना जरूरी है।  

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    टोमैटो फीवर के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Tomato Fever)

    बच्चों में टोमैटो बुखार (Tomato Fever) होने पर कई तरह की समस्याएं देखी जा सकती हैं, जिससे इस बीमारी को समझा जा सकता है। इसलिए हमने मुंबई (परेल) के ग्लोबल हॉस्पिटल की इंटर्नल मेडिसिन एवं सीनियर कंसल्टेंट डॉ मंजूशा अग्रवाल से बात की और उनसे टोमैटो बुखार के लक्षण को समझने की कोशिश की, जो प्रकार हैं- 

  • स्किन इरिटेशन (Skin irritation) की समस्या होना। 
  • डिहाइड्रेशन (Dehydration) की समस्या होना। 
  • अत्यधिक तेज बुखार (Extremely high fever) होना। 
  • बॉडी में दर्द (Body pains) की समस्या होना। 
  • जोड़ों में सूजन (Joints) की समस्या होना। 
  • अत्यधिक थकान (Fatigue) महसूस होना। 
  • हाथ (Hands), घुटनों (Knees) एवं कमर के निचले हिस्से का रंग बदलना।  
  • पेट में क्रैम्प (Stomach cramps) की समस्या होना। 
  • जी मिचलाने (Nausea) की समस्या होना। 
  • उल्टी (Vomiting) होना।  
  • डायरिया (Diarrhoea) होना। 
  • कफ (Cough) की समस्या होना। 
  • नाक बहने (Runny nose) की समस्या होना। 
  • रैश (Rashes) होना।
  • कुछ केसेस में वॉर्म्स (Worms) की भी समस्या देखी जा सकती है। 
  • ये लक्षण टोमैटो फीवर के लक्षण (Tomato Fever symptoms) की ओर इशारा करते हैं। इसलिए अगर ऐसे लक्षण दिखाई दें, तो इग्नोर ना करें और डॉक्टर से कंसल्ट करें।

    नोट: रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार बच्चों को टोमैटो बुखार के बारे में जानकारी दें और टोमैटो फीवर के लक्षण के भी बारे में बतायें। ऐसा करने से इंफेक्शन से बचने में मदद मिलेगी और बच्चे टोमैटो बुखार से बचने में सफल भी हो सकते हैं।

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    टोमैटो फीवर से बचाव कैसे किया जा सकता है? (Tips to prevent Tomato Fever)

    टोमैटो फीवर से बचाव के लिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो किये जा सकते हैं। जैसे:

    • बच्चे को तरल पदार्थों (Liquid diet) का सेवन ज्यादा करवाना चाहिए।
    • त्वचा पर हुए चकत्ते को खरोंचना (Scratch) नहीं चाहिए।
    • इंफेक्शन (Infection) से डिस्टेंस फॉलो करना चाहिए।
    • साफ-सफाई (Hygeine) का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
    • आराम (Rest) करना चाहिए।

    इन बातों को ध्यान में रखकर टोमैटो बुखार (Tomato Fever) से बचने में मदद मिल सकती है।

    नोट: टोमैटो बुखार हफ्तों तक रह सकता है। इसलिए अगर दो दिन से ज्यादा तेज बुखार है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

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    टोमैटो फीवर को और भी बेहतर तरीके से समझने के लिए हमने मुंबई के मसीना हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर एंड इमरजेंसी स्पेशलिस्ट एवं पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर के सीनियर कंसल्टेंट डॉ अमीश वोरा से बात की और उनसे टोमैटो फीवर से जुड़े कुछ सवालों का जवाब जाना, जो यहां हम आपके साथ शेयर करने जा रहें हैं। जैसे:

    सवाल: टोमैटो फीवर (Tomato Fever) या टोमैटो फ्लू (Tomato Flu) क्यों बोलते है?

    जवाब: बच्चे को जब बुखार आता है, तो उसके साथ-साथ बदन में रैशेश (Rashes) आते है। ये रैशेश हाथ, पैर एवं पीठ पर आसानी से नजर आ जाते हैं, क्योंकि रैशेश का रंग लाल होता है, जो टोमैटो जैसे दीखते है। इस वजह से इसे टोमैटो फीवर (Tomato Fever) कहते हैं। आज कल टोमैटो फीवर केरल और ओडिसा में भी दिखना स्टार्ट हुआ है। इसलिए लोगों में चिंता है कि ये टोमैटो फीवर क्या है? इस की जानकारी लेना अच्छी बात है। दरअसल यह एक ऐसी कंडिशन है, जो थोड़े दिन तकलीफ देती है और अपने आप ठीक हो जाती है।

    सवाल: टोमैटो फीवर का कारण क्या है? (Cause of Tomato Fever)

    जवाब: इस बीमारी से जुड़ी जानकारी वैज्ञानिको को अभी तक नहीं मिल पाई है कि इस फीवर का कारण वायरल या फिर कोई अन्य इंफेक्शन (Infection) है। इसलिए अगर बच्चा बहुत ज्यादा चिड़चिड़ा रहता है या खाना खाना नहीं चाहता है या खाने पीने से परहेज करने लगे तो पेरेंट्स को सतर्क हो जाना चाहिए। वहीं अगर बच्चे में सर्दी-जुकाम (Cold and cough), बॉडी पेन (Body pain) या डायरिया (Diarrhea) जैसी तकलीफें नजर आने लगे तो इलाज करवाना चाहिए।

    सवाल: टोमैटो फीवर से बचाव के लिए क्या करें? (Tips to prevent Tomato Fever)

    जवाब: टोमैटो फीवर से बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। जैसे-

    • बच्चे को डिहाइड्रेट (Dehydrate) होने ना दें।
    • अगर बच्चे को बुखार है या रैश की समस्या हो चुकी है, तो ऐसी स्थिति में बच्चे को लगातार लिक्विड, पानी, ORS, इलेक्ट्रॉल पाउडर पानी, नींबू पानी (Lemon water) , नारियल पानी (Coconut water) एवं सॉफ्ट डायट (Soft diet) देना चाहिए, जिस से बच्चा डिहाइड्रेट (Dehydrate) ना हो सके।
    • टोमेटो फीवर से पीड़ित बच्चों को अन्य बच्चों के संपर्क में ना आने दें, क्योंकि इससे ड्रॉप्लेट्स का खतरा बढ़ जाता है।
    • अगर बच्चे को छे या आठ घंटे से लगातार बुखार है, तो ऐसी स्थिति में पेरासिटामोल (Paracetamol) दिया जाना चाहिए।

    नोट: जैसे ही बच्चों के शरीर पर रैश आ जाये, तो बच्चे को डॉक्टर के पास लेके जाना है। बड़ों को ये बीमारी ज्यादा होती नहीं है, लेकिन वो संक्रमण फैलाने में मददगार हो सकते हैं।

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    अगर आप टोमैटो फीवर (Tomato Fever) से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब जानना चाहती हैं, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर पूछ सकती हैं। हालांकि टोमैटो फीवर (Tomato Fever) की समस्या से पीड़ित होने पर डॉक्टर से कंसल्टेशन करना आवश्यक है। डॉक्टर शिशु के हेल्थ कंडिशन मॉनिटर कर दवा में अन्य सलाह दे सकते हैं।

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