बच्चों के लिए विटामिन डी (Vitamin D for kids) की पूर्ति के लिए सूर्य की रोशन में बैठने से पूरी की जा सकती है। हालांकि सूर्य की रोशनी में जरूरत से ज्यादा बैठना नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए बच्चों को सिर्फ सुबह की सूर्य की रोशनी में ही बैठाएं।
विटामिन डी रिच फूड (Vitamin D rich food)-
बच्चों के लिए विटामिन डी (Vitamin D for kids) की पूर्ति डेली डायट से भी की जा सकती है। इसलिए बच्चों को गाय का दूध, दही, मशरूम, मछली (ऑयली फिश), एग योल्क (Egg yolks), फलों के जूस (Fruits juice) जैसे खाद्य पदार्थों से पूरी की जा सकती है।
सप्लिमेंट्स (Supplements)-
बच्चों के लिए विटामिन डी सप्लिमेंट्स भी मेडिकल स्टोर से ली जा सकती है। हालांकि बच्चों को विटामिन डी सप्लिमेंट्स देना है या नहीं इसकी जानकारी डॉक्टर से लें। डॉक्टर भी बच्चे की हेल्थ कंडिशन को ध्यान में रखकर विटामिन डी सप्लिमेंट्स (Vitamin D Supplements) देने पर विचार करते हैं।
नोट: बच्चों के लिए विटामिन डी (Vitamin D for kids) के सप्लिमेंट्स आसानी से उपलब्ध होते हैं, लेकिन डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही दें। क्योंकि छोटे बच्चों को इससे साइड इफेक्ट्स होने की भी संभावना बनी रहती है।
इन अलग-अलग तरीकों से बच्चों में विटामिन डी की पूर्ति की जा सकती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Center for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार विटामिन डी बच्चे को मजबूत हड्डियों के निर्माण और रिकेट्स को रोकने में मदद करता है। रिकेट्स हड्डियों के नरम होने की स्थिति है, जो बढ़ते बच्चों में हो सकती है। रिसर्च रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 12 महीने से कम उम्र के बच्चों को 400 IU(400 IU) रोजाना आवश्यक है, वहीं 1 से 2 साल के बच्चों को प्रतिदिन 600-1000 IU विटामिन डी (Vitamin D) की आवश्यकता होती है।
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बच्चों के लिए विटामिन डी: ज्यादा विटामिन डी के सेवन से नुकसान भी हो सकता है? (Side effects of excess Vitamin D)
बच्चों के लिए विटामिन डी आवश्यक होता है, लेकिन यूएस डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस (U.S. Department of Health and Human Services) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार अगर बच्चों को जरूरत से ज्यादा विटामिन डी का सेवन (Vitamin D intake) करवाया जाए, तो इससे निम्नलिखित शारीरिक परेशानी का खतरा बना रहता है। जैसे:
- हार्ट (Heart) और लंग्स (Lungs) के टिश्यू में कैल्शियम जमा होने लगते हैं।
- किडनी स्टोन (Kidney stone) की समस्या हो सकती है।
- किडनी डैमेज (Kidney damage) होने की भी संभावना हो सकती है।
- बच्चे को कब्ज (Constipation) की समस्या हो सकती है।
- बच्चे का वजन कम (Weight loss) हो सकता है।
- मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है।
- बच्चे को खाने की इच्छा (Low appetite) नहीं हो सकती है।