क्रैंप्स की समस्या होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन अगर पेट में ऐंठन की समस्या लगातार होने लगे तो इसे इग्नोर करना सेहत के प्रति बड़ी लापरवाही से कम नहीं है। वैसे क्रैंप्स की समस्या किसी भी लोगों को और या किसी भी उम्र में होने वाली समस्या है। इसलिए आज इस आर्टिकल में पुरुषों के पेट में क्रैंप्स (Stomach Cramps in Men) से जुड़ी समस्या के बारे में समझेंगे।
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स की समस्या क्या है?
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स के कारण क्या हैं?
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स की समस्या को दूर करने के लिए घरेलू उपाय क्या है?
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स का इलाज कैसे किया जाता है?
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स (Stomach Cramps in Men) से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स की समस्या क्या है? (Stomach Cramps in Men)
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स की समस्या सामान्य मानी जाती है। पेट में क्रैंप्स की समस्या को पेट में मरोड़ या पेट में ऐंठन भी कहा जाता है। पुरुषों के पेट में क्रैंप्स की समस्या अगर अत्यधिक हो, तो इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके कई कारण हो सकते हैं।
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स के कारण क्या हैं? (Cause of Stomach Cramps in Men)
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स के कारण अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ कारण सामान्य होते हैं, तो कुछ गंभीर भी हो सकते हैं। इसलिए पुरुषों के पेट में क्रैंप्स के कारण को यहां एक-एक कर समझते हैं।
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स के कारण: सामान्य परेशानी!
सामान्य परेशानी जो बन सकती है पुरुषों के पेट में क्रैंप्स का कारण-
इंडायजेशन (Indigestion)- अपच की समस्या होने पर सीने में जलन या पेट फूलने के साथ-साथ पुरुषों के पेट में क्रैंप्स की स्थिति भी पैदा कर सकती है।
अत्यधिक खाना (Eating too much)- अगर जरूरत से ज्यादा खाना खाया जाए या खाने को ज्यादा तेजी से खाया जाए तो पेट में ऐंठन की तकलीफ को दावत दे सकती है।
गैस या ब्लोटिंग (Gas and bloating)- पेट में गैस बनना या ब्लोटिंग की समस्या क्रैंप्स का कारण बन सकती है। गैस या ब्लोटिंग की समस्या डायरिया (Diarrhea) या कॉन्स्टिपेशन (Constipation) की वजह से भी होने वाली परेशानी है।
स्ट्रेस या एंग्जायटी (Stress or anxiety)- हमेशा तनाव में रहना या एंग्जायटी की समस्या भी पेट से जुड़ी परेशानी को दावत दे सकती है।
एक्सरसाइज करना (Workout)- खाना खाने के तुरंत बाद या पेट भरे रहने पर एक्सरसाइज करने की वजह से भी पुरुषों के पेट में क्रैंप्स की स्थिति पैदा हो सकती है। एक्सरसाइज या योगासन खाना खाने के 4 से 5 घंटे के बाद करें या सुबह फ्रेश होने के बाद करना चाहिए।
मसल स्ट्रेन (Muscle strains)- एब्डॉमिनल मसल (Abdominal muscles) या बैक मसल (Back muscles) की समस्या होने पर भी पुरुषों के पेट में क्रैंप्स की समस्या हो सकती है।
ये कारण सामान्य कारण हैं और इसे आसानी से दूर हो सकती है।
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स के कारण: गंभीर परेशानी!
गंभीर परेशानी जो बन सकती है पुरुषों के पेट में क्रैंप्स का कारण-
1. अपेंडिसाइटिस (Appendicitis)
अपेंडिसाइटिस की समस्या काफी दर्दनाक होती है। यह ठीक एब्डॉमेन के नीचे स्थित होता है। अगर अपेंडिसाइटिस में सूजन की समस्या शुरू हो जाए तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए निम्नलिखित लक्षण को इग्नोर ना करें। जैसे:
भूख नहीं (Loss of appetite) लगना।
उल्टी (Vomiting) आना।
बुखार (Fever) आना।
2. बॉवेल ऑब्स्ट्रक्शन (Bowel obstruction)
बॉवेल ऑब्स्ट्रक्शन की समस्या तब शुरू होती है, जब इंटेस्टाइन का कुछ हिस्सा बंद हो जाए। ऐसा डायजेशन न्यूट्रीएंट एब्जॉरशन ठीक तरह से नहीं होने के कारण होने वाली परेशानी है। इसके अलावा बॉवेल डिजीज, हर्निया और ट्यूमर के कारण भी बॉवेल ऑब्स्ट्रक्शन की समस्या शुरू हो सकती है और धीरे-धीरे पुरुषों के पेट में क्रैंप्स (Stomach Cramps in Men) पैदा कर सकती है। बॉवेल ऑब्स्ट्रक्शन की समस्या को अगर इग्नोर किया जाए तो सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है। इसलिए पेट में मरोड़ के साथ-साथ इसके निम्नलिखित लक्षण भी देखे जा सकते हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। जैसे:
गॉल ब्लैडर (Gallbladder) में स्टोन (Stone) की समस्या आम शारीरिक परेशानियों में से एक है, लेकिन अगर इस आम परेशानी को इग्नोर किया जाए, तो सर्जरी की भी नौवत आ सकती है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centre for Disease Control and Prevention) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार गॉल्स्टोन की समस्या की वजह से कैंसर का खतरा हो सकता है और व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसलिए गॉल्स्टोन के लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए। जैसे:
किडनी स्टोन की समस्या होने पर अत्यधिक दर्द होता है और पेन धीरे-धीरे ग्रोइन (Groin) तक पहुंच जाता है। यही कारण है कि पुरुषों के पेट में क्रैंप्स (Stomach Cramps in Men) महसूस होने लगता है। किडनी स्टोन की समस्या पुरुषों एवं महिलाओं दोनों को होने वाली परेशानी है। अगर किडनी स्टोन की वजह से होने वाले दर्द को इग्नोर किया जाए तो सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है। इसलिए किडनी स्टोन के लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए। जैसे:
5. वायरल एवं बैक्टीरियल इंफेक्शन (Viral and bacterial infections)
रोटावायरस (Rotaviruses) एवं फूड पॉइजनिंग (Food poisoning) की वजह से पेट में मरोड़ की समस्या और साथ ही डायरिया एवं उल्टी की समस्या शुरू हो सकती है। कुछ केसेस में दो से तीन दिनों में तकलीफ अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन कुछ केसेस में इलाज की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए निम्नलिखित स्थितियों में डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी है। जैसे:
इंफ्लेमेंटरी बॉवेल सिंड्रोम को अगर सामान्य शब्दों में समझें, तो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (Gastrointestinal tract) का डैमेज होना है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना अत्यधिक जरूरी है। इसलिए इंफ्लेमेंटरी बॉवेल सिंड्रोम के लक्षणों को इग्नोर ना करें। जैसे:
जब पेट का एसिड वापस फूड पाइप में जमा होने लगता है, तो ऐसी स्थिति में गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या शुरू हो जाती है। GERD की समस्या महिला एवं पुरुषों दोनों में देखी जा सकती है। इसलिए महिला एवं पुरुषों के पेट में क्रैंप्स (Stomach Cramps in Men) का एक कारण गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease) भी माना गया है। अगर GERD की समस्या का इलाज ठीक तरह से ना करवाया जाए, तो सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है। इसलिए गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के लक्षणों को इग्नोर ना करें। जैसे:
स्टमक अल्सर को पेप्टिक अल्सर भी कहा जाता है। पुरुषों के पेट में क्रैंप्स का एक कारण इसे भी माना गया है। स्टमक अल्सर की समस्या बैक्टीरियल इंफेक्शन या नॉनस्टेरॉइड्स एंटी-इन्फ्लामेट्री ड्रग्स के सेवन के कारण भी होने वाली बीमारी है। इसलिए इसके लक्षण महसूस होने पर जल्द से जल्द ट्रीटमेंट करवाने की जरूरत होती है। क्योंकि इसके लक्षण शुरुआती दिनों में हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यही तकलीफ गंभीर रूप ले लेती है।
पुरुषों के पेट में मरोड़ की समस्या इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के कारण भी हो सकती है। IBS की समस्या घरेलू उपाय से भी ठीक हो सकती है, लेकिन परेशानी अगर ज्यादा दिनों से लगातार बनी हुई है, तो ऐसे में इलाज की जरूरत पड़ती है। इसलिए निम्नलिखित तकलीफ अगर ज्यादा दिनों से हो रही है, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। जैसे:
पेट में ऐंठन महसूस होना।
कब्ज की समस्या होना।
डायरिया की समस्या होना।
10. फंक्शनल डिस्पेप्सिया (Functional dyspepsia)
अपच की समस्या अगर गंभीर रूप लेने लगे तो फंक्शनल डिस्पेप्सिया (Functional dyspepsia) की समस्या शुरू हो जाती है। इसलिए इसके लक्षणों को ध्यान में रखें और आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर से कंसल्ट करें। जैसे:
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स के दस गंभीर कारण हो सकते हैं, तो वहीं छे कारण सामान्य भी हो सकते हैं। इसलिए इन गंभीर बीमारियों या सामान्य तकलीफों या उनके लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए। पुरुषों के पेट में ऐंठन की समस्या महसूस होने पर घरेलू उपाय भी किये जा सकते हैं।
इन छोटी-छोटी बातों को अगर ध्यान में रखा जाए तो पेट में ऐंठन की समस्या से बचने में मदद मिल सकती है। हालांकि इन उपायों को करने के बाद भी अगर पेट में क्रैम्प की तकलीफ कम नहीं होने पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स का इलाज कैसे किया जाता है? (Treatment for stomach cramps in men)
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स की समस्या होने पर ओवर-द-काउंटर (OTC) मिलने वाली दवाओं से या प्रिस्क्राइब्ड मेडिसिन से इलाज किया जाता है। इसलिए सबसे पहले जानते हैं पेट में क्रैंप्स (stomach cramps) की तकलीफ को दूर करने के लिए ओवर-द-काउंटर मिलने वाली दवाओं के नाम।
क्रैंप्स के लिए ओवर-द-काउंटर मेडिसिन (OTC Medicine for stomach cramps)
सीने में जलन (Heartburn) की समस्या होने पर एंटासिड (Antacids) का सेवन किया जा सकता है।
मसल स्ट्रेन होने पर एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) का सेवन किया जा सकता है।
नोट: अगर आप इन दवाओं को फार्मासिस्ट से खरीद रहें हैं, तो उन्हें अपनी परेशानी बताएं और उनसे दवाओं के सेवन का तरीका जानें।
क्रैंप्स के लिए प्रिस्क्राइब की जाने वाली मेडिसन (Prescribed Medicine for stomach cramps)
फंक्शनल डिस्पेप्सिया (Functional dyspepsia), स्टमक अल्सर (Stomach ulcers) एवं GERD की समस्या के इलाज के लिए प्रोटोन-पंप इन्हिबिटर्स (PPIs) प्रिस्क्राइब की जा सकती है।
पेशेंट में अगर सिर्फ पेट में अल्सर या गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज की समस्या होती है, तो ऐसे में हिस्टामाइन रेसेप्टर ब्लॉकर्स (Histamine receptor blockers) के सेवन की सलाह दी जाती है।
बैक्टीरिया की वजह से अगर अल्सर की समस्या हुई है, तो ऐसी स्थिति में पेशेंट को एंटीबायोटिक (Antibiotics) दी जाती है।
इंफ्लेमेंटरी बॉवेल सिंड्रोम के इलाज के लिए इम्युनोमोड्यूलेटर (Immunomodulators), कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (Corticosteroids) या बायोलॉजिक्स (Biologics) दी जाती है।
पेट दर्द, एंग्जाइटी या फंक्शनल डिस्पेप्सिया की स्थिति में एंटीडिप्रेसेंट (Antidepressants) की लो डोज दी जाती है।
इन अलग-अलग दवाओं से पुरुषों के पेट में क्रैम्प की समस्या का इलाज किया जाता है।
नोट: अपनी मर्जी से किसी भी दवा का सेवन ना करें, क्योंकि इससे साइड इफेक्ट्स का खतरा बना रहता है।
पुरुषों के पेट में क्रैंप्स (Stomach Cramps in Men) के कारण ऊपर बताई गई परेशानियां की वजह से हो सकती है। इनमें से ज्यादातर बीमारी डायजेशन से जुड़ी हुई है और कई परेशानियों के लक्षण भी एक ही जैसे हैं। इसलिए यहां ऊपर बताई गई बीमारी या उनके लक्षण महसूस हों, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। पेट से जुड़ी परेशानी कई अन्य गंभीर बीमारियों को दावत देने में सक्षम होते हैं। इसलिए इन्हें इग्नोर का करें और डॉक्टर से सलाह लें।
स्वस्थ रहने के लिए अपने डेली रूटीन में योगासन शामिल करें। यहां हम आपके साथ योग महत्वपूर्ण जानकारी शेयर कर रहें हैं, जिसकी मदद से आप अपने दिनचर्या में योग को शामिल कर सकते हैं। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जानिए।
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