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कॉन्स्टिपेशन में जूस (Juice for constipation): कौन-कौन से फलों के जूस का सेवन किया जा सकता है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 14/03/2022

    कॉन्स्टिपेशन में जूस (Juice for constipation): कौन-कौन से फलों के जूस का सेवन किया जा सकता है?

    कॉन्स्टिपेशन (Constipation) यह एक ऐसे समस्या है जिससे भारत में 22 प्रतिशत युवा वर्ग परेशान है। 13 प्रतिशत लोगों को सीवियर कॉन्स्टिपेशन (Constipation) की समस्या है, वहीं 6 प्रतिशत इंडियन पॉप्युलेशन कॉन्स्टिपेशन के साथ-साथ किसी अन्य हेल्थ कंडिशन (Health Condition) की समस्या से परेशान हैं और डायजेस्टिव हेल्थ से जुड़ी इन परेशानियों की जानकारी गट हेल्थ सर्वे (Gut Health Survey) द्वारा पब्लिश की गई है। कुछ रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार कॉन्स्टिपेशन में जूस (Juice for constipation) का सेवन करने से लाभ मिल सकता है। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपके साथ कब्ज में जूस का सेवन (Juice for constipation) क्यों लाभकारी हो सकती है इसके बारे में समझेंगे जिससे हर दिन की शुरुआत अच्छी हो सकेगी।  

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    कॉन्स्टिपेशन में जूस: कौन-कौन से फलों के जूस का सेवन किया जा सकता है? (Fruit juice for Constipation)

    कब्ज में जूस का सेवन (Juice for constipation)

    कॉन्स्टिपेशन यानी कब्ज की समस्या होने पर निम्नलिखित फलों के जूस का सेवन (Fruit Juice) किया जा सकता है। जैसे:

    1. कॉन्स्टिपेशन में जूस: सेब का जूस (Apple Juice)-

    कब्ज से अगर आप परेशान रहते हैं, तो सेब का जूस आपके लिए इस समस्या से राहत पाने में मददगार हो सकता है। सेब में फाइबर (Fiber) की उच्च मात्रा एवं विटामिन ए (Vitamin A), विटामिन सी (Vitamin C) जैसे मत्वपूर्ण तत्व सेहत के लिए कई तरह से लाभकारी होते हैं। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार सेब में मौजूद पेक्टिन प्रॉपर्टीज बॉवेल एक्टिविटी को बेहतर बनाये रखने में सहायक बताया गया है। 

    2. कॉन्स्टिपेशन में जूस: आलू बुखारे का जूस (Plum Juice)-

    कॉन्स्टिपेशन में जूस (Juice for constipation) का सेवन करना चाहते हैं, तो आलूबुखारे का जूस का सेवन किया जा सकता है। वैसे अगर आप सोच रहें हैं कि आलूबुखारे का जूस कैसे तैयार किया जाए तो इसका तरीका थोड़ा अलग है। आलूबुखारे को पानी के साथ मिक्सर में पीस लें और स्मूदी तैयार कर लें। रेडी है आपका आलूबुखारा जूस या स्मूदी अब जो चाहे इसे कहें, लेकिन इसका सेवन कब्ज की समस्या में रामबाण माना जाता है। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार आलूबुखारा में मौजूद फाइबर (Fiber) की मात्रा कांस्टिपेशन के मरीजों के लिए लाभकारी माना गया है।  

    3. कॉन्स्टिपेशन में जूस: संतरे का जूस (Orange Juice)-

    कॉन्स्टिपेशन में जूस का सेवन करना चाहते हैं, तो संतरे का जूस भी लाभकारी हो सकता है। संतरे में मौजूद फाइबर और एंटी-ऑक्सिडेंट डायजेस्टिव सिस्टम (Digestive system) के लिए अच्छा माना जाता है। इसलिए कब्ज की समस्या होने पर संतरे के जूस का सेवन करें। 

    4. कॉन्स्टिपेशन में जूस: नाशपाती का जूस (Pear Juice)-

    नाशपाती के जूस का सेवन कॉन्स्टिपेशन में किया जा सकता हैं। रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार नाशपाती में मौजूद पैक्टिन नामक तत्व कब्ज की समस्या को दूर करने में लाभकारी माना गया है। सिर्फ इतना ही नाशपाती के जूस के सेवन से इम्यून पावर (Immune Power) को भी स्ट्रॉन्ग करने में मदद मिलती है और इंफेक्शन से भी बचा जा सकता है। 

    5. कॉन्स्टिपेशन में जूस: तरबूज का जूस (Watermelon juice)-

    यू.एस. डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेस (U.S. Department of Health and Human Services) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार डायजेस्टिव सिस्टम को ठीक तरह से काम करने में तरबूज बेहद लाभकारी है। इसलिए कॉन्स्टिपेशन में जूस (Juice for constipation) का सेवन करना चाहते हैं, तो तरबूज के जूस का सेवन किया जा सकता है। दरअसल तरबूज में पानी (Water) की मात्रा ज्यादा होती है और फाइबर (Fiber) की मौजूदगी दोनों ही कब्ज के मरीजों के लिए फायदेमंद माना गया है।

    कॉन्स्टिपेशन में जूस का सेवन (Juice for constipation) अगर आप करना चाहते हैं, तो इन ऊपर बताये पांच में से किसी भी एक जूस का नियमित कर सकते हैं। इनके सेवन से जल्द लाभ मिल सकता है। इन जूस के सेवन के दौरान यह ध्यान रखें कि अगर आपको इनके सेवन से कोई परेशानी महसूस होती है या एलर्जी की समस्या शुरू होती है, तो इनका सेवन ना करें और डॉक्टर से सलाह लें।

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    कॉन्स्टिपेशन की समस्या होने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (Tips for Constipation)

    कब्ज में जूस का सेवन (Juice for constipation)

    कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं, तो सबसे पहले अपने लाइफ स्टाइल में 3 सबसे महत्वपूर्ण बातों को शामिल करें। जैसे:

    1. समय पर सोना और नींद पूरी (Sound sleep) करना
    2. नियमित एक्सरसाइज (Regular workout) करना और
    3. तनाव (Tension) से दूर रहना

    अगर आपने इन 3 बातों को फॉलो कर लिए, तो समझिये कब्ज की समस्या अब और आपको परेशान नहीं करेगी। वहीं स्टैंडफोर्ड (Stanford) हेल्थ केयर में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार कब्ज (Constipation) होने पर डायट (Diet) में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों को शामिल ना करें। जैसे:

    • स्वीटनर्स में शामिल फ्रुक्टोज (Fructose), हनी (Honey) एवं कॉर्न सिरप (Corn syrup)का सेवन ना करें।
    • एप्पल (Apple), एप्रिकॉट (Apricot) , एवोकैडो (Avocado) और मेलॉन से दूरी बनायें।
    • दूध (Milk) का सेवन ना करें।
    • बिन्स (Beans) और लेगियोमस (Legumes) का सेवन ना करें
    • लहसुन (Garlic) और प्याज (Onions) के सेवन से भी बचें।

    इन खाद्य पदार्थों पर रोक लगाने के साथ-साथ कुछ बातों पर ध्यान रखना अतिआवश्यक हो जाता है। जैसे:

    • एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन ना करें।
    • कैफीन (Caffeine) के सेवन से बचें।
    • कार्बोनेटेड बेवरेज (Carbonated beverages) न लें।
    • ग्लूटेन (Gluten) न ले।
    • शुगर (Sugar) का सेवन ना करें।

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    कब्ज के कारण होने वाली बीमारी? (Disease causes due to Constipation)

    कब्ज के कारण (Constipation causes) निम्नलिखित बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। जैसे:

  • बवासीर (Hemorrhoids) की समस्या।
  • एनल फिशर (Anal fissures) की समस्या।
  • रेक्टल प्रोलैप्स (Rectal prolapse) की समस्या।
  • कब्ज (Constipation) एक सामान्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (GI) डिसऑर्डर है, जिससे आसानी से बचा जा सकता है। हालांकि अगर आप कब्ज या किसी भी बीमारी के प्रति लापरवाही बरतते हैं, तो इस छोटी सी शारीरिक परेशानी को गंभीर होने में भले ही थोड़ा वक्त लग जाए, लेकिन फिर पूरी उम्र किसी का साथ मिले या ना मिले पर दवाओं का साथ तो आपको लेना ही पड़ेगा! इसलिए परेशान करने वाले फिजिकल चेंजेस को इग्नोर ना करें। कब्ज से जुड़े अगर आप कुछ सवाल का जवाब चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर पूछिए। हमारे हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जरूर देंगे। हालांकि अगर आप कब्ज की समस्या से अत्यधिक परेशान हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

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    कॉन्स्टिपेशन की समस्या होने पर डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए? (Consult Doctor if-)

    अगर पेट में लगातर दर्द (Abdominal pain) रहे, उल्टी (Vomiting) होना, पेट फूला-फूला (Bloating) महसूस हो या फिर स्टूल में ब्लड (Blood in your stool) नजर आये तो ऐसी स्थिति को इग्नोर नहीं करना चाहिए और जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर पेशेंट की हेल्थ कंडिशन और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज करते हैं।

    कॉन्स्टिपेशन (Constipation) की समस्या हो या कोई अन्य शारीरिक परेशानी! इनसभी का इलाज छुपा है योग में। नियमित और सही योगासन से शारीरिक एवं मानसिक तकलीफों को दूर किया जा सकता है। इसलिए यहां हम आपके साथ योग से जुड़ी जानकारी और करने का सही तरीका शेयर कर रहें हैं। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।

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