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एनल फिशर के घरेलू उपाय क्या है? जानिए इसके बारे में सबकुछ

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Anu sharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 19/01/2021

    एनल फिशर के घरेलू उपाय क्या है? जानिए इसके बारे में सबकुछ

    उफ्फ्फ! मल त्याग करने में भी दर्द हो रहा है। ये आपको गुदा में हुए क्रैक या त्वचा के फटने के कारण हो रहा है। गुदा में हुए क्रैक को एनल फिशर कहते हैं। एनल फिशर एक कष्टदायी स्थिति होती है। कई बार यह गंभीर होता है, तो आपको डॉक्टर से मिलना पड़ता है, लेकिन अगर शुरुआती समय में ही एनल फिशर के घरेलू उपाय किए जाए तो राहत मिल सकती है। आइए जानते हैं कि एनल फिशर क्या है, एनल फिशर के लक्षण और कारण क्या हैं, एनल फिशर के घरेलू उपाय क्या हैं?

    एनल फिशर क्या है?

    गुदा में लगने वाला कट या गुदा की त्वचा का छील या फट जाना एनल फिशर कहलाता है। अगर यह समस्या 6 हफ्तों से अधिक तक रहती है, तो इसे गंभीर (chronic) कहा जाता है। यह समस्या सख्त मल त्याग के कारण भी हो सकती है।  इससे प्रभावित स्थान मेंं दर्द या ब्लीडिंग होती है। इस रोग मेंं आप अपने गुदा के आंत की मांसपेशियों मेंं ऐंठन का अनुभव कर सकते हैं। हालांकि, यह सामान्य समस्या है लेकिन कुछ लोग इस बीमारी को बवासीर समझ लेते हैं। फिशर रोग किसी भी उम्र मेंं हो सकता है। फिशर के घरेलू उपाय जैसे खाने मेंं फाइबर लेना या इस स्थान पर गर्म पानी का सेक देना आदि से यह समस्या ठीक हो सकती है। लेकिन, किन्हीं स्थितियों मेंं दवाइयों या सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है। एनल फिशर के घरेलू उपायों के बारे में जानने से पहले हमें एनल फिशर के लक्षण और कारण के बारे में जान लेना चाहिए।

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    एनल फिशर के लक्षण क्या हैं?

    आपको एनल या गुदा में फिशर, घाव या चोट के अलावा निम्नलिखित लक्षण देखने को भी मिल सकते हैं:

    किन परिस्थितियों मेंं एनल फिशर जोखिम भरा हो सकता है?

    कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के साथ एनल फिशर होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है:

    • कब्ज होने पर मल त्याग में परेशानी होना
    • कम फाइबर वाले फूड्स लेना
    • डायरिया
    • वजायनल डिलिवरी होना
    • मल त्याग में जलन होना
    • कोई सर्जरी या मेडिकल ट्रीटमेंंट भी मल त्याग के सिस्टम या गुदा मेंं बदलाव आ सकता है, जिससे यह समस्या बढ़ सकती है।

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    एनल फिशर के क्या कारण हैं?

    एनल फिशर के घरेलू उपाय जानने से पहले इस रोग के कारणों के बारे मेंं पता होना बेहद आवश्यक है। एनल फिशर गुदा या गुदा की नलिका में लगने वाली चोट के कारण होता है। यह चोट निम्नलिखित कारणों से लग सकती है:

    और पढ़ें: जानें गुदा मैथुन कैसे करें और साथ में किन बातों का रखें ध्यान

    एनल फिशर के कुछ अन्य कारण भी हो सकते हैं:

    • लंबे समय से मल त्याग की खराब आदतें 
    • जो नसें गुदा के खुलने या बंद होने को नियंत्रित करती हैं, उनका अधिक तंग होना 
    • एनोरेक्टल क्षेत्र मेंं निशान
    • कोई मेंडिकल समस्या जैसे क्रोहन’स डिसीस,अल्सरेटिव कोलाइटिस, एनल कैंसर, संक्रामक रोग, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD
    • एनोरेक्टल क्षेत्र में रक्त के प्रवाह में कमी
    • युवा शिशुओं और महिलाओं में प्रसव के बाद फिशर की समस्या आम है

    और पढ़ें : Anal Fistula Surgery: एनल फिस्टुलेक्टोमी सर्जरी क्या है?

    एनल फिशर का निदान कैसे किया जाता है?

    एनल फिशर के घरेलू उपाय जानने से पहले उसका निदान कैसे होता है, आइए यह जानते हैं। इस समस्या के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर आपसे आपको मेडिकल हिस्ट्री जानेंगे। आपके शारीरिक जांच होगी जिसमें वो आपके गुदा क्षेत्र को भी जांचेंगे। इस रोग में घाव या कट स्पष्ट दिखाई देता है। आमतौर पर फिशर में यही जांच होती है। एनल फिशर एक पेपर के फटने के जैसा नजर आता है। लेकिन अगर यह पुरानी बीमारी है तो गुदा में घाव गहरा हो सकता है। इस स्थिति में फिशर का विकास अंदर और बाहर दोनों तरफ होने की संभावना होती है। अगर फिशर आठ हफ़्तों से अधिक समय तक रहे, तो यह बीमारी गंभीर हो सकती है। एनल फिशर के स्थान से इसके कारणों का पता चल सकता है। अगर यह उस जगह पर हो जहां गुदा द्वार है, तो यह किसी अन्य बीमारी का संकेत हो सकता है जैसे क्रोहंस डिजीज। इस स्थिति में आपको डॉक्टर यह टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं:

    एंडोस्कोपी 

    एंडोस्कोपी ट्यूब के आकार का उपकरण है जिसे गुदा मेंं डाला जाता है ताकि आपके डॉक्टर को मलाशय और गुदा को देखने मेंं  मदद मिल सके।

    फ्लेक्सिबल सिग्मोइडोस्कोपी

    यह टेस्ट तब किया जाता है जब आपकी उम्र पचास साल से कम हो और आपको आंतों के रोग या कोलन कैंसर का जोखिम न हो।

    कोलोनोस्कोपी

    यह टेस्ट तब किया जाता है जब आपकी उम्र पचास साल से ज्यादा हो और आपको कोलन कैंसर का जोखिम हो। इसके साथ ही  आपको  अन्य रोग भी हों जैसे पेट मेंं दर्द या डायरिया आदि।

    और पढ़ें: Constipation: कब्ज (कॉन्स्टिपेशन) क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय

    एनल फिशर के उपचार क्या है?

    एनल फिशर को ठीक होने के लिए किसी तरह से उपचार की आवश्यकता नहीं होती। यह रोग खुद ही ठीक हो जाता है।

    शिशु

    शिशुओं को फिशर जैसी समस्या से बचाने के लिए उनका डायपर समय-समय पर बदलते रहें और उन्हें गुदा क्षेत्र को अच्छे से साफ कर के सूखा रखें।

    बच्चे और वयस्क

    प्रभावित स्थान पर दर्द के कारण मल त्याग न करने से यह समस्या और भी बढ़ सकती है। समय पर मल त्याग नहीं करने से मल सख्त हो सकता है जिससे फिशर की समस्या बढ़ सकती है। इस समस्या से बचने के लिए फाइबर युक्त आहार लें, अधिक पानी पीएं, स्टूल सॉफ्टनर का प्रयोग करें

    दवाइयां

    अपने डॉक्टर से ऐसी दवाईयों या क्रीम मांगें, जिसे प्रभावित स्थान पर लगा कर आप आराम पा सकें, जैसे:

    • नंबिंग क्रीम 
    • पेट्रोलियम जेली  
    • जिंक ऑक्साइड, 1% हाइड्रोकोर्टीसोन क्रीम, प्रिपरेशन H, और अन्य उत्पाद

    अगर फिर भी एनल फिशर की समस्या से राहत नहीं मिलती तो इसका उपचार इस तरह से किया जा सकता है।

    और पढ़ें : Anal Abscess : एनल एब्सेस क्या है?

    एनल फिशर के घरेलू उपाय क्या है?

    एनल फिशर के घरेलू उपाय इस समस्या से राहत पहुंचाने में बेहद सहयोगी हैं। एनल फिशर के घरेलू उपाय इस प्रकार हैं: 

    एनल फिशर होने पर एलोवेरा का इस्तेमाल 

    एलोवेरा का इस्तेमाल आयुर्वेद में पेनकिलर के तौर पर किया जाता है। ऐसे में एनल फिशर के घरेलू उपाय में एलोवेरा का इस्तेमाल किया जा सकता है। एलोवेरा को लेकर उसे छील कर, उसके अंदर का जेल निकाल लें। इसके बाद एलोवेरा जेल को फिशर वाले स्थान पर लगाएं। ऐसा दिन में कम से कम दो बार करें।

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    एनल फिशर पर लगाएं नारियल का तेल 

    नारियल का तेल एक प्रकार की वसा है, जिसका इस्तेमाल करने से वह त्वचा के द्वारा पूरी तरह से अवशोषित कर लिया जाता है। एनल फिशर वाले स्थान पर दिन में चार से पांच बार नारियल का तेल लगाएं। इसके साथ ही आप नारियल के तेल को अपनी डायट में भी शामिल कर सकते हैं। नारियल का तेल कब्ज में आराम दिलाता है। एनल फिशर के घरेलू उपाय में नारियल के तेल को जरूर शामिल करें।

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    एनल फिशर में यूज करें जैतून का तेल

    एनल फिशर के घरेलू उपाय में जैतून का तेल या ऑलिव ऑयल आपके एनस को चिकनाई प्रदान करता है। जिससे आपको मल त्याग करने में आसानी होती है। जैतून के तेल को एनल फिशर में इस्तेमाल किया जा सकता है। जैतून के तेल में शहद और मधुमक्खी के छत्ते का मोम गर्म कर के एक मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को फिशर वाले स्थान पर दिन में कई बार लगाएं। इससे फिशर में राहत मिलने के साथ ही मल त्याग करने में भी आसानी होती है।

    और पढ़ें : ऑलिव ऑयल के फायदे एवं नुकसान 

    अलसी के बीज के मिलेगा एनल फिशर में आराम

    अलसी के बीज में ओमेगा-3 होता है। ये पेट को सही रखने में मददगार होता है। साथ ही अलसी के बीज कब्ज के लिए एक फायदेमंद औषधि है। अलसी के बीजों को पीस कर पाउडर बना लें। इसके बाद सोने से पहले आप गर्म पानी में एक चम्मच अलसी के पाउडर को मिला कर पी लें। इससे सुबह वॉशरूम जाते ही आप पूरी तरह फ्रेश हो सकते हैं। इसलिए एनल फिशर के घरेलू उपाय में आप अलसी के पानी को जरूर शामिल करें।

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    गर्म पानी से नहाने से मिलेगा एनल फिशर से आराम

    गर्म पानी को हमेशा से आयुर्वेद में कई बीमारी का इलाज माना गया है। एनल फिशर से परेशान होने पर प्रभावित क्षेत्र को हॉट कम्प्रेस की जरूरत होती है। ऐसे में आप एनल फिशर के घरेलू उपाय में ये कर सकते हैं कि पानी गर्म करें और एक बड़े से टब में पानी भरें। इसके बाद उसमें लेवेंडर इसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदें मिलाएं और उस गर्म पानी में 15 मिनट के लिए बैठ जाएं। अगर आप टब में बैठ नहीं सकते हैं तो उस गर्म पानी को एनस पर डालते रहें। जिससे प्रभावित क्षेत्र की सिकाई होती रहेगी।

    एनल फिशर से राहत के लिए खाएं फाइबर

    जितना हो सके फाइबर युक्त आहार लें जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि। इसके साथ ही तरल पदार्थों और पानी को पीना न भूलें। एक वयस्क को दिन मेंं कम से कम तीन लीटर पानी पीना चाहिए। लेकिन अल्कोहलिक ड्रिंक इस समस्या को दूर करने मेंं प्रभावी नहीं हैं। अगर फाइबर युक्त आहार खाने से कोई फायदा नहीं हो रहा है तो फाइबर सप्लीमेंंट लें जैसे मिथाइल सेलुलोज या स्टिरकुलिया आदि। इन्हें खाने से भी मल त्याग मेंं आसानी होगी। इसे आप किसी भी फार्मेंसी से ले सकते हैं। 

    और पढ़ें : रिसर्च: हाई फाइबर फूड हार्ट डिजीज और डायबिटीज को दूर कर सकता है

    एनल फिशर के घरेलू उपाय के लिए कुछ अन्य टिप्स को अपनाएं

    एनल फिशर के घरेलू उपाय में आप कुछ अन्य बातों का भी ध्यान रख सकते हैं :

    • फिशर के घरेलू उपाय मे मुख्य है अपनी टॉयलेट की आदते सुधारें। जब मल करने का मन हो तुरंत करें, उसे रोकें नहीं। क्योंकि, रोकने से यह और भी सख्त हो सकता है। इसके बाद आपको मल त्याग करने में बहुत मुश्किल हो सकती है
    • दर्द को कम करने वाली दवाईयां जैसे कौडीन भी कब्ज के होने का सामान्य कारण है। इसे लेने से बचे। अगर आपको फिशर मेंं समस्या या दर्द हो रही है तो पेरासिटामोल लेने की सलाह दी जाती है। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
    • साफ सफाई  भी फिशर के घरेलू उपाय मे खास है। जब भी आप टॉयलेट जाएं अपने गुदा क्षेत्र को अच्छे से धोएं। उसके बाद सुखाएं। इस पर किसी तरह के साबुन का प्रयोग न करें, इससे परेशानी हो सकती है।
    • गर्म पानी मेंं सेक देने से भी आपको आराम मिलेगा। इसके लिए बाथटब या किसी सामान्य टब मेंं गर्म पानी डालें और उसमें बैठ जाएं। इससे गुदा की दर्द और जलन दूर होगी।
    • इस समस्या से बचने के लिए व्यायाम या योग करें। कुछ देर सैर अवश्य करें। ऐसा करने से भी आपको कब्ज जैसी समस्या से छुटकारा मिलेगा और खाना आसानी से बचेगा। इससे फिशर की समस्या से राहत मिल सकती है।
    • एनल फिशर के घरेलू उपाय में सबसे जरूरी है कि जितना अधिक हो सके उतना अधिक पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें।
    • इनके साथ ही आप कब्ज से बचने के लिए योगा भी कर सकते हैं। जो कब्ज से राहत प्रदान करते हैं और आप फिशर की समस्या से बच जाते हैं।

    उम्मीद करते हैं कि अब आप एनल फिशर के घरेलू उपाय के बारे जान चुके होंगे। एनल फिशर के घरेलू उपाय को अपना कर आप एनल फिशर से राहत तो पा सकते हैं, लेकिन अगर एनल फिशर काफी पुराना हो तो डॉक्टर के पास जाना एक बेहतर विकल्प होगा। क्योंकि एनल फिशर के घरेलू उपाय आपको आराम तो देंगे, लेकिन आपको आराम होने में लंबा वक्त लग सकता है। इस स्थिति में आप बिना देर किए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर आपके कई दिन पुराने एनल फिशर का इलाज जल्द से जल्दी कर देंगे। वहीं, अगर आपको एनल फिशर तरुंत ही हुआ है, तो आप एनल फिशर के घरेलू उपाय को अपना सकते हैं, जिससे आपको आराम मिल जाएगा। अगर ये आर्टिकल आपके लिए मददगार है तो हमें कमेंट कर के बताएं। वहीं, इस विषय में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

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