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एनल सेक्स के फायदे : प्रेग्नेंसी का डर नहीं
एनल सेक्स के फायदे की बात हो तो इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि गुदा मैथुन से गर्भवती होने की संभावना नहीं रहती है। जब तक पुरुष साथी का स्पर्म महिला की वजाइनल कैनाल के संपर्क में नहीं आता है तब तक गर्भधारण की संभावना नहीं रहती है। अगर आप भी बिना प्रेग्नेंसी के डर के सेक्स का मजा लेना चाहती हैं तो एनल सेक्स का ऑप्शन बुरा नहीं है।
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सेक्स लाइफ में एक्ससाइटमेंट भरे
वजाइनल सेक्स अच्छा और आरामदायक महसूस होता है। लेकिन कभी-कभी पार्टनर्स को कुछ और ऑप्शंस भी चाहिए होते हैं ताकि बोरिंग होती सेक्सुअल लाइफ को थोड़ा मजेदार बनाया जा सके। ऐसे में गुदा सेक्स एक-दूसरे पार्टनर में शारीरिक संबंध बनाने के लिए एक नई उत्तेजना भर देता है। ओरल और वजाइनल सेक्स अद्भुत होते हैं, लेकिन सही तरीके से लुब्रिकेंट्स के इस्तेमाल से एनल सेक्स भी सेटिस्फैक्टरी साबित हो सकता है। वहीं, एनल सेक्स के फायदे में यह भी है कि ऐसे कपल्स जो पीरियड्स के दौरान भी यौन-संबंध स्थापित करना चाहते हैं तो यह एक शानदार विकल्प है।
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रिलेशनशिप में आती है मजबूती
यदि आप कभी ऐसा महसूस करते हैं कि आपका यौन जीवन ऊबाऊ हो गया है, तो गुदा मैथुन आपकी आपके यौन जीवन में कुछ नयापन लाने का सबसे अच्छा तरीका है। यह चीजों को नया और अधिक सुखद बना सकता है। हालांकि, कई महिलाएं एनल सेक्स के दौरान असुरक्षित और नर्वस महसूस करती हैं। लेकिन, जब दोनों पार्टनर्स की सहमति से गुदा सेक्स होता है तो उन दोनों के बीच में इंटिमेसी भी बहुत होती है।
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गुदा मैथुन पुरुषों के लिए अधिक आनंददायक होता है
एनस, वजाइना की तुलना में ज्यादा टाइट होता है। इसलिए, कई पुरुष योनि सेक्स की तुलना में गुदा सेक्स को अधिक आनंददायक पाते हैं। वहीं, कुछ महिलाएं भी एनल सेक्स को खूब एन्जॉय करती हैं।
क्या एनल ऑर्गैज्म इंटेंस होता है?
कई लोगों के मन में यह सवाल आ सकता है कि क्या एनल सेक्स से मिलने वाला ऑर्गैज्म यानी एनल आर्गैज्म वजायनल सेक्स से मिलने वाले ऑर्गैज्म जैसा ही आनंद देता है? अगर आपके मन में भी यह सवाल उठता है, तो हम आपको बता दें कि एनस में कई नसों के सिरे मौजूद होते हैं, जिनमें से कुछ जननांगों से जुड़े होते हैं। इस तरह, आपको एनल सेक्स से भी ऑर्गैज्म प्राप्त हो सकता है।
सिर्फ इतना ही नहीं, सिसजेंडर पुरुषों और जन्म के समय पुरुष निर्धारित किए लोगों में एनल इंटरकोर्स प्रोस्टेट को उत्तेजित करता है। जिससे उन्हें ऑर्गैज्म मिलता है। आसान भाषा में समझें, तो इस तरह के ऑर्गैज्म को प्रोस्टेट ऑर्गैज्म कहा जाता है। जो कि सिर से लेकर पंजों तक पूरे शरीर में ऑर्गैज्मिक प्लेजर की तरंगें भेजता है। वहीं दूसरी ओर, सिसजेंडर महिलाओं या जन्म के समय महिला निर्धारित किए गए लोगों में एनल सेक्स से जी-स्पॉट और ए-स्पॉट को टार्गेट किया जा सकता है।
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महिलाओं में यह दोनों स्पॉट काफी संवेदनशील होते हैं और ऑर्गेज्म प्राप्त करने में मददगार होते हैं। दोनों ही स्पॉट वजाइनल वॉल के साथ लगे होते हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से एनल इंटरकोर्स के दौरान उत्तेजित किए जा सकते हैं। पुरुषों में प्रोस्टेट की तरह ये स्पॉट भी शरीर में ऑर्गेज्मिक तरंगें भेजने में सक्षम होते हैं। इन्हीं स्पॉट की मदद से महिलाओं को फीमेल इजेकुलेशन (Female Ejaculation) या स्क्वरटिंग (Squirting) कहा जाता है।
हालांकि, कुछ महिलाओं को क्लाइमेक्स तक पहुंचने के लिए एनल सेक्स के दौरान क्लिटोरियल स्टिमुलेशन की जरूरत होती है। वहीं, कुछ महिलाएं सिर्फ ओरल या वजाइनल सेक्स से ही क्लाइमेक्स तक पहुंच पाती हैं।
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गुदा मैथुन से जुड़े मिथक और सच
1. क्या एनल सेक्स दर्दनाक होता है?
अगर सही तरीके से गुदा मैथुन किया जाए, तो यह बहुत अच्छा महसूस हो सकता है। लेकिन, पहली बार एनल सेक्स के दौरान आपको कुछ असुविधा या दर्द महसूस हो सकता है। धीरे धीरे यह आपको अच्छा लगने लगेगा।
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2. क्या एनल सेक्स के दौरान ब्लीडिंग होना सामान्य है?
यह हो सकता है कि आप पहली बार गुदा सेक्स से थोड़ी-सी ब्लीडिंग हो। हालांकि, बाद में ब्लीडिंग नहीं होनी चाहिए। यदि हर बार एनल सेक्स के समय आपको ब्लीडिंग होती है, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। यह किसी भी इंटरनल हेल्थ कंडीशन के चलते भी हो सकता है। बेहतर होगा इसके लिए आप अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
3. एनल सेक्स में कंडोम की जरूरत नहीं होती।
एनल सेक्स के दौरान कॉन्डम जरूर पहनें। इससे यौन संचारित रोगों और संक्रमण से बचाव मिलेगा।
4. एनल सेक्स के बाद वजाइनल सेक्स करने के लिए सेम कंडोम यूज कर सकते हैं।
एनल इंटरकोर्स करने के बाद ओरल या वजायनल सेक्स के लिए नया कॉन्डम उपयोग करें। अगर आप बिना कॉन्डम के एनल इंटरकोर्स कर रहे हैं, तो पेनिस को अच्छी तरह साफ करने के बाद ही ओरल या वजायनल सेक्स करें। इससे, खतरनाक बैक्टीरिया के फैलने की आशंका कम होती है।
5. एनल सेक्स के लिए किसी भी कंडोम का यूज कर सकते हैं।
ल्युब्रिकेशन का इस्तेमाल करें। लेकिन ध्यान रहे कि आप वॉटर बेस्ड ल्युब्रिकेशन का इस्तेमाल करें। क्योंकि ऑयल बेस्ड ल्युब्रिकेशन का उपयोग करने पर कॉन्डम के फटने का खतरा होता है।
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6. एनल सेक्स को वजाइनल सेक्स की ही तरह किया जाता है।
एनल इंटरकोर्स करने से पहले पार्टनर के शरीर और एनल मसल्स को रिलैक्स करना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप एनल सेक्स से पहले गर्म पानी से नहा सकते हैं व फोरप्ले करें ताकि रिसिविंग पार्टनर के एनल टिश्यू पेनिट्रेशन के लिए तैयार हो पाएं।
7. एनल सेक्स के लिए एक्स्ट्रा तयारी करना जरूरी नहीं होता।
एनल सेक्स करने से पहले अपने नाखून अच्छी तरह काट लें। जिससे आपके पार्टनर के एनस के आसपास या अंदर मौजूद नाजुक टिश्यू पर खरोंच लगने या जख्म होने का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा एनल इंटरकोर्स के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धो लें ताकि खतरनाक बैक्टीरिया के संपर्क में आने का खतरा बिल्कुल खत्म हो जाए।
8. एनल सेक्स में दर्द होना सामान्य है।
अगर एनल इंटरकोर्स करते हुए आपको या आपके पार्टनर को ज्यादा दर्द हो रहा है, तो इसे तुरंत रोक दें। अपने पार्टनर की सुविधा का ध्यान रखते हुए एनल इंटरकोर्स के लिए आरामदायक सेक्स पुजिशन का इस्तेमाल करें।
9. हर बार एनल सेक्स करने में खून आता है।
पहली बार या शुरुआती कुछ टाइम के लिए एनल इंटरकोर्स करने पर थोड़ी बहुत ब्लीडिंग हो सकती है। लेकिन अगर यह हर बार हो रही है या लगातार हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।