- अगर आप सेक्शुअली एक्टिव हैं, तो कोशिश करें कि आप किसी एक के साथ ही सेक्शुअली एक्टिव रहें। क्योंकि, इससे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने का चांस बढ़ जाता है।
- ओरल सेक्स के लिए सबसे पहले आपको अपने और अपने पार्टनर के गुप्तांगों की सफाई करनी होगी। क्योंकि, जेनाइटल ऑर्गन में कुछ खतरनाक बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
- अपने और अपने पार्टनर की यौन संचारित रोगों से संबंधित जांच नियमित करवाते रहें। इससे, गंभीर स्थिति से बचने में सहायता मिलेगी।
- ओरल सेक्स के दौरान भी डेंटल डैमस, कॉन्डम आदि सुरक्षा का उपयोग करते रहें।
- अगर आपके साथी को पीरियड्स या पार्टनर के एनल व पेनिस में किसी भी तरह का संक्रमण है, तो ओरल सेक्स करने से बचें।
- ओरल सेक्स के दौरान टंग कॉन्डम या ओरल कॉन्डम का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें, एचआईवी आदि यौन संचारित रोगों से बचाव के लिए उपयोग किया जाता है।
एल जी बी टी क्यू सेक्स गाइड: एनल सेक्स में रखें किन बातों का ध्यान?
एल जी बी टी क्यू सेक्स गाइड में अब बात करेंगे एनल सेक्स के बारे में। एनस काफी सेंसटिव हिस्सा होता है, क्योंकि इसमें नर्व एंडिंग मौजूद होते हैं। इस वजह से भी यह यौन उत्तेजना या एक्साइटमेंट को बढ़ाने के लिए उपयोगी अंग होता है। एक अनुमान के मुताबिक, पुरुषों के साथ एल जी बी टी क्यू सेक्स करने वाले 90 प्रतिशत पुरुष या गे और 5 से 10 प्रतिशत महिलाएं एनल सेक्स एक्टिविटी में भाग लेती हैं।
एल जी बी टी क्यू सेक्स गाइड के अनुसार एनल सेक्स के दौरान आपको निम्न सावधानियां बरतनी चाहिए :
- एनल सेक्स के दौरान कॉन्डम जरूर पहना चाहिए। इससे सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज और संक्रमण से बचाव मिलेगा।
- एनल सेक्स करने के बाद ही ओरल और वजायनल सेक्स के लिए नया कॉन्डम का उपयोग करें। अगर आप कॉन्डम के बिना एनल सेक्स कर रहे हैं, तो पेनिस को अच्छी तरह साफ करें। इसके बाद ही ओरल या वजायनल सेक्स करें।
- ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करें, लेकिन ध्यान रहे कि आप वॉटर बेस्ड ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करें।
- एनल सेक्स के बाद हाथों को अच्छी तरह धो लें, ताकि बैक्टीरिया हाथों में लगे बैक्टीरिया खत्म हो जाए।
- एनल सेक्स के लिए आरामदायक सेक्स पुजिशन का इस्तेमाल करें।
- एनस को अच्छी तरह से साफ करने के लिए अपने लोकल ड्रग स्टोर से फ्लीट एनीमा को खरीद सकते हैं।
एल जी बी टी क्यू सेक्स गाइड: वजायनल सेक्स में रखें किन बातों का ध्यान?
एल जी बी टी क्यू सेक्स गाइड में अब नंबर है वजायनल सेक्स के लिए जरूरी बातों का। जब ट्रांसजेंडर, लेस्बियन आदि वजायनल सेक्स करते हैं तो उसमें महिलाओं की वजायना का विशेष ध्यान देना चाहिए। वजायनल सेक्स में निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- वजायनल सेक्स करते समय कॉन्डम का इस्तेमाल करना जरूरी है। ऐसे में सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज होने का खतरा कम हो जाता है।
- अपनी वजायना को सेक्स करने के बाद जरूर साफ करना चाहिए। ऐसा करने से आपके जेनाइटल से खराब गंध नहीं आएगी।
- सेक्स के दौरान और बाद में भी पेशाब करने के लिये वॉशरूम जरूर जाएं।
- एल जी बी टी क्यू सेक्स गाइड में केवल महिलाओं को ही सतर्क रहने की जरूरत नहीं होती। पुरुषों को भी सेक्स हाइजीन का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है।
एल जी बी टी क्यू सेक्स गाइड: सेक्स टॉय का इस्तेमाल करते समय किन बातों का ध्यान रखें?
एल जी बी टी क्यू सेक्स गाइड में सेक्स टॉय चुनते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। सेक्स टॉय सिलिकॉन, धातु या ABS प्लास्टिक, कड़े ग्लास से बने उत्पादों का ही चुनाव करना चाहिए। खराब मटैरियल से बनें सेक्स टॉय खरीदने और इस्तेमाल करने से परहेज करें।
वहीं, सेक्स टॉय के इस्तेमाल के बाद इसे अच्छी तरह से साबुन और पानी की मदद से साफ कर लें। क्योंकि सेक्स टॉय सेक्स डिजीज फैलाने के लिए काफी हो सकता है। एल जी बी टी क्यू सेक्स करते समय एक ही सेक्स टॉय का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसे में आपको कई तरह की समस्या हो सकती है। एल जी बी टी क्यू सेक्स गाइड में सेक्स टॉय को लेकर दी बातों का मानना चाहिए।
सेफ एल जी बी टी क्यू सेक्स न करने से हो सकती है बीमारियां
एल जी बी टी क्यू सेक्स गाइड में हम आपको बताएंगे कि सेफ एल जी बी टी क्यू सेक्स गाइड में बताई कई बातें फॉलो न करने से कौन सी यौन बीमारियां हो सकती हैं। एल जी बी टी क्यू सेक्स में आम लोगों की तरह ज्यादातर सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (STIs or STDs) हो सकता है।
गोनोरिया (Gonorrhea)
गोनोरिया (Gonorrhea) सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (एसटीआई) है जो कि नीसेरिया या गोनोकोकस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। गोनोरिया बेहद सामान्य समस्या है। यह पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है।
गोनोरिया के लक्षण क्या हैं?
गोनोरिया का इलाज कैसे किया जाता है?
गोनोरिया का आमतौर पर एक एंटीबायोटिक टैबलेट और एक एंटीबायोटिक इंजेक्शन दिया जाता है।
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क्लैमाइडिया (Chlamydia)
क्लैमाइडिया में गुप्तांगों से पस जैसा पीला पदार्थ निकल सकता है। इसमें पेशाब करने में लगातार दर्द, सेक्स के दौरान ब्लीडिंग या दर्द के लक्षण रहते हैं। क्लैमाइडिया आगे चलकर क्रॉनिक पैल्विक पेन, पैल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज, बांझपन का कारण बन सकती है। एल जी बी टी क्यू सेक्स के मामलों में क्लैमाइडिया लेस्बियन लोगों को होने का खतरा ज्यादा होता है। क्लैमाइडिया एक संक्रमण है जो क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस बैक्टीरिया के कारण होता है।
क्लैमाइडिया के लक्षण क्या हैं?
क्लैमाइडिया से पीड़ित लोगों को लक्षण नहीं पता चलते हैं। अगर कई हफ्तों बाद लक्षण दिखते हैं तो वो निम्न प्रकार होंगे:
कुछ गंभीर मामलों में क्लैमाइडिया संक्रमण का असर आंखों पर भी दिखने लगता है। इसे क्लैमाइडिया कंजंक्टिवाइटिस के रूप में जाना जाता है। यह तब होता है जब आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ संभोग करते हैं जिसकी आंख में क्लैमाइडिया संक्रमण हो।
क्लैमाइडिया का इलाज कैसे किया जाता है?
क्लैमाइडिया के लिए डॉक्टर सबसे पहले एंटीबायोटिक्स दवाएं देते हैं।
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सिफिलिस (Syphilis)
सिफिलिस एक सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज (STDs)है, जो बैक्टीरिया के कारण होता है।सिफिलिस ट्रिपैनोमा पैलिडियम नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह त्वचा, मुंह, गुप्तांगों और नर्वस सिस्टम को संक्रमित कर सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक सन् 2010 के बाद से महिलाओं में सिफिलिस की दर में कमी आई है, लेकिन पुरुषों में विशेष रूप से एल जी बी टी क्यू सेक्स यानी कि गे-रिलेशनशिप के पुरुषों में, इस बीमारी का स्तर बढ़ा है।
सिफिलिस के लक्षण क्या हैं?
सिफिलिस के लक्षण निम्न हैं :