बाइसेक्शुअल महिला अगर किसी महिला के साथ रिलेशनशिप में है, लेकिन किसी पुरुष के साथ भी सेक्स कर चुकी है और किसी भी तरह के गर्भ निरोध का इस्तेमाल नहीं किया है या उसे सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन की जानकारी नहीं है। ऐसे में महिला ये सोचती है कि वह एक लेस्बियन है और वह गर्भवती नहीं हो सकती है या उसे कोई सेक्सुअल डिजीज नहीं हो सकती है। इस धारणा के चलते ही महिला STI की शिकार हो सकती है।
इसके अलावा मेंटल हेल्थ को समाज की सोच हानि पहुंचाती है। इस स्थिति में व्यक्ति को मजबूती के साथ खुद को समाज के सामने उभयलिंगी के रूप में एक्सपोज करना चाहिए। ना कि खुद को एकांतवास या समाज से अलग-थलग रखना चाहिए। इससे उभयलिगीं व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है।
बाइसेक्शुअल लोगों को क्या करना चाहिए?
अगर आप बाइसेक्शुएलिटी से संबंधित हैं तो आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं :
- आपको ऐसे लोगों या ग्रुप से जुड़ना चाहिए, जो बाइसेक्शुएलिटी को सपोर्ट करते हो। इसके अलावा आप ऐसे लोगों के साथ भी संपर्क कर सकते हैं, जो खुद बाइसेक्शुअल हो। इससे आप लोग मिल कर स्ट्रेस से निकलने का रास्ता निकाल सकते हैं।
- इसके अलावा अपना रेगुलर चेकअप कराते रहें। शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की जांचों में आप ईमानदारी से डॉक्टर को हर बात बताएं, ताकि वे आपकी केयर ज्यादा अच्छे से कर सके।
अगर आप बाइसेक्शुअल नहीं हैं, तो आप बाइसेक्शुअल लोगों को सपोर्ट कर सकते हैं :
- आप बाइसेक्शुअल लोगों को मानसिक और सामाजिक रूप से सपोर्ट कर सकते हैं।
- दूसरे लोगों को आप बाइसेक्शुएलिटी के लिए शिक्षित कर सकते हैं। लोगों के मन से पुरानी धारणाओं को खत्म करें और बताएं कि वे भी सभी तरह एक सामान्य इंसान हैं।
बाइसेक्शुअलिटी से जुड़े मिथ्स
बाइसेक्शुअल लोग निर्णय नहीं ले पाते हैं
समाज में एक मान्यता है कि किसी भी व्यक्ति में विपरीत लिंग के लिए सेक्शुअल अट्रैक्शन होता है। बस यही कारण है कि सामाजिक प्रेशर के कारण बाइसेक्शुअल लोग खुद को समाज के सामने एक्सपोज नहीं कर पाते हैं। इसलिए लोग समझते हैं कि उभयलिंगी लोग जेंडर को लेकर कंफ्यूज रहते हैं।
बाइसेक्शुअल लोग उभयलिंगी दिखते हैं
लोगों की मान्यता है कि बाइसेक्शुअल लोग अपने पहनावे, व्यवहार या लुक्स के आधार पर पहचाने जा सकते हैं। जबकि ऐसा नहीं है, ये व्यक्ति की एक व्यक्तिगत रूचि का हिस्सा है। अगर वो चाहे तो कुछ भी वेशभूषा अपना सकता है।
बाइसेक्शुअलिटी से एड्स फैलता है
लोगों में एक मिथ है कि बाइसेक्शुअलिटी से एचआईवी फैलता है। जबकि हकीकत ये है कि बाइसेक्शुअलिटी से नहीं, बल्कि अनसेफ सेक्स करने से एचआईवी एड्स होता है। इसके अलावा असुरक्षित यौन संबंध स्थापित करने से सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज भी होती है।
हमें उम्मीद है कि बाइसेक्शुअल और बाइसेक्शुअलिटी पर आधारित यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा।