के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
शब्दों के द्वारा आपके बच्चों के मुंह से अर्थ पूर्ण वाक्य निकल रहे हैं, उनका दिमाग विकसित हो रहा है इसलिए वह बोलना सीख रहे हैं।
11 महीने के पहले हफ्ते में मेरा बच्चा क्या-क्या करने में सक्षम हो सकता है:-
45 सप्ताह के शिशु में शब्दों की नकल कर सकता है और वे छोटे-छोटे निर्देशों का पालन कर सकता है। इसके अलावा, आप उन्हें कोई काम करने को कहेंगे जैसे कि बॉल ले आओ या टेबल से चम्मच ले आओ आदि, तो बच्चा उसका पालन करेगा। आप उसके दिमाग को तेज करने के लिए कोई काम आप उसे साधारण भाषा में एक्शन के साथ समझा सकते हैं।
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45 सप्ताह के शिशु के लिए अधिकांश डॉक्टर नियमित चेकअप का समय निर्धारित नहीं करते हैं। यहां तक कि बच्चे भी डॉक्टर के यहां जाना पसंद नहीं करते हैं, चाहें डॉक्टर बच्चों से कितना ही फ्रेंडली व्यवहार न करें। अगर आपको लगता है कि बच्चे को डॉक्टर के पास ले जाने की जरूरत है तो उसे ले जाएं।
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45 सप्ताह के शिशु चल सकता है और कई बच्चों में आपने नोटिस किया होगा कि चलते समय उनके पैर सीधे नहीं रहते हैं। यह देखने में ऐसा लगता है कि उनके घुटने चलते समय एक दूसरे से टकरा सकते हैं, इस स्थिति को बोव्ड लेग्स कहते हैं,क्योंकि अभी बच्चे नया-नया चलना शुरू किया है, इसलिए ऐसा लग रहा है, लेकिन जब वे लगातार ठीक से चलने लगेगा तो ये समस्या भी दूर हो जाएगी।
ज्यादातर, पहले दो वर्षों में अधिकतर बच्चों के पैरों में बोव्ड लेग्स की समस्या देखी जाती है और इसके बाद जैसे-जैसे वे ज्यादा चलने लगते हैं, ये समस्या दूर हो जाती है। यदि फिर भी ठीक नहीं हो रही है तो उन्हें नॉक नी (knock knee ) की समस्या हो सकती है, लेकिन, अगर किशोरावस्था में भी उनके घुटने एरिया लाइन में नहीं आते हैं और पैरों की शेप नॉर्मल नहीं दिखाई देती है तो एक बार डॉक्टर से मिलें। लेकिन बच्चे के विकास में कोई नकारात्मक बदलाव नहीं होता है।
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कभी कभी हमको बच्चों के पैरों में पैर का बोव्ड होना, या एक घुटने का मुड़ा हुआ होना, पैरों का बोव्ड होना या फिर बच्चे का नॉक नी (knock knee) होने जैसी असामान्यताएं देखने को मिलती हैं।तो शिशु को शिशु चिकित्सक द्वारा या बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा आगे के मूल्यांकन की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे मामलों में बच्चों के परिवार में नॉक नीस( knock knee) का परिवारिक इतिहास होता है, इसलिए आगे की जांच के लिए बच्चे को पैट्रियोटिक ऑर्थोपेडिक के पास जाना चाहिए, जो यह निर्धारण करेंगे कि उसकी स्थिति के अनुसार उपचार आवश्यक है या नहीं। इसके अलावा, हमें ये भी ध्यान रखना होगा कि हमारे बच्चे को रिकेट्स की प्रॉब्लम तो नहीं है, जो कि बोव्ड लेग्स का एक साधारण कारण है। बच्चे को फार्मूला मिल्क डेयरी प्रोडक्ट और विटामिन डी की भरपूर खुराक देनी चाहिए।
बच्चों का गिरना:
45 सप्ताह के शिशु की ऐसी उम्र है जिसमें कई माता-पिता डरते हैं कि उनका बच्चा सरवाइव कर पाएगा कि नहीं, जैसे कि साधारण सी चोट लग जाना, होंठ का कटना या खरोच आदि ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जिससे बच्चों को बचाया जाता है। कई बार पेरेंट्स बच्चों को काई भी चीजें करने के मना कर देते हैं और उन्हें सावधानी रखना सिखाते हैं। कुछ बच्चे यह सावधानियां जल्दी सीख लेते हैं और कुछ बिना सावधानी अपना जीवन एंजॉय करते हैं, बिना गिरे या बिना दर्द का अनुभव करें बच्चे खुद को मजबूत नहीं बना पाते हैं। इसलिए माता पिता को अपने बच्चों को बिना डरे खुद अनुभव करके चीजों को सिखने की अनुमति देनी चाहिए।
मां-बाप को बच्चे को कुछ देर अकेले चलने देना चाहिए। वह बस इतना है कि यह ध्यान रखें कि बच्चा जहां पर चल रहा है, वह जगह ऐसी हो कि यदि वह गिरे तो उसे चोट न लगे। बच्चे को स्वतंत्रता पूर्वक चलने दें।
आपके घर की सबसे सुरक्षित जगह पर भी बच्चे को गंभीर चोट लग सकती है, जिसके लिए आप हमेशा तैयार रहें कि यदि ऐसा हो तो आपको क्या करना है, आपके पास फर्स्ट एड बॉक्स हमेशा रहना चाहिए।
45 सप्ताह के शिशु को चोट लग जाए तो माता-पिता के रिएक्शन से बच्चे की प्रतिक्रिया और भी खराब हो सकती है। ऐसी स्थिति में आप बोलें कि कुछ नहीं हुआ है और सब ठीक है, तो इससे उन्हें भी सब नॉर्मल लगेगा।
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11 महीने के पहले हफ्ते में आपके लिए चिंता करने के लिए बहुत सी चीजें होती हैं जिसमें बच्चे को बोतल छुड़ाकर कप से दूध पिलाना प्रमुख है नीचे दिए गए सुझाव इसमें आपकी मदद करेंगे और इस प्रक्रिया को थोड़ा आसान बना देंगे :
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11 महीने के बच्चे को चिकित्सक ब्रेकफास्ट में हमेशा मां का दूध देने की सलाह देता है। इसके बाद आप चाहे तो फल का सेवन करा सकते हैं। इसके लिए आप सीजनल फल को मैश करके अपने बच्चे को खिला सकते हैं। केला हर मौसम में मिलता है। नाश्ते के लिए केला एक अच्छा विकल्प है। केले को हमेशा मैश करने के बाद ही खिलाएं।
11 महीने के बच्चे के हर मील में कम से कम डेढ़ से दो घंटे का अंतराल होना चाहिए। चिकित्सक जितना बच्चे को खिलाने के लिए कहें उतना ही खिलाएं। बच्चे को ज्यादा या कम खिलाना दिक्कत खड़ी कर सकता है। बच्चे को पूरी डायट न मिलने पर वह कुपोषित हो सकता है। बच्चों को आप लंच में चावल या दाल का पानी दे सकती हैं। आप सब्जी में रोटी के कुछ टुकड़े भिगोकर रख दें। थोड़ी देर में इसे खिला सकती हैं। उबली हुई सब्जियों का सेवन करा सकती हैं। आमतौर पर एक्सपर्ट्स बच्चे की डायट में हरी सब्जियां शामिल करने की सलाह देते हैं। शिशु की डायट में आप दलिया, दही चावल आदि भी शामिल कर सकते हैं।
45 सप्ताह के शिशु की डायट में किन चीजों को न करें शामिल
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उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में 45 सप्ताह के शिशु की देखभाल से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि आपका 45 सप्ताह के शिशु की केयर से संबंधित कोई प्रश्न है तो आप कमेंट सेक्शन में अपना सवाल पूछ सकते हैं। हम अपने एक्सपर्ट्स द्वारा आपके प्रश्नों के उत्तर दिलाने का पूरा प्रयास करेंगे। यदि आप इस संदर्भ में अन्य जानकारी पाना चाहते हैं तो इसके लिए किसी चाइल्ड स्पेश्लिस्ट से कंसल्ट करें।
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