“शिशुओं में विटामिन डी की कमी आमतौर पर देखी जाती है। स्तनपान कराने वाली मां को अपने आहार में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए ताकि शिशु को ब्रेस्ट मिल्क के जरिए कैल्शियम मिल सके। इसके साथ ही, बच्चे को रोजाना सन बाथ दें। उसे हर दिन सुबह की गुनगुनी धूप में (8-10 बजे के बीच) कम से कम 30 मिनट के लिए घुमाएं, क्योंकि विटामिन डी का 80% हिस्सा यहीं से आता है। विटामिन डी की अत्यधिक कमी से रिकेट्स, मोटर स्किल्स के विकास में कमी, मांसपेशियों में कमजोरी, फ्रैक्चर आदि की आशंका बढ़ सकती है। इसलिए शिशुओं में विटामिन डी डेफिसिएंसी को खत्म करना बहुत जरूरी हो जाता है।” “हैलो स्वास्थ्य’ की डॉ. श्रुति श्रीधर (कंसल्टिंग होम्योपैथी एंड क्लीनिकल नूट्रिशनिस्ट) का ऐसा ही कहना है।