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3.आंखों के लिए फायदेमंद
एक अध्ययन से यह पता चलता है कि अगर विटामिन E को विटामिन C , विटामिन A और जिंक के साथ लिया जाए तो यह आँखों से संबंधित रोग जैसे कि एज रिलेटेड मैक्युलर डीजनरेशन (AMD) के दुष्प्रभावों में कमी ला सकता है। इसके अलावा विटामिन E का सही इस्तेमाल मोतियाबिंद के जोखिम को 60 प्रतिशत तक कम कर देता है।
4.इम्यून सिस्टम को रखेगा हेल्दी
बढ़ती उम्र के साथ हमारी इम्यूनिटी तेजी से कम होने लगती है। विटामिन E इस कम होती इम्यूनिटी को रोक सकता है। अध्ययनों की एक सीरीज में यह पाया गया कि वृद्धों द्वारा विटामिन E का सेवन किए जाने पर उनकी इम्यूनिटी काफी हद तक बढ़ गयी थी। इससे यह भी सिद्ध होता है कि विटामिन E शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक है।
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विटामिन ई कितना खाना चाहिए?
आरडीए के अनुसार प्रतिदिन 14 वर्ष से कम उम्र आयु से अधिक लोगों के लिए विटामिन ई 15 मिलीग्राम के करीब लेना चाहिए। जो महिलाएं स्तनपान (breastfeeding) कर रही हैं उनको अधिक आवश्यकता हो सकती है। इसलिए, ऐसी महिलाएं 19 मिलीग्राम तक ले सकती हैं।
विटामिन ई के स्रोत
विटामिन ई की कमी से बचने के लिए अपनी डायट में विटामिन-ई युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। विटामिन ई के फायदे शरीर को मिल सके इसके लिए आप कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों को भी डायट में शामिल कर सकते हैं जिनमें नेचुरल रूप से विटामिन ई पाया जाता है। विटामिन ई के अच्छे स्त्रोत बादाम (almonds), मूंगफली और अखरोट (walnut) हैं। सूरजमुखी के बीज और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और ब्रोकोली में भी विटामिन ई मिलता है।
विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग
शरीर में विटामिन ई की कमी से कई तरह के रोग हो जाते हैं। नीचे पढ़ें विटामिन ई की कमी से होने वाली स्वास्थ्य-समस्याओं के बारे में-