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38 सप्ताह के शिशु की देखभाल के लिए मुझे किन जानकारियों की आवश्यकता है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Priyanka Srivastava द्वारा लिखित · अपडेटेड 27/10/2021

38 सप्ताह के शिशु की देखभाल के लिए मुझे किन जानकारियों की आवश्यकता है?

विकास और व्यवहार

शिशु का विकास ​कैसा होना चाहिए ?

38 सप्ताह के शिशु निम्नलिखित चीजें कर सकते हैं

  • बैठने की स्थिति से खुद, खड़े होने की स्थिति में आना।
  • घुटनो के बल चलना ;
  • पेट की मदद से बैठ जाना ;
  • खिलौना या कोई वस्तु उससे दूर ले जाने पर असहमति जताना;
  • किसी इंसान को या चीज को पकड़कर खड़े रहना ;
  • अंगूठे और उंगली की मदद से छोटी वस्तुएँ उठाना (नुकसानदायक वस्तुओं को बच्चे की पहुंच से बाहर रखें);
  • बिना रुके लगातार “मामा’ या “दादा’ शब्दों को कहना ;
  • लुका छुपी खेल खेलना ;
  • जरूरी बाते याद रखना , जैसे कि घर में खिलौने कहाँ रखे है ;
  • कुछ समय पहले देखे गए एक्शन की नकल करना हैं।
  •  शिशु के विकास के लिए  मुझे  क्या करना चाहिए?

    आपका बच्चा अब वस्तुओं को कंटेनर में रख और निकाल सकता है। इस नई कला के अभ्यास के लिए उन्हें प्लास्टिक की बाल्टी और कुछ रंगीन ब्लाक दें। ध्यान रखे की कुछ भी इतना छोटा न हो जिसे वे निगल सके ।वे चलते और गति करनेवाले खिलौनों से खेलना पसंद करते है जैसे नोब्स, लीवर, या खुलते और बंद होते दरवाज़े हैं। बड़ी प्लास्टिक की कारें जो बच्चे फर्श पर चला सकता है और इसी प्रकार की दूसरी खेलनेवाली वस्तुएँ आदि भी ।

    यदि आप उनसे उनका खिलौना ले लेते है तो आपका बच्चा ज़िद कर सकता है और अपनी आपत्ति जता सकता है ।सच्चाई में उन्होंनेअबअपनी ज़रूरतों को समझना शुरू कर दिया है , इसलिए उनके सामने से कोई भी वस्तु को हटाने से पहले आपको उन्हें कुछ नया देना चाहिए।

    इस उम्र में गुजरने वाले लगभग आधे बच्चे अपना अधिकांश समय खेलों में बिताते है, इसलिए आप उनके साथ खेलने वाले उनके अच्छे दोस्त बन सकते है । अपने बच्चे के सामने एक गेंद को रोल करें और देखें कि क्या वे भी इसे आपको वापस रोल करता हैं, उन्हें छिपाकर ढूढ़ने वाला खिलौना या ऑब्जेक्ट्स पर रिंग डालने वाला खिलौना दे और देखें कि वो उसका क्या करता है ।वो उनके साथ खेलते है या इनके टुकड़े कर के आपको वापस कर देते है ,उन्हें अपना खाना बाँटना भी पसंद होता है इसलिए हमे उनके इस उपहार को प्यार से स्वीकार करना चाहिए ।

    यह भी पढ़ें :Bergamot : बर्गमोट क्या है?

    स्वास्थ्य और सुरक्षा

    38 सप्ताह के शिशु के लिए मुझे डॉक्टर से क्या बात करनी चाहिए?

    हमे डॉक्टर से बच्चे के शारीरिक परीक्षण से संबंधित सारे टेस्ट और उसमे उपयोग की जाने वाली प्रक्रिया, और उनका मूल्यांकन की जाने वाली प्रक्रियाओं की संख्या और प्रकार के बारे में पूछना चाहिए। हर बच्चे की व्यक्तिगत आवश्यकताओं के अनुसार उनके अलग अलग परीक्षण होते है । लेकिन, सामान्य तौर पर,ये परीक्षण किये जा सकते है

    • शारीरिक परीक्षा, जिसमें पिछली किसी स्वस्थ समस्या को फिर से देखना भी शामिल होता है।
    • विकासात्मक निर्धारण इसके लिए डॉक्टर’परीक्षणों’ की एक शृंखला के अनुसार बच्चे के सामान्य विकास का परीक्षण करते है जैसे , बच्चे की स्वतंत्र रूप से बैठने की क्षमता का मूल्यांकन ,मदद या बिना वस्तुओं तक पहुंचने और उन्हें पकड़ पाने की क्षमता का परीक्षण, बच्चे का किसी छोटी या छिपी हुई वस्तु को देख सकना और किसी वस्तु को गिराना या किसी गिराई या छिपी हुई वस्तु की तलाश कर सकने की क्षमता , उसका नाम बुलाने पर जवाब दे सकना , “माँ,’ “डैडी,’ “बाय-बाय’ और “नहीं’ ऐसे शब्दों को बोलना और तालियाँ बजाना तथा लुका छिपी जैसे साधारण खेलों का आनंद लेना ,इसके अलावा डॉक्टर बच्चे की गतिविधियों का डायरेक्ट अवलोकन कर के या आपकी दी गयी रिपोर्ट की घर में बच्चे क्या कर रहे है पर भी भरोसा कर अपनी रिपोर्ट दे सकता हैं

    आपको क्या पता होना चाहिए?

    38 सप्ताह के शिशु को स्तनपान (weaning) कैसे कराएं?

    आपका बच्चा एक बार में केवल कुछ सेकंड के लिए भी स्तनपान कर सकता है । क्यूंकि वे स्तनपान करते समय आसानी से विचलित हो जाते हैं,और इस प्रक्रिया को छोड़ कुछ और करने लगते है पर अगर वे कुछ देर में फिर से स्तनपान करने की इच्छा से वापस आते है, तो आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए क्योंकि विकासात्मक बदलाव कभी-कभी बच्चे की इस आदत को कुछ समय के लिए कम कर देते हैं।

    सभी बच्चे स्वाभाविक रूप से कुछ सेकंड के लिए खुद भी स्तनपान कर सकते है , लेकिन ऐसा करना उनके लिए 9 या 10 महीने से पहले मुश्किल है। जब आप नियमित रूप से अपने बच्चे को स्तन के विकल्प देना शुरू करती हैं, तो धीरे-धीरे स्तनपान को कम करा सकती है स्तनपान के विकल्प के रूप में स्तन से पंप किए गए दूध या फार्मूला दूध की बोतले और ठोस खाद्य पदार्थ दिए जा सकते है ।

    स्तनपान कराने की संख्या धीरे-धीरे घटाएं,, और अपने बच्चे को उसका विकल्प दें। जैसे प्रातः काल एक बार फिर सुला के कराने वाली फीडिंग केवल रात को ही कराये। जब वो स्तनपान की इच्छा करे तो अपने बच्चे को किसी और गति-विधि में लगा कर भ्रमित करे ताकि वे स्तनपान के बारे में भूल जाए ,और फिर उन्हें स्तनपान बजाय बोतल या प्याले से स्तन पंप दवारा निकले दूध से उनकी दूध पीने की इच्छा को संतुष्ट करे।

    खींचना (pulling)

    यदि उन बच्चों की तरह जिन्होंने खड़ा होना सीख लिया है ,और आपका बच्चा खड़ा नहीं हो पा रहा तो इसका मतलब है कि , आपके बच्चे के पैर उनको संतुलन के लिए उचित सहारा नहीं दे पा रहे, कारण-वश वे खुद को ऊपर की तरफ नहीं खींच पा रहे ,और बार बार गिर रहे है। खदे होने की स्थिति को जानने के लिये गिरना जरूरी है किंतु जैसे ही आप खड़े न होने की उनकी निराशा को नोटिस करे आपको धीरे से उन्हें बैठा देना चाहिए। ऐसा धीरे-धीरे करें ताकि उन्हें यह अंदाजा हो सके कि इसे खुद भी कैसे किया जाए, इसमें कुछ दिन, या कुछ हफ्ते लगते है ।

    यह भी पढ़ें : Blood Test : ब्लड टेस्ट क्या है?

    महत्वपूर्ण बातें

    38 सप्ताह के शिशु के लिए आपको ध्यान देने की कब जरूरत है?

    नौवें महीने के दूसरे सप्ताह में ध्यान रखने वाली बहुत सी बाते है

    पसंद के अनुसार या नखरे करके खाने वाले बच्चे के लिए विशेष सुझाव:-

    • उन्हें ब्रैड खाने दे या फिर खिचड़ी ,केला या उनकी पसंद के अनुसार कोई भी स्वाद जो वे चाहे उन्हें खाने दे।
    • बच्चे पर खाने के लिए दवाब नहीं डालना चाहिए ,बल्कि उनके खाने में उनकी पसंद के अनुसार कुछ नया जोड़ देना चाहिए मैश चीज़ो को रोक देना चाहिए ,हो सकता है आपका बच्चा मैश खाने से बोर हो गया हो और नए चीजों के लिए तैयार हो । आप उन्हें टुकड़ो में बंटा खाना या उंगली से खाया जाने वाला खाना दे ध्यान रखे की वो उनके लिए नरम हो ।
    • रोज़ के मन्यू से अलग । इससे यह हो सकता है कि उनकी कुछ नए स्वाद की आवश्यकता पूरी हो।
    • टेबल की बारी छोटे बच्चों की जिद्दी प्रवर्ति और स्वतंत्रता उन्हें एक जगह बैठे नहीं रहने दे सकती इसलिए उन्हें खुद अपने खाने की ज़िम्मेदारी सौंपे, और हो सकता है की वो खाने की इतनी वैराईटी को देख कर उत्साहित हो जाए और वह सब खाने को तैयार हो जाए जो आपने उन्हें अब तक चम्मच खाने को नहीं दिया है।
    • बच्चों को बहुत कम खाना न दें क्योंकि वे बहुत अधिकजूस , फार्मूला या स्तन का दूध पी रहे हैं। ध्यान दे आपके बच्चे को फलों का रस का 120 से 180 मिली से अधिक नहीं ले ना चाहिए और पूरे दिन में ये मात्रा 380 से 720 मिली से अधिक नहीं होना चाहिए। यदि वे इससे अधिक पीना चाहते हैं, तो उन्हें पानी या पानी मिला के रस दें और लिक्विड डाइट की सर्विंग्स को पुरे दिन में थोड़ा थोड़ा कर के फैलाएं।
    • स्नैक्स : स्नैक्स को एक बार सुबह और एक बार दोपहर तक ही सीमित रखना चाहिए ,इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका बच्चे अपने भोजन के समय कितना कम या ज्यादा खाया है।

    बच्चे की खाने की समस्या की नीव को पूरी तरह से हटा देने के लिए आपके लिए ये सब से ज्यादा जरूरी है की जब बच्चा अपने पास आने वाली चम्मच की तरफ अनिच्छा से सर हिलाये तो और अपनी खाने वाली ऊँची कुर्सी से खाली पेट उतरने लगे या सिर्फ दो चम्मच खाना खाने में भी घन्दो लगाए तो हमे नाराज़गी नहीं जतानी चाहिए नहीं उनपर कोई कमेंट करना चाहिए बल्कि बच्चे के सामने ऐसा आरामदायक और अच्छा वातावरण बनाना चाहिए की बच्चा खाने की तरफ प्रेरित हो और खाना खाने को तैयार हो जाए.

    डिस्क्लेमर

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