आप फीटल डॉप्लर से ही नहीं बल्कि स्टेथोस्कोप की मदद से बच्चे के हार्टबीट सुन सकते हैं। गर्भावस्था के लगभग 20वें सप्ताह तक, आप बच्चे के दिल की धड़कन को स्टेथोस्कोप से सुन सकते हैं। डॉप्लर द्वारा इसका पता लगाने के लगभग आठ से 10 सप्ताह बाद स्टेथोस्कोप का इस्तेमाल किया जा सकता है।
जब भ्रूण का विकास शुरू होता है, तो फीटल हार्ट का डेवलपमेंट जल्दी स्टार्ट हो जाता है। जब बच्चा गर्भ से बाहर आता है, तो उसकी हार्टबीट में परिवर्तन भी होता है। गर्भ के अंदर की दुनिया और गर्भ के बाहर की दुनिया बहुत अलग होती है और शरीर भी उसी के अनुसार खुद को परिवर्तित कर देता है।
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बेबी की हार्टबीट (Your Baby’s Heartbeat) : पहले ट्राइमेस्टर के दौरान बच्चे की हार्टबीट
एंब्रियो यानी कि भ्रूण के विकास के चौथे सप्ताह के दौरान ब्लड वेसल्स यानी कि रक्त वाहिकाएं बनना शुरू हो जाती हैं जोकि हार्ट का निर्माण करती है। करीब 5 सप्ताह में बच्चे की हार्ट बीट शुरू हो जाती है। इस दौरान यह ट्यूब जैसी संरचना दिखाई देती है, जो बाद में हार्ट और वॉल्व को बनाने का काम करती है। 6वें सप्ताह के दौरान बच्चे के दिल में चेंबर बन जाते हैं, जो कि 12 सप्ताह तक जारी रहते है। अब बेबी के बोन मैरो से ब्लड सेल्स बनना शुरू हो जाते हैं।
बेबी की हार्टबीट (Your Baby’s Heartbeat) : दूसरे ट्राइमेस्टर में बच्चे की हार्टबीट
दूसरे ट्राइमेस्टर के दौरान हार्ट का तेजी से विकास हो चुका होता है। इस दौरान भ्रूण का ब्रेन हार्टबीट को कंट्रोल करना शुरू कर देता है। इस दौरान छोटी-छोटी ब्लड वेसल्स बच्चे के शरीर को ऑक्सीजन युक्त ब्लड पहुंचाने का काम करती हैं। दूसरी तिमाही के दौरान अल्ट्रासाउंड में बच्चे के दिल की संरचना को देखा जाता है। गर्भावस्था के 18 से 24 सप्ताह के दौरान भ्रूण के हार्ट की इकोकार्डियोग्राम की मदद से जांच करने की सलाह दी जाती है। अगर आपकी फैमिली में जन्मजात हृदय दोष की हिस्ट्री रही है, तो उसका असर बच्चे के दिल में हुआ है या नहीं, इस बारे में भी जानकारी मिल जाती है।
तीसरे ट्राइमेस्टर के दौरान सर्कुलेटरी सिस्टम धीमे-धीमे ग्रो करने लगता है। इस तरह से 40 सप्ताह तक ये पूरी तरह से तैयार हो जाता है ताकि वॉम्ब के बाहर निकलर ये ठीक तरह से काम करने लगे।
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जब बच्चा पैदा होता है, तो उसके अंदर काफी बदलाव आते हैं। जब अम्बलिकल कॉर्ड को कट किया जाता है, तो बच्चे के फेफड़े काम करना शुरू कर देते हैं। यानी कि जब आप प्रेग्नेंसी टेस्ट करते हैं, तब बच्चे का दिल बनना शुरू हो जाता है और धीरे-धीरे उसका विकास होता रहता है। एक बात का ध्यान रखिए कि बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए और साथ ही उन सभी चीजों से दूरी बना लेनी चाहिए, जो आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके बच्चे के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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इस आर्टिकल में हमने आपको बेबी की हार्टबीट (Your Baby’s Heartbeat) की समस्या से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।