बच्चे बोलना शुरू करने से पहले कुछ व्यंजन और स्वरों का उच्चारण शुरू कर देते हैं। जैसे कि बाबाबा.. मम्ममा, डाडा आदि। इसे ही बेबी बैबलिंग कहा जाता है। बैबलिंग का हिंदी अर्थ होता है बड़बड़ाना। इन शब्दों का अक्सर कोई मतलब नहीं होता है। बैबलिंग बच्चों के लैंग्वेज डेवलपमेंट (Language development) में प्रमुख रोल अदा करती है। यह बच्चों की अभिव्यक्ति का तरीका होता है। इस आर्टिकल में बेबी बैबलिंग (Baby babbling) से संबंधित जानकारियां दी जा रही हैं नए पेरेंट्स और प्रेग्नेंसी प्लानिंग कर रहे कपल के लिए लाभदायक हो सकती है।
बेबी बैबलिंग (Baby babbling)
बेबी बैबलिंग (Baby babbling) को कम्युनिकेशन का प्रमुख माइलस्टोन कहा जा सकता है, लेकिन इसका कोई अर्थ नहीं होता है। ऐसा लगता है कि बेबी लैटर्स को जोड़कर कोई गाना गा रहा है। कई बार पेरेंट्स को लग सकता है कि वह कुछ कहना चाह रहा है या किसी चीज की तरफ इशारा दे रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है वह सिर्फ बैबलिंग कर रहा होता है। बच्चे का यह बड़बड़ाना फिर भी महत्व रखता है। इस तरह आपका बच्चा पहले ध्वनियों को एक साथ रखने की कला सीखता है और बाद में, उन ध्वनियों को किसी प्रकार का अर्थ देना सीखता है।
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बेबी बैबलिंग कब शुरू करते हैं? (When do babies start babbling?)
ज्यादातर बेबीज बैबलिंग 4 महीने की उम्र से करते हैं। इसके बाद उनका बैबलिंग सेशन शुरू हो जाता है जो कई महीनों तक जारी रहता है। हालांकि उम्र के साथ-साथ बैबलिंग में बदलाव आता है। जो निम्न प्रकार हो सकता है।
- 2 महीना – इस एज में बेबी के मुंह से पहला स्वर निकलता है। वह हंसना और धीरे से आवाज निकालना शुरू कर देता है।
- 4 महीना- इस एज से बेबी बैबलिंग (Baby babbling) करना शुरू कर देता है
- 6 महीना- स्वरों का साथ जोड़ना शुरू कर देता है जैसे: आह और ओह। इसके साथ ही वह व्यंजनों का उपयोग भी कर सकता है।
- 9 महीना- इस उम्र तक आते-आते वह विभिन्न साउंड जैसे डाडाडा कहना शुरू कर देता है।
- 12 महीना- अब वह कुछ शुरुआती शब्द बोल सकता है और वॉइस टोन में बदलाव करके भी बोल सकता है।
- 18 महीना- कई तरह के शब्द बोल सकता है।
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बेबी बैबलिंग क्यों जरूरी है? (Why is Baby Babbling Important?)
1 से 2 महीने तक बच्चे अपनी बातों को रोकर या बाद में स्माइल करके बताते हैं। इसके बाद वे कूइंग शुरू करते हैं जो बच्चे के मुंह निकलने वाला पहला साउंड होता है। जिसका मतलब होता है कि बेबी वर्बल कम्युनिकेशन के लिए तैयार है। इसका मतलब यह भी होता है कि वे उन मसल्स की स्ट्रेंथनिंग पर काम कर रहे हैं जो बोलने के लिए जरूरी होती है।
बड़बड़ाना और भी महत्वपूर्ण है। शिशुओं को निश्चित रूप से नकल करना पसंद होता है, लेकिन यह नकल उनके सीखने के तरीके का भी हिस्सा है। दिलचस्प बात यह है कि यह इस बात का भी हिस्सा है कि बच्चे कैसे बातचीत और मेलजोल करते हैं। 2017 के एक अध्ययन से पता चलता है कि शिशुओं और उनकी मांओं के बीच “बातचीत” विशेष रूप से, उनके भाषा विकास को आकार देती है।
जब माताएं अपने बड़बड़ाते बच्चों को जवाब देती हैं, तो उनकी भाषा बढ़ती है। इसके साथ ही बच्चे भी इन प्रतिक्रियाओं को अपनी मां से प्राप्त कर सकते हैं ताकि वे बातचीत करना सीख सकें। दूसरी तरफ, 2019 के एक अध्ययन से पता चलता है कि बेबी बैबलिंग (Baby babbling) में देरी या अनुपस्थिति कुछ विकास संबंधी विकारों के बाद के निदान के लिए एक मार्कर हो सकती है, जैसे कि ऑटिज्म।
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बेबी बैबलिंग में बेबी की मदद कैसे करें? (How to help baby with baby babbling?)
बेबी बैबलिंग में बेबी की मदद करने का शिशु की लैंग्वेज स्किल को बूस्ट करने का बेस्ट तरीका है उससे बात करना। यह उसकी दोनों प्रकार की लैंग्वेज स्किल को बढ़ाने में मदद करेगा। जिसमें वह जो सुनता है उसे समझने की क्षमता और बात करने की क्षमता शामिल है। शिशुओं का कम्युनिकेशन स्किल का विकास तेजी से होता है जब पेरेंट्स उनकी बैबलिंग पर सपोर्टिव तरीके से रिएक्ट करते हैं। जैसे अगर बेबी बाबाबा बोल रहा है तो पेरेंट्स उससे कह सकते हैं बॉल! अच्छा क्या आप अपनी ग्रीन बॉल के बारे में बात कर रहे हो? नीचे कुछ अन्य टिप्स बताए जा रहे हैं जिनसे बेबी बैबलिंग (Baby babbling) को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
उनकी कॉपी करें
अगर बच्चा डाडाडा या कोई भी साउंड निकाल रहा है तो उसके सामने ही उसकी नकल करें। अगर वह आपकी नकल करता है तो फिर से वही साउंड निकालें। यह पेरेंट्स को सिली लग सकता है, लेकिन बच्चे के लिए यह एक्साइटिंग होगा। इससे उन्हें ये भी सीखने में मदद मिलेगी की साउंड सिर्फ एंजॉयमेंट के लिए नहीं है यह कम्युनिकेशन का एक तरीका है।
आय कॉन्टैक्ट बनाएं
जब बेबी बैबलिंग (Baby babbling) करे तो उसकी आंखों में देखें, मुस्कुराएं और प्रतिक्रिया दें। ऐसा दिखाएं कि आप उन्हें बातचीत करना सिखा रहे हैं।
कई सारे सवाल पूछें
बच्चों से सवाल पूछना भी उनकी कम्युनिकेशन को डेवलप करने का अच्छा तरीका है। उनसे सवाल करें कि क्या हमें पार्क चलना चाहिए या लाइब्रेरी? क्या दादाजी को केक पंसद है? अगर ये सवाल आप खुद से भी पूछ रहे हैं तो आप उन्हें बातचीत करना सिखा रहे हैं।
गाना गाएं
आपकी आवाज कितनी भी बुरी हो बच्चों के सामने गाना गाना उन्हें कम्युनिकेशन के तरीके सिखाने में मदद कर सकता है। एक ही गाने को बार-बार अभिव्यक्ति के साथ गाएं। बच्चे को भी साथ गाने के लिए प्रेरित करें।
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डॉक्टर की मदद की जरूरत कब पड़ सकती है?
अगर बेबी बैबलिंग (Baby babbling) 4-5 महीने की उम्र में नहीं करता है, तो परेशान ना हो। कई बच्चे देर से बैबलिंग शुरू करते हैं। हालांकि, अगर बेबी 8 महीने का है और अभी तक बैबलिंग शुरू नहीं की है तो डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेना चाहिए। लैंग्वेज डेवलमेंट में देरी के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें हेयरिंग और स्पीच डिसऑर्डर शामिल हैं।
किसी भी प्रकार के बेबी डेवलमेंट में देरी के लिए प्रारंभिक चिंता आपके और आपके बच्चे के दृष्टिकोण को बेहतर बनाने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय कर सकता है, इसलिए बेझिझक डॉक्टर के पास पहुंचें और मन में आने वाले प्रश्न पूछें। यदि आपके बाल रोग विशेषज्ञ को स्पीच या हियरिंग से संबंधित किसी परेशानी का संदेह होता है, तो वे आपको ऑडियोलॉजिस्ट और भाषण-भाषा रोगविज्ञानी के पास भेज देंगे। यदि उन्हें लगता है कि जटिलता न्यूरोलॉजिकल हो सकती है, तो आपके बच्चे को विकासात्मक बाल रोग विशेषज्ञ या इसी तरह के विशेषज्ञ को देखने की आवश्यकता हो सकती है।
उम्मीद करते हैं कि आपको बेबी बैबलिंग (Baby babbling) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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