तेज शोर (Loud noises)
शिशु, वयस्कों की तरह, जोर से और अनएक्सपेक्टेड शोर से आसानी से चौंक जाते हैं। हालांकि, इस रिफ्लेक्स के लिए हमेशा वॉल्यूम ही जिम्मेदार नहीं होता है। लेकिन, अगर यह नॉइस तेज और अचानक होता है, तो इससे बच्चे ज्यादा जल्दी रियेक्ट करते हैं।
लाइट में बदलाव (Light changes)
लाइट इंटेंसिटी में अचानक बदलाव से भी मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) ट्रिगर हो सकता है। इसके उदाहरणों में ब्राइट लाइट्स को ऑन करना या अंधेरे कमरे में खिड़की को खोलना आदि शामिल है।
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अचानक मूवमेंट (Sudden movements)
ब्रेस्टफीडिंग या अन्य इंटरैक्शन के दौरान अचानक मूवमेंट से भी मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) ट्रिगर हो सकता है। इसके साथ ही जब शिशु एक से दूसरी पोजीशन में मूव करता है, तो भी यह रिफ्लेक्स हो सकता है। इसके अलावा भी इसके अन्य कई कारण हो सकते हैं।
हालांकि, मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) नवजात शिशु के पहले कुछ हफ्तों में होना जरूरी है। इससे शिशु सही से ग्रो कर पाता है। लेकिन अगर आप शिशु के शरीर के केवल एक ही हिस्से में रिफ्लेक्स महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। क्योंकि, यह ब्रेन इंजरी (Brain injury), शोल्डर इंजरी (Shoulder injury) और स्पाइनल कॉर्ड (Spinal cord) के डैमेज होने का संकेत हो सकता है। स्ट्रांग मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) के लिए मेडिकल अटेंशन (Medical attention) की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि यह समय के साथ गायब हो जाते हैं। लेकिन, अगर शिशु के छह महीने के होने के बाद भी आप इन्हें महसूस करें, तो इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। अब जानते हैं मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) या स्टार्टल रिफ्लेक्स (Startle Reflex) के निदान के बारे में।

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मोरो रिफ्लेक्स या स्टार्टल रिफ्लेक्स का निदान (Prevention of Moro Reflex)
मोरो रिफ्लेक्स की जांच शिशु में जन्म के बाद ही की जाती है। इसके बाद डॉक्टर के पास विजिट के दौरान भी वो इसको जांचते हैं। इसके निदान के लिए डॉक्टर बच्चे को एक सॉफ्ट सरफेस पर लेटा देते हैं या बच्चे को डॉक्टर की बाहों में रखा जाता है। इस दौरान डॉक्टर द्वारा बच्चे का सिर, धड़ और पैरों को सही से सपोर्ट दी जाती है। मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) की जांच करते समय, अधिकांश चिकित्सक एक परीक्षण का उपयोग करते हैं, जिसे हेड ड्रॉप (Head Drop) कहा जाता है।
इस परीक्षण के दौरान, डॉक्टर बच्चे के सिर को शरीर के लेवल से नीचे उठाकर, और फिर धीरे-धीरे नीचे करके गिरने की सेंसेशन की नकल करते हैं। इससे वो इस समस्या का निदान कर सकते हैं। अगर यह रिफ्लेक्स बच्चे में नहीं होता या एब्नार्मल होता है, तो डॉक्टर शिशु के अन्य टेस्ट करा सकते हैं। ताकि, उनके मसल्स और नर्वस की जांच की जा सके। कम या एब्सेंट मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) की स्थिति में डॉक्टर यह टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं:
इसके अलावा डॉक्टर अन्य टेस्ट्स के लिए भी कह सकते हैं ताकि मोरो रिफ्लेक्स के न होने के कारणों को जाना जा सके। अब जानते हैं मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) का उपचार कैसे होता है?
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मोरो रिफ्लेक्स का उपचार (Treatment of Moro Reflex)
मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) के मामले में अधिकांश बच्चों को उपचार की जरूरत नहीं होती है। यह रिफ्लेक्स बच्चों के लिए जरूरी हैं और इसमें चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन, अगर समय के साथ यह रिफ्लेक्सेस कम न हों, तो आपको कुछ खास उपाय करने चाहिए। यह उपाय इस प्रकार हैं: