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Moro reflex: नवजात शिशुओं में क्यों सामान्य है मोरो रिफ्लेक्स, जानिए?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/12/2021

    Moro reflex: नवजात शिशुओं में क्यों सामान्य है मोरो रिफ्लेक्स, जानिए?

    रिफ्लेक्सेस, इन्वॉलन्टरी मूवमेंट्स (Involuntary Movements) या एक्शन्स को कहा जाता है। यह कुछ मूवमेंट्स सहज होते हैं और बच्चे की सामान्य गतिविधि का एक हिस्सा होते हैं, लेकिन कुछ मूवमेंट्स किन्हीं खास एक्शन्स के रिस्पॉन्स में होते हैं। शिशु कई रिफ्लेक्सेस के साथ जन्म लेते हैं, जो उन्हें पहले कुछ महीनों के दौरान सर्वाइव करने में मदद करते हैं। इसमें एक महत्वपूर्ण रिफ्लेक्स को मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) कहा जाता है। इसका दूसरा नाम स्टार्टल रिफ्लेक्स है। यह इन्वॉलन्टरी रिस्पॉन्स नवजात शिशुओं में सामान्य है और इनमें चिंता करने की कोई बात नहीं होती। यही नहीं, अधिकतर मामलों में यह रिफ्लेक्स शिशु के जन्म के तीन महीनों के बाद खुद ही ठीक हो जाता है। आइए जानें मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) के बारे में विस्तार से। इसके निदान और उपचार के बारे में जानना न भूलें।

    मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) किसे कहा जाता है?

    आपने अपने नवजात शिशु में यह नोटिस किया होगा कि जब आप अपने बच्चे को सुलाने की कोशिश कर रहे होते हैं, तो वह अचानक चौंक जाता है या अचानक रियेक्ट करता है। यह मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) है, जो कई सामान्य रिफ्लेक्सिस में से एक है, जिसके साथ स्वस्थ बच्चे पैदा होते हैं। यह भी उन चीजों में से एक है जिसे डॉक्टर जन्म के ठीक बाद और बच्चे के हेल्थ विजिट के दौरान जांचते हैं। जैसा की पहले ही बताया गया है कि बच्चे कई जरूरी रिफ्लेक्सेस (Reflexes) के साथ जन्म लेते हैं। जिनमें से एक है मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) या स्टार्टल रिफ्लेक्स (Startle Reflex)।

    यह शिशु के विकास के लिए जरूरी हैं। इसमें जब शिशु की हेड पोजीशन (Head Position) एकदम शिफ्ट हो जाती है या उसका सिर एकदम पीछे की तरफ चला जाता है, तो वो अपनी बाजुओं को फैला देते हैं और अपनी गर्दन को एक्सटेंड कर देते हैं। इसके साथ ही वो अपनी उंगलियों को भी खोल देते हैं। इस दौरान उनकी उंगलियां मुड़ी हुई भी हो सकती हैं। आपके शिशु के चेहरे पर चौंका देने वाला भाव हो सकता है और वह रो भी सकता है। यह प्रतिक्रिया तब भी होती है जब आपका शिशु अचानक से हिलने-डुलने, तेज रोशनी या तेज आवाज से चौंक जाता है। इसे ही मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) कहा जाता है। अब जानते हैं मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) के लक्षणों के बारे में।

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    मोरो रिफ्लेक्स के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Moro Reflex)

    जैसा की पहले ही बताया गया है कि मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) सामान्य रिफ्लेक्स है, जो शिशु के लिए बेहद जरूरी है। मेडलाइनप्लस (MedlinePlus) के अनुसार नवजात शिशु में मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) न होना असामान्य हो सकता है। यह एक साधारण फिजिकल रिएक्शन है, जिसे पहचानना बहुत ही आसान है। जिसके कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • बाजू और टांगों को फैलाना (Extended arms and legs): अगर आपका शिशु अपनी हथेलियों ऊपर की ओर रखते हुए हाथ और पैरों को फैलाएंगे तो यह इस रिफ्लेक्स का संकेत है। इस इनिशियल रिस्पांस स्टेज में शिशु एक मिनट तक रो भी सकता है।
  • बाजू और टांगों को अंदर की तरफ ले जाना (Arms and legs drawn In): अगर आपका बच्चा अपने लिंब्स को मोड़ लेता है, तो यह भी मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) का लक्षण है। इस पोजीशन में बच्चा फीटल पोजीशन (Fetal position) की तरह लग सकता है। इसके अलावा इसके अन्य कई लक्षण भी हो सकते हैं। आप डॉक्टर से इनके बारे में जान सकते हैं।
  • सबसे पहले 1918 में इसे एर्न्स्ट मोरो (Ernst Moro) ने इसे डिस्क्राइब किया था। दो से छह महीने के होने पर जब शिशु अपने सिर को संभालने लगता है तो यह समस्या गायब हो जाती है। जैसे-जैसे बच्चे का ब्रेन मच्योर हो जाता है, वो अपनी मूवमेंट्स को अच्छे से कंट्रोल कर पाता है। ऐसे में इन रिफ्लेक्सेस (Reflexes) की जरूरत नहीं होती। यह तो थी मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) या स्टार्टल रिफ्लेक्स (Startle Reflex) के लक्षणों के बारे में जानकारी। अब जानिए इसके कारणों के बारे में।

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    मोरो रिफ्लेक्स के कारण क्या हैं? (Causes of Moro Reflex)

    मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) नेचुरल है और नवजात शिशुओं में सामान्य है। यह हेल्दी नर्वस सिस्टम का प्रतीक है। इसमें प्रतिक्रिया एक चौंकाने वाली घटना से शुरू होती है जैसे शोर, लाइट या अचानक मूवमेंट में परिवर्तन। मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) को ट्रिगर करने वाले कुछ फैक्टर्स इस प्रकार हैं:

    तेज शोर (Loud noises)

    शिशु, वयस्कों की तरह, जोर से और अनएक्सपेक्टेड शोर से आसानी से चौंक जाते हैं। हालांकि, इस रिफ्लेक्स के लिए हमेशा वॉल्यूम ही जिम्मेदार नहीं होता है। लेकिन, अगर यह नॉइस तेज और अचानक होता है, तो इससे बच्चे ज्यादा जल्दी रियेक्ट करते हैं।

    लाइट में बदलाव (Light changes)

    लाइट इंटेंसिटी में अचानक बदलाव से भी मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) ट्रिगर हो सकता है। इसके उदाहरणों में ब्राइट लाइट्स को ऑन करना या अंधेरे कमरे में खिड़की को खोलना आदि शामिल है।

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    अचानक मूवमेंट (Sudden movements)

    ब्रेस्टफीडिंग या अन्य इंटरैक्शन के दौरान अचानक मूवमेंट से भी मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) ट्रिगर हो सकता है। इसके साथ ही जब शिशु एक से दूसरी पोजीशन में मूव करता है, तो भी यह रिफ्लेक्स हो सकता है। इसके अलावा भी इसके अन्य कई कारण हो सकते हैं।

    हालांकि, मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) नवजात शिशु के पहले कुछ हफ्तों में होना जरूरी है। इससे शिशु सही से ग्रो कर पाता है। लेकिन अगर आप शिशु के शरीर के केवल एक ही हिस्से में रिफ्लेक्स महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। क्योंकि, यह ब्रेन इंजरी (Brain injury), शोल्डर इंजरी (Shoulder injury) और स्पाइनल कॉर्ड (Spinal cord) के डैमेज होने का संकेत हो सकता है। स्ट्रांग मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) के लिए मेडिकल अटेंशन (Medical attention) की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि यह समय के साथ गायब हो जाते हैं। लेकिन, अगर शिशु के छह महीने के होने के बाद भी आप इन्हें महसूस करें, तो इसके लिए डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। अब जानते हैं मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) या स्टार्टल रिफ्लेक्स (Startle Reflex) के निदान के बारे में।

    मोरो रिफ्लेक्स, Moro reflex

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    मोरो रिफ्लेक्स या स्टार्टल रिफ्लेक्स का निदान (Prevention of Moro Reflex)

    मोरो रिफ्लेक्स की जांच शिशु में जन्म के बाद ही की जाती है। इसके बाद डॉक्टर के पास विजिट के दौरान भी वो इसको जांचते हैं। इसके निदान के लिए डॉक्टर बच्चे को एक सॉफ्ट सरफेस पर लेटा देते हैं या बच्चे को डॉक्टर की बाहों में रखा जाता है। इस दौरान डॉक्टर द्वारा बच्चे का सिर, धड़ और पैरों को सही से सपोर्ट दी जाती है। मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) की जांच करते समय, अधिकांश चिकित्सक एक परीक्षण का उपयोग करते हैं, जिसे हेड ड्रॉप (Head Drop) कहा जाता है।

    इस परीक्षण के दौरान, डॉक्टर बच्चे के सिर को शरीर के लेवल से नीचे उठाकर, और फिर धीरे-धीरे नीचे करके गिरने की सेंसेशन की नकल करते हैं। इससे वो इस समस्या का निदान कर सकते हैं। अगर यह रिफ्लेक्स बच्चे में नहीं होता या एब्नार्मल होता है, तो डॉक्टर शिशु के अन्य टेस्ट करा सकते हैं। ताकि, उनके मसल्स और नर्वस की जांच की जा सके। कम या एब्सेंट मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) की स्थिति में डॉक्टर यह टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं:

    इसके अलावा डॉक्टर अन्य टेस्ट्स के लिए भी कह सकते हैं ताकि मोरो रिफ्लेक्स के न होने के कारणों को जाना जा सके। अब जानते हैं मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) का उपचार कैसे होता है?

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    मोरो रिफ्लेक्स का उपचार (Treatment of Moro Reflex)

    मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) के मामले में अधिकांश बच्चों को उपचार की जरूरत नहीं होती है। यह रिफ्लेक्स बच्चों के लिए जरूरी हैं और इसमें चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन, अगर समय के साथ यह रिफ्लेक्सेस कम न हों, तो आपको कुछ खास उपाय करने चाहिए। यह उपाय इस प्रकार हैं:

    स्वैडलिंग (Swaddling)

    स्वैडलिंग (Swaddling) मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) से जुड़ी चिंताओं को दूर करने के लिए सबसे लोकप्रिय और प्रभावी समाधानों में से एक है। स्वैडलिंग (Swaddling) शिशु को एक हलके और ब्रीदेबल ब्लैंकेट में लपेटने की ट्रेडिशनल प्रैक्टिस को कहा जाता है। इस प्रैक्टिस से सोये हुए शिशुओं पर रिफ्लेक्स के प्रभावों को सीमित किया जा सकता है, जो खुद ही अचानक लिंब मूवमेंट्स (Limb movements) से जाग जाते हैं।

    स्लो मूवमेंट्स (Slow movements)

    इसके दूसरे सबसे सामान्य ट्रिगर्स में से एक है शिशु की मूवमेंट्स में बदलाव। ऐसे में स्लो मूवमेंट्स का इस्तेमाल कर के भी आप इन रिफ्लेक्सेस को सीमित कर सकते हैं।

    अन्य तरीके (Other Ways)

    शिशुओं के आसपास के वातावरण को नियंत्रित करके मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) को भी सीमित किया जा सकता है। इसके लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

    • लाइट्स को डिम कर दें (Dimming the lights)
    • तेज शोर को कम करें (Limiting loud noises)
    • जब शिशु सो रहा हो तो व्हाइट नॉइज़ मशीन का इस्तेमाल करें (Using a white noise machine)
    • शिशु को फीड या उसकी देखभाल करते हुए अचानक मूवमेंट करने से बचें (Avoiding sudden movements)
    • शिशु की पोजीशन या लोकेशन को बदलते हुए धीरे मूव करें (Moving slowly)

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    यह तो थी मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) या स्टार्टल रिफ्लेक्स (Startle Reflex) के बारे में जानकारी। यह तो आप जान ही गए होंगे कि यह वो इन्वॉलन्टरी रिफ्लेक्स है, जो आप अपने शिशु में उसके जन्म से बाद से उसके दो महीने या अधिक के हो जाने तक महसूस करते हैं। हालांकि, यह रिफ्लेक्सेस (Reflexes) कुछ महीनों के बाद खुद ही ठीक हो जाते हैं। कई बार बच्चे इसे रात को सोते हुए भी अनुभव कर सकते हैं। इसके अधिकांश मामलों में आपको चिंता करने की जरूरत नहीं होती है, न ही मेडिकल हेल्प (Medical help) की जरूरत होती है।

    अगर पांच से छह महीनों के बाद भी शिशु में यह रिफ्लेक्सेस (Reflexes) जारी रहती हैं, तो डॉक्टर से बात जरूर करें। क्योंकि, यह डेवलपमेंट डिले (Development delay) या अन्य समस्याओं का लक्षण हो सकता है। मोरो रिफ्लेक्स (Moro Reflex) के बारे में आपके मन में कोई भी सवाल हो तो इस बारे में डॉक्टर से अवश्य पूछें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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