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सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम (Sudden infant death syndrome) के होने को लेकर कोई अन्य थ्योरी है?
जबकि SIDS का कारण अज्ञात है, कई चिकित्सक और शोधकर्ता मानते हैं कि SIDS बच्चे की नींद से जगाने की क्षमता, ऑक्सीजन के निम्न स्तर या रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड के निर्माण में समस्याओं से जुड़ा है। जब बच्चे मुंह के बल सोते हैं, तो वे उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड को फिर से सांस ले सकते हैं। आम तौर पर, कार्बन डाइऑक्साइड का बढ़ता स्तर ब्रेनस्टेम में तंत्रिका कोशिकाओं को सक्रिय करता है, जो मस्तिष्क के श्वसन और उत्तेजना केंद्रों को उत्तेजित करता है। बच्चा तब उठता है, अपना सिर घुमाता है, और अधिक ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए तेजी से सांस लेता है। हालाँकि, SIDS के बच्चे उठने में विफल हो सकते हैं।
SIDS के लिए “ट्रिपल-रिस्क मॉडल” SIDS कैसे होता है को समझाता है।
मॉडल मानता है कि SIDS तब होता है जब तीन स्थितियां एक साथ मौजूद होती हैं:
- शिशु में एक अंतर्निहित (जैसे, ब्रेनस्टेम) असामान्यता जो उसे ब्लड में कम ऑक्सीजन या उच्च कार्बन डाइऑक्साइड स्तर पर प्रतिक्रिया करने में असमर्थ बनाती है।
- शिशु का एक ट्रिगर करने वाली घटना के संपर्क आना जैसे कि उसका पेट के बल नीचे सोना
- ये घटनाएं शिशु के विकास के एक संवेदनशील चरण के दौरान होती हैं, यानी जीवन के पहले छह महीने
सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम (Sudden infant death syndrome) का कोई इलाज मौजूद नहीं है। बस आप सोते वक्त बच्चे की सुरक्षा का ध्यान रखकर उसे इस सिंड्रोम से बचाने में मदद कर सकती हैं। इस सिंड्रोम को डायग्नोस करने का भी कोई तरीका नहीं है। इसलिए बच्चे की सुरक्षा का ध्यान रखें।
उम्मीद करते हैं कि आपको सडन इंफेंट डेथ सिंड्रोम (Sudden infant death syndrome) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।