क्लस्टर फीडिंग (Cluster feeding) को कैसे करें मैनेज?
क्लस्टर फीडिंग (Cluster feeding) को मैनेज करने के लिए मां को हमेशा पानी पीने के साथी हेल्दी स्नैक्स खाने चाहिए। स्तनपान कराते समय आपको पॉजिशन भी बदलनी चाहिए, ताकि आपको समस्या महसूस न हो। अगर आपको उस समय का इस्तेमाल भी करना है, तो आप आराम से फ्लोर में बैठकर ऐसे समय में बुक रीडिंग (Book reading) भी कर सकते हैं। अगर आपको पता है कि बच्चे को कब बार-बार भूख लगेगी, तो आपको पहले से ही ऐसे समय के लिए तैयार हो जाना चाहिए। आप चाहे तो फीडिंग कराने के दौरान अपने पार्टनर से फोन में बात भी कर सकती हैं।
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अगर बच्चा भूख लगने पर बहुत परेशान करता है, तो आपको कुछ ट्रिक्स अपनाने की जरूर है। आपको बच्चे को कुछ गुनगुनाने की जरूरत है या फिर आप ऐसे समय के लिए पहले से ही दूध तैयार कर सकती हैं। आप चाहे तो ब्रेस्टमिल्क पंप का इस्तेमाल कर सकती हैं, ताकि बच्चा आपको परेशान न करें। आपको इन सब बातों का ध्यान रखने के साथ ही बेबी को समय-समय पर चेकअप कराने की भी जरूरत है। डॉक्टर बच्चे का वेट यानी वजन चेक करके ये जानने की कोशिश करते हैं कि बच्चा सही से फीड कर रहा है या फिर नहीं। अगर बच्चे का वजन ठीक है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्लस्टर फीडिंग (Cluster feeding) को आप समस्या न मानकर नवजात बच्चे का बिहेवियर मान सकती हैं, जो कुछ दिनों बाद नॉर्मल हो जाता है। अगर आपको ठीक तरह से दूध नहीं बन रहा हो, तो आप इस संबंध में डॉक्टर को बता सकती हैं। डॉक्टर मिल्क सप्लाई ठीक से न होने पर कुछ सप्लिमेंट्स लेने की सलाह दे सकते हैं।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको क्लस्टर फीडिंग (Cluster feeding) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।