backup og meta

ऑटिज्म प्रभावित बच्चों को भविष्य में होती है सेक्स संबंधी समस्याएं

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Suniti Tripathy द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/06/2021

    ऑटिज्म प्रभावित बच्चों को भविष्य में होती है सेक्स संबंधी समस्याएं

    ऑटिज्म (Autism) का सेक्शुअल लाइफ से गहरा संबंध है। आमतौर पर बच्चे सेक्स (Sex) से जुड़ी बातों के बारे में आसपास के लोगों, दोस्तों और मीडिया से जानते हैं। सेक्स को रिश्ता बनाने का या फिर प्यार जताने के तरीके के तौर पर भी देखा जाता है। ये बात सामान्य बच्चे बड़े होने पर समझ सकते हैं और जल्द ही अपने आप को इस हिसाब से ढाल भी लेते हैं, लेकिन ऑटिस्टिक बच्चों के लिए ये समझ पाना बहुत मुश्किल काम है। एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार 100 में से 1 व्यक्ति में ऑटिज्म का शिकार होता है और यह समस्या महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज्यादा देखी जाती है। इसलिए आज इस आर्टिकल में ऑटिज्म और सेक्स (Autism and sex) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करेंगे। 

    और पढ़ें : जानिए ऑटिज्म से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

    ऑटिज्म (Autism) क्या है?

    ऑटिज्म और सेक्स (Autism and sex) के तालमेल को समझने के लिए सबसे पहले ऑटिज्म के बारे में जानना जरूरी है। दरअसल जब नवजात का जन्म होता है, तो उस दौरान ऑटिज्म की जानकारी नहीं मिल पाती है या माता-पिता समझ नहीं पाते हैं कि उनका बच्चा ऑटिज्म का शिकार है। इसकी जानकारी उन्हें धीरे-धीरे मिलती हैं या समझना में वक्त लगता है। जब बच्चा थोड़ा बड़ा हो जाता है और वह ठीक से बोल नहीं पाता है या किसी बात पर रिएक्शन में देरी करता है, तो इसकी जानकारी मिल पाती है। चलिए अब समझने की कोशिश करते हैं ऑटिज्म और सेक्स (Autism and sex) से जुड़ी जानकरियों के बारे में।

    ऑटिज्म और सेक्स लाइफ (Autism and sex life)

    ऐसे बच्चों के लिए एक उम्र के बाद सेक्स और सेक्शुएलिटी केवल एक शारीरिक जरूरत के तौर पर दिखने लगती है। सही तरह से बच्चे को सेक्स से जुड़ी सामाजिक बातें न समझा पाने की स्थिति में कई परेशानियां हो सकती है। जैसे कि हार्मोनल अर्ज की वजह से किसी से गलत व्यवहार करना, बहुत बार हस्तमैथुन (Masturbate) करना, बिना कपड़ों के घूमना, अपनी सेक्शुअल डिजायर को सही तरह से न बता पाना या फिर हस्तमैथुन न कर पाने पर बहुत ज्यादा चिड़चिड़ा होना। कई बार आक्रोश में आकर सेक्शुअल तनाव के चलते ऑटिस्टिक पुरुष और महिलाएं आक्रामक व्यवहार भी कर सकते हैं। 

    ऑटिस्टिक लोगों को सेक्स में क्या समस्याएं आ सकती हैं?

    ऑटिस्टिक लोगों में सेक्शुअल एक्टीविटी के दौरान निम्नलिखित परेशानियां आ सकती हैं। जैसे:

    • अपनी इच्छा जाहिर करने में परेशानी होना। 
    • उस स्थिति में ध्यान केंद्रित न कर पाना। 
    • अजीब तरह के संकोच का एहसास होना। 
    • सामने वाले को समझने में परेशानी होना। 
    • डर लगना और अजीब व्यव्हार करना। 

    और पढ़ें : पेरेंट्स कैसे करें ऑटिस्टिक बच्चे की देखभाल?

    ऑटिज्म और सेक्स: शुरुआत से ही समझाएं 

    ऑटिस्टिक होने का अर्थ यह नहीं है कि आपका बच्चा सेक्शुअल असक्रिय है। एक उम्र में आने के बाद उसे भी सेक्शुअल सैटिस्फैक्शन की आवश्यकता पड़ेगी। इसलिए कोशिश करें कि शुरू से ही उसे सही ढंग से इसके बारे में जानकारी दें। इसके लिए आप किताबें, वीडियोज या फिर ऑटिस्टिक सोसायटी के सदस्यों की सहायता ले सकते हैं। जैसे आप उसे पेशाब करने, खाने-पीने और बाकी सभी चीजों के बारे में बताते हैं ठीक उसी तरह इसके बारे में भी अपने बच्चे से बात करें। 

    ऑटिज्म और सेक्स (Autism and sex)

    और पढ़ें : बच्चों को सेक्स एजुकेशन कब और कैसे दें?

    ऑटिज्म और सेक्स: समाज में सेक्स से जुड़े कुछ आम नियमों के बारें में जरूर समझाएं

    आपका बच्चा कोई भी सामाजिक बात अपने आप समझने में असक्षम है इसलिए जैसे आप उसे ट्रैफिक सिग्नल, अपराध आदि संबंधित नियम समझाएंगे ठीक उसी तरह उसे सामाजिक सेक्शुअल व्यवहार के विषय में भी जरूर बताएं। आपका बच्चा सबसे आसानी से जिस माध्यम से समझता हो उसे इस्तेमाल करके उसे सारी बाते समझाएं। जैसे कि :

    इन सभी सवालों के जवाब अगर आप अपने ऑटिस्टिक बच्चे को समझा पाते हैं तो उसकी सेक्सुअल लाइफ (Sexual life) में परेशानी नहीं आएगी। साथ ही वह समय आने पर संबंध स्थापित करने में भी सक्षम होगा। 

    और पढ़ें : पुरुष हस्तमैथुन: क्या मास्टरबेशन करने से घटता है स्पर्म काउंट?

    ऑटिस्टिक बच्चों में हस्तमैथुन (Masturbation) से जुड़ी समस्याएं 

    ये बच्चे जिद्दी और मगरूर होते हैं, इनसे इनकी इच्छा के के बिना कुछ भी करवा पाना लगभग नामुमकिन है। बढ़ती सेक्शुअल डिजायर को शांत रखने के लिए हस्तमैथुन (Masturbation) जरूरी है। इसलिए अपने बच्चे से इस बारे में खुलकर बात करें। क्योंकि आपका बच्चा सामान्य नहीं है और सामाजिक प्रतिबंधों को नहीं समझता इसलिए वह आपकी बताई हर बात को किसी नियम की तरह ही मानेगा। कोशिश करें की उसे प्यार से समझाएं और उन्हें ऑटिज्म और सेक्स (Autism and sex) दोनों की जानकारी दें। आप इसके लिए डॉक्टर की भी मदद ले सकते हैं।

    ये नियम इन बातों को ध्यान में रखकर बताएं :

    • हस्तमैथुन दिन भर में कितनी बार करना सही है जिससे स्वास्थ्य में हानि न हो।
    • आप कहां पर अपनी सेक्शुएलिटी जाहिर कर सकते हैं इसके बारे में साफ तौर से बताएं। अगर आप उसे बाथरूम बताते हैं तो संभव है की बच्चा उसे हर जगह का बाथरूम समझे। इसलिए उसे सही से बताए कि सिर्फ अपने घर का बाथरूम हो।
    • इसके अलावा बच्चे को समझाएं कि हस्तमैथुन में कोई भी  परेशानी आने पर वह किसी बाहर वाले से बात न करे सीधे आकर आपको ही बताए। 

    इसके साथ ही सेक्स के लिए दो लोगों के बीच आपसी समझ के बारे में भी उसे समझाएं जिससे आगे जाकर उससे कोई गलती न हो। 

    रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार ऑटिज्म की सिर्फ पहचान होने से तकलीफों का हल नहीं मिलता है। हालांकि जानकारी मिलने से कुछ मामलों में इस डिसॉर्डर की समस्या से पीड़ित लोगों को समझना और उन्हें समझाना आसान हो सकता है, लेकिन तभी जब आपको कुछ मदद मिले या फिर आपको अच्छे ढंग से समझा जाए। बेहतर होगा इससे भागे नहीं और इस स्थिति को स्वीकार करें। बदलते वक्त में इससे लोगों के स्वभाव में भी बदलाव आया है और बीमारी या डिसऑर्डर्स से जुड़ी अवेयरनेस भी बढ़ी है, जो सबसे ज्यादा सहायक मानी जाती है, जिससे ऑटिज्म और सेक्स (Autism and sex) लाइफ को भी बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।

    इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए ऑटिस्टिक सोसाइटी या फिर डॉक्टर की सलाह लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    Dr Sharayu Maknikar


    Suniti Tripathy द्वारा लिखित · अपडेटेड 26/06/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement