सेक्स के इस रूप में पेनेट्रेशन नहीं होता। इसमें आप अपने साथी के सामने हस्तमैथुन करते है या हस्तमैथुन करने में उनकी मदद करते है। यह यौन गतिविधि का सबसे सुरक्षित रूप है क्योंकि इसमें एसटीडी, गर्भावस्था या संक्रमण का जोखिम न के बराबर है। हालांकि यह डिबेट का विषय है कि हस्तमैथुन करना लाभदायक है या हानिकारक। हालांकि इसे अधिक बार ना किया जाए तो इसके कई फायदे बताए गए हैं। जिसमें तनाव दूर करना, संतुष्टि दिलाना, सेक्शुअल परफॉर्मेंस में सुधार करना आदि शामिल हैं। इसके साथ ही ज्यादा हस्तमैथुन का प्रभाव पुरुषों के स्पर्म पर पड़ता है।
प्राकृतिक और अप्राकृतिक सेक्स में अंतर जानने के लिए अब जान लेते हैं अप्राकृतिक सेक्स (Unnatural Sex) के बारे में।
समलैंगिक यौन संबंध, जानवरों के साथ या सेक्स टॉयज का उपयोग से की जानेवाली की गयी यौन क्रिया को अप्राकृतिक सेक्स की श्रेणी में रखा जाता है। कई प्रकार कुत्ते, गाय, भैंस आदि जानवरों के साथ लोगों के इस प्रकार के सेक्स करने को लेकर खबरें आती हैं। लोग इस विषय पर कोई बात नहीं करना चाहते, इसलिए यह अपराध को भी जन्म देता है। समलैंगिक संबंधों में एचआईवी के संक्रमण का खतरा सामान्य कपल्स की तुलना में 28 गुना ज्यादा होता है। एनल सेक्स भी अप्राकृतिक माना जाता है। इसकी वजह से हेपेटायटिस और एचआईवी जैसे यौन रोग हो सकते हैं। इसके साथ ही यह पार्टनर की इंजरी का कारण भी बन सकता है। ।
दरअसल, अप्राकृतिक सेक्स मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दोनों रूप से आपको प्रभावित करता है और जब यह एक आदत बन जाती है तो और भी गंभीर समस्या बन सकती है। अगर आप अपने किसी खास को इस प्रकार के सेक्स एडिक्शन से घिरा हुआ पाएं तो इससे निकलने में उसकी मदद करें। साथ ही उसे डॉक्टर की हेल्प लेने के लिए कहें।
होमोसेक्शुअल यानी समलैंगिकता को ‘अप्राकृतिक’ माना जाता है। क्योंकि यह हमारे सिद्धांत जिसमें लड़का लड़की ही कपल होते हैं के खिलाफ होते हैं। हालांकि अब दूसरे देशों की तरह भारत में भी इस प्रकार के रिश्तों को स्वीकृति मिल गई है। कुछ विशेषज्ञ एनल और ओरल सेक्स को भी अप्राकृतिक मानते हैं।