इसी तरह से होमोफोबिया की अन्य के कैटेगरीज भी होती हैं जैसे-
पोलिटिकल होमोफोबिया
सोशियोकल्चर होमोफोबिया
बॉयोलॉजिकल होमोफोबिया
होमोफोबिया से पीड़ित लोगों के लक्षण क्या हो सकते हैं? (Symptoms of homophobic)
इससे पीड़ित लोगों के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-
- हमेशा तर्क भाव रखना और बात-बात में बेवजह बहस करना
- किसी बात को लेकर डरा हुआ महसूस करना
- हमेशा ही अत्यधिक तनाव में रहना
- बिना कारण पसीना आना या फिर किसी बात को सोचने पर पसीना आना
- ऐसे लोग सच्चाई को एक्सेप्ट नहीं कर पाते हैं
- डायरिया की समस्या होना
- छोटी-छोटी बातों पर पैनिक होना
- ब्लड प्रेशर का बढ़ना या कम होना
- बात-बात पर आक्रामक होना (गुस्सा होना)
- ज्यादा घुटन महसूस होना
- किसी घटना के घटने से पहले चिंतित होना या आशंकित रहना
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होमोफोबिया (homophobia) से पीड़ित व्यक्ति को क्या समझना है जरूरी?
होमोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति समलैंगिक रिश्तों को ही नहीं समझते हैं। समलैंगिक रिश्ते का अर्थ है दो लड़के या दो लड़की एक-दूसरे को ही अपने जीवन साथी के तौर पर चुनें और उनके साथ ही शादी करने का फैसला भी लें। जो लोग समलैंगिक रिश्तों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, तो हो सकता है कि उन्हें यह सुनकर हैरानी भी हो लेकिन, यह सच है।
अब पुरुष, पुरुष से प्यार कर सकता है और एक साथ पति-पत्नी की तरह रह सकता है, तो वहीं एक महिला दूसरी महिला के सामने आपने प्यार का इजहार भी कर सकती है और शादी के बंधन में बंध सकती हैं और इन्हें अब एक होने के लिए कानून से भी मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि देखा जाए तो भले ही इस रिश्ते को पुरानी सोच वाले लोग आज भी विरोध की नजर से देखते हैं और अदालत के फैसले को सही नहीं मानते हैं, लेकिन अब लोगों को अपनी विचारधारा बदलने की जरूरत है। कई बार तो लोग यह भी सोच लेते हैं की ऐसे लोगों की फैमली आगे कैसे बढ़ेगी? यह ध्यान रखें की समलैंगिक रिश्ता पति-पत्नी के रिश्ते की तरह ही खास होता है। अगर आपको लगता है कि लेस्बियन कपल या गे कपल फैमिली प्लानिंग जैसे फैसले नहीं ले सकते हैं, तो आपका यह सोचना गलत साबित हो सकता है। क्योंकि ऐसे कई लोग हैं, जो बच्चे को एडॉप्ट कर लेते हैं या सरोगेसी की सहायता से अपनी फैमली को आगे बढ़ाते हैं।
इन सब के बीच होमोफोबिया से जुड़ी एक और बात की मुझे जानकारी मिली की हीमोफोबिया से पीड़ित व्यक्ति खून देखकर भी डर जाता है। अगर यह परेशानी बढ़ जाती है, तो व्यक्ति को लाल रंग से डर लगने लगता है। इससे डर कर नहीं बल्कि सही इलाज और देखभाल से आप अपने अंदर बैठे इस डर को दूर कर सकते हैं।
इन लक्षणों से साथ-साथ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए अपने आप में हो रहे बदलाव को समझने की कोशिश करना बेहद आवश्यक है। अगर आप होमोफोबिया से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और होमोफोबिया से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।