परिभाषा
फेशियल टिक चेहरे की मांसपेशियों में अनैच्छिक संकुचन है जिसपर आमतौर पर किसी इंसान का कंट्रोल नहीं रहता, उसी तरह जैसे छींक अपने आप निकल जाती है, चेहरे की मांसपेशियों में संकुचन अपने आप होने लगता है। फेशियल टिक डिसऑर्डर बच्चों और युवाओं में अधिक दिखाई दे सकता है। बच्चों में इस डिसऑर्डर के होने की संभावना 5% से 25% के बीच होती है। वहीं क्षणिक टिक डिसऑर्डर (Transient tic disorder ) कम से कम एक महीने के लिए या फिर एक वर्ष के लिए रह सकता है। इनमे से अधिकतर टिक मोटर टिक होते हैं या फिर वोकल टिक्स भी हो सकते हैं।यह आमतौर पर हमेशा एक ही जगह पर होता है। फेशियल टिक के बारे में विस्तार से जानिए इस लेख में।
फेशियल टिक (Facial tics) क्या है?
फेशियल टिक कोई गंभीर मेडिकल स्थिति नहीं है और यह आमतौर पर बच्चों में अधिक देखा जाता है, लेकिन बढ़ने के साथ ही कुछ महीनों में यह अपने आप चला भी जाता है। हालांकि ऐसा नहीं है बड़ी उम्र में यह समस्या नहीं होती है। फेशियल टिक (Facial tics) चेहरे की मांसपेशियों में होने वाला संकुचन है जो अपने आप होता है, आमतौर पर इसमें पलकें बार-बार झपकना या नाक रगड़ना शामिल है। इसे मिमिक स्पैसम भी कहते हैं। हालांकि फेशियल टिक का संकुचन अनैच्छिक होता है, लेकिन उसे अस्थायी रूप से दबाया जा सकता है। कई अन्य बीमारियों के कारण फेशियल टिक (Facial tics) हो सकता है। लड़कियों (Female) की तुलना में यह लड़कों (Male) में कॉमन है।
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लक्षण
फेशियल टिक के लक्षण (Symptoms of Facial tics)
फेशियल टिक के लक्षणों में शामिल हैः
टिक में मांसपेशियों (Muscles) का अनियंत्रित संकुचन होता है
- तेजी से पलके झपकाना
- स्क्विंटिंग (तिरछा देखना)
- नथुने फड़कना
- क्लिकिंग टंग (जीभ से चटखारे लेना)
- दांत (Teeth) चूसने
- भौंहे ऊपर करना
- मुंह का खोलना और बंद होना
- नाक (Nose) रगड़ना
- मुंह (Mouth) हिलाना
इसके अलावा कुछ लोगों को वोकल टिक्स या बार-बार गला साफ करने जैसी समस्या हो सकती है। कोई व्यक्ति अस्थायी रूप से टिक को दबा सकता है, लेकिन यह आखिरकार बाहर आ ही जाता है।
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कारण
फेशियल टिक के कारण (Cause of Facial tics)
फेशियल टिक के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि तनाव (Tension) से स्थिति और खराब हो सकती हैं। वैसे फेशियल टिक की समस्या (Facial tics problem) बच्चों में ज्यादा होती है, लेकिन व्यस्कों को भी यह हो सकता है। शॉर्ट लिव्ड टिक्स (ट्रांसिएंट टिक डिसऑर्डर) बच्चों में आम है। क्रॉनिक मोटर टिक डिसऑर्डर (Chronic motor Facial tics) भी होता है जो कुछ सालों तक रहता है और यह शॉर्ट लिव्ट डिक्स के मुकाबले कम होता है। इसके अलावा कुछ अन्य कारण भी हैं जो फेशियल टिक (Facial tics) के जोखिम को बढ़ा देते हैं। इसमें शामिल हैः
- तनाव (Tension)
- गर्मी के कारण समस्या
- अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD)
- उत्तेजक दवाएं
- ओबेसिव कम्पलसिव डिसऑर्डर (OCD)
- एक्साइटमेंट
- थकान के कारण
प्रकार
फेशियल टिक के प्रकार (Types of Facial tics)
अलग-अलग तरह की बीमारियों के कारण फेशियल टिक (Facial tics) हो सका है। टिक की गंभीरता और अन्य लक्षणों की उपस्थिति के आधार पर डॉक्टर इसके अंतर्निहित कारणों का पता लगता है। फेशियल टिक कई तरह के होते हैः
1. ट्रांसिएंट टिक डिसऑर्डर (Transient tics disorder)
ट्रांसिएंट टिक क्षणिक होते हैं। ट्रांसिएंट टिक डिसऑर्डर (Transient tics disorder) के कारण नियमित रूप से फेशियल या वोकल टिक की समस्या होती है, लेकिन यह आमतौर पर एक साल के अंदर खत्म हो जाता है। यह टिक आमतौर पर तभी होता है जब व्यक्ति जगा हो, नींद (Sleep) में टिक नहीं होता। बच्चों में मुख्य रूप से यही टिक होता है और बिना किसी इलाज के कुछ समय बाद यह अपने आप ठीक हो जाता है।
2. क्रॉनिक मोटर टिक डिसऑर्डर (Chronic motor tics disorder)
क्रॉनिक मोटर टिक डिसऑर्डर लंबे समय से बना रहने वाला डिसऑर्डर है। ट्रांसिएंट टिक डिसऑर्डर के विपरित क्रॉनिक मोटर टिक नींद में भी आता है। यह बच्चों और व्यस्कों दोनों में होता है। थोड़े बड़े बच्चों में क्रॉनिक मोटर टिक डिसऑर्डर (Chronic motor tics disorder) के लक्षण दिखने पर उपचार की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि समय के साथ धीरे-धीरे यह कम या पूरी तरह से खत्म हो जाता है। हालांकि व्यस्कों को इसे कंट्रोल करने के लिए कुछ दवाओं और अन्य उपचार की जरूरत होती है।
3. टॉरेट सिंड्रोम (Tourette syndrome)
जिसे टॉरेट डिसऑर्डर भी कहा जाता है। आमतौर पर बचपन में ही शुरू हो जाता है। औसतन यह 7 साल की उम्र में होता है। इस डिसऑर्डर से पीड़ित बच्चों के मुंह, सिर और बांह की मांसपेशियों में अनैच्छिक संकुचन होता है। जैसे-जैसे यह डिसऑर्डर बढ़ता है इसका प्रभाव शरीर के दूसरे हिस्से में भी दिखने लगता है। हालांकि, बड़े होने पर यह टिक ज्यादा गंभीर नहीं रह जाता
टॉरेंट सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति में मोटर और वर्बल दोनों टिक होता है और वह अनैच्छिक रूप से आवाज निकालता है या कोई शब्द बोलता है। जबकि टॉरेंट सिंड्रोम (Tourette syndrome) वाले कुछ लोगों थोड़ी मात्रा में मोटर टिक्स जैसे तेल पलकें झपकाना, गला साफ करने जैसा संकुचन दिखता है। इसके अलावा उनमें अन्य मोटर टिक्स भी होते हैः
- एक या दोनों कंधों को सिकोड़ना
- लगातार सिर हिलाना
- बाहों को फड़फड़ाना
- अनुचित शब्द बोलना
- अनुचित इशारे करना
- चिल्लाना
आमतौर पर बिवेहिरियल थेरेपी की मदद से टॉरेट सिंड्रोम को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन किसी व्यक्ति में यदि टिक का कारण कोई अन्य अंतर्निहित बीमारी है तो उसके लिए दवा की जरूरत होगी।
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निदान
फेशियल टिक का निदान (Diagnosis of Facial tics)
डॉक्टर मरीज से उसके लक्षणों के बारे में चर्चा करके फेशियल टिक का निदान करता है। इसके अलावा मरीज की साइकोलॉजिकल स्थिति जानने के लिए वह उसे मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल के पास जाने की भी सलाह दे सकता है। फेशियल टिक (Facial tics) के शारीरिक कारणों को नियंत्रित करना जरूरी है। डॉक्टर आपसे अन्य लक्षणों के बारे में भी पूछता है ताकि वह निश्चित कर सके कि आपको आगे टेस्ट की जरूरत है या नहीं। ब्रेन (Brain) में होने वाली इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को मापने के लिए डॉक्टर EEG टेस्ट की भी सलाह दे सकता है। मसल्स और नर्व से जुड़ी समस्या का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG) किया जाता है।
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उपचार
फेशियल टिक का उपचार (Treatment for Facial tics)
फेशियल टिक के ज्यादातर मामलों में उपचार की जरूरत नहीं होती है। यदि आपके बच्चे में फेशियल टिक (Facial tics) विकसित होता है तो उस पर बहुत ध्यान न दें और न ही अनैच्छिक मसल्स मूवमेंट (Muscles movement) और अजीब आवाज निकालने के लिए उसे डांटे। टिक क्या है यह समझने में बच्चे की मदद करें, ताकि वह अपने दोस्तों और क्लासमेट्स को इस बारे में बता सके। उपचार से टिक को पूरी तरह से खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे काफी हद तक नियंत्रिक किया जा सकता है। उपचार के तरीकों में शामिल हैः
- बिहेविरियल थेरेपी (Behavioral therapy), कॉम्प्रिहेन्सिव बिहेविरियल इंटरवेंशन फॉर टिक
- डोपेमाइन ब्लॉकर मेडिकेशन
- स्ट्रेस रिडक्शन प्रोग्राम (Stress reduction program)
- साइकोथेरेपिस्ट (Psychotherapist)
- एंटीसाइकोटिक दवाएं जैसे हेलोपरिडोल (हल्डोल), रिसपेरीडोन (रिस्परडल), एरीप्रिप्राजोल (एबिलाफी)
- एंटीकॉन्वल्सेंट टोपिरामेट (टोपामैक्स)
कुछ स्टडी में ये बात सामने आई है कि डीप ब्रेन स्टिमुलेशन टॉरेट सिंड्रोम के ट्रीटमेंट में मदद कर सकते हैं। डीप ब्रेन स्टिमुलेशन एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसमे ब्रेन में इलेक्ट्रोड लगाया जाता है। इलेक्ट्रोड की सहायता से ब्रेन से इलेक्ट्रिकल इंपल्सेस भेजी जाती हैं। इस तरह से ट्रीटमेंट के माध्यम से टॉरेट सिंड्रोम (Tourette syndrome) के लक्षणों से राहत मिल सकती है।
टॉरेट सिंड्रोम (Tourette syndrome) होने पर मस्तिष्क के किस के किस एरिया को स्टिमुलेट करने से ज्यादा ज्यादा इम्प्रूवमेंट हो सकती है, इस बारे में अभी भी रिसर्च की आवश्यकता है। कैनबिस बेस्ड मेडिकेशन ( Cannabis-based medications) का उपयोग भी फेशियल टिक के लक्षणों से राहत दिलाने का काम करता है। कैनबिस बेस्ड मेडिकेशन बच्चों,प्रेग्नेंट महिलाओं या फिर ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को नहीं देना चाहिए।
उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको फेशियल टिक से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अगर आपके बच्चे के फेस में आपको किसी तरह का परिवर्तन नजर आए या फिर बच्चा अलग तरह से बिहेव करें तो डॉक्टर से जांच जरूर कराएं।
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