परिचय
ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला (Tracheoesophageal Fistula) क्या है?
ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला (Tracheoesophageal Fistula) एक शारीरिक विकृत है जो किसी भी बच्चे में जन्मजात हो सकता है। इसके कारण भोजन नली का पूरा विकस नहीं होता है। यह भोजन नली और विंडपाइप के बीच के जुड़ाव को प्रभावित करता है। इसकी समस्या होने पर भोजन नली और सांस नली एक दूसरे से जुड़ी नहीं होती है। सांस नली एक ट्यूब होती है, जो गले से स्वर नली से फेफड़ों तक जुड़ी हुई होती है।
ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला को TE फिस्टपला या TEF (Tracheoesophageal Fistula) भी कहा जाता है।
TE फिस्टुला एक जन्म दोष है, जो मां के गर्भ से होती है।
जब एक TE फिस्टुला की समस्या से परेशान बच्चा खाना निगलता है, तो भोजन भोजन नली की बजाय फेफडों से गुजरता है। इससे निमोनिया (Pneumonia) और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
TEF के तीन मुख्य प्रकार हैं। ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला 85 से 90 प्रतिशत मामलों में, अन्नप्रणाली के शीर्ष भाग एक थैली में बंद होता है और निचला भाग श्वासनली में मिलता है। दूसरे प्रकार में, अन्नप्रणाली का ऊपरी हिस्सा सीधे सांस की नली से जुड़ा होता है, जबकि निचला हिस्सा एक थैली में बंद हो जाता है। एक दुर्लभ प्रकार के फिस्टुला को एच प्रकार कहा जाता है। इसमें भोजन नली और सांस नली का पूर्ण विकास होता है, लेकिन वे एक छोटे मार्ग से जुड़े होते हैं।
कितना सामान्य है ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला (Tracheoesophageal Fistula)?
ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला की समस्या हर 3,000 जीवित जन्में बच्चे में से किसी एक में होती है। यह लड़कियों की तुलना में लड़कों में अधिक अधिक देखी जाती है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि मां की उम्र जितनी अधिक होती है, शिशु में इसके होने का खतरा उतना अधिक बढ़ जाता है। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
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लक्षण
ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Tracheoesophageal Fistula)
ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला (Tracheoesophageal Fistula) के सामान्य लक्षणों में शामिल हैंः
- मुंह में झागदार, सफेद बुलबुले होना
- खाते समय खांसना या घुटन होना
- उल्टी करना
- त्वचा का नीला रंग, खासकर जब बच्चा खाना खा रहा हो
- सांस लेने मे तकलीफ
- बहुत गोल, फूला हुआ पेट
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें। दरअसल इन लक्षणों को इग्नोर करने से शारीरिक परेशानी बढ़ सकती है। किसी भी बीमारी का इलाज शुरुआती स्टेज से शुरू हो जाए, तो बीमारी से जल्द राहत मिलने के साथ-साथ भविष्य में होने वाली वाली परिशानियों से भी बचा जा सकता है।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।
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कारण
ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला के क्या कारण हैं? (Cause of Tracheoesophageal Fistula)
बच्चा जन्म से पहले मां के गर्भ में भ्रूण के तौर पर विकास करता है। इस दौरान भ्रूण के विभिन्न अंगों का विकास होता है। इस दौरान श्वासनली और अन्नप्रणाली एक सिंगल ट्यूब के रूप में विकसित होती है। गर्भधारण करने के लगभग चार से आठ सप्ताह बाद, भ्रूण के भोजन नली और सांस नली के बीच एक दीवार बन जाती है, जो उन्हें अलग-अलग नलियों में विभाजित कर देती है। अगर यह दीवार ठीक से नहीं बनती है, तो ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला Tracheoesophageal Fistula) की समस्या हो सकती है।
जोखिम
कौन सी स्थितियां ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला (Tracheoesophageal Fistula) के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?
निम्न स्थतियां इसके जोखिमों को बढ़ा सकती हैंः
- ट्राइसॉमी 13, 18 या 21
- अन्य पाचन तंत्र की समस्याएं, जैसे डायाफ्रामिक हर्निया, डुओडेनल अट्रेसिया या गुदा में छेद
- दिल की समस्याएं, जैसे दिल में छेद होना
- किडनी या मूत्र पथ की समस्याएं
- मांसपेशियों या हड्डी की समस्याएं
इसके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला का निदान कैसे किया जाता है? (Diagnosis of Tracheoesophageal Fistula)
इसका निदान करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर यह सुनिश्चित करते हैं कि अन्नप्रणाली बाधित है या नहीं। इसके लिए वे पेट में नासोगौस्ट्रिक सक्शन ट्यूब डालकर इसकी पुष्टि करते हैं। इसके लिए रेडियोपैक कैथेटर का उपयोग किया जाता है जो चित्रों के जरिए अन्नप्रणाली की स्थिति एक डिवाइस पर दिखाती है। इसके लिए एक्स-रे (X-Ray) भी किया जा सकता है यै एंडोस्कोपी (Endoscopy) भी की जा सकती है।
ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला का इलाज कैसे होता है? (Treatment for Tracheoesophageal Fistula)
जिन बच्चों में इसके दुलर्भ प्रकार H टाइप फिस्टुला की समस्या होती है, उन बच्चों की सर्जरी करनी जरूरी होती है। हालांकि, सर्जरी बच्चे के जन्म के तुरंत बाद नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसके लक्षण जन्म के बाद धीरे-धीरे दिखाई दे सकते हैं। सर्जरी करने से पहले कई तरह से बच्चे का ख्याल रखना जरूरी होता है, जिसमें शामिल हैं:
- एक सक्शन कैथेटर का उपयोग करके बलगम और लार को निकालने के लिए किया जा सकता है जिसे बच्चे को सांस लेने में आसानी होती है
- जरूरत पड़ने पर फीडिंग कराने के लिए एक गेस्ट्रोक्टॉमी ट्यूब (Gastrectomy) का इस्तेमाल किया जा सकता है
- सीधे मुंह से फीडिंग कराने पर रोक, अन्य विधियों से बच्चे की फीडिंग कराई जा सकती है
सर्जरी के दौरान, भोजन प्रणाली को फिर से बनाने के लिए, पहले इसे सांस नली से अलग किया जाता है फिर इसे दोबारा जोड़ा जाता है। अगर भोजन नली के दोनों छोर बहुत दूर तक अलग- अलग हैं, तो बड़ी आंत के टिशूज का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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घरेलू उपचार
जीवनशैली में हाेने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला Tracheoesophageal Fistula) को रोकने में मदद कर सकते हैं?
इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं।
इस आर्टिकल में हमने आपको ट्रैचियोइसोफैगल फिस्टुला से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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