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बच्चों में अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन से बचाव के लिए फ्लू वैक्सीन: जटिलताओं से कैसे बचाता है (Flu Vaccine for Children: How to Prevent Complications) ?
बच्चों के लिए फ्लू और कोविड वैक्सीन उनमें किस से जटिलताओं से बचाता है, यह भी जानना जरूरी है। चल रहे COVID19 संकट के साथ, अतिरिक्त इन्फ्लुएंजा संक्रमण महामारी को ‘ट्विनडेमिक’ स्थिति में बदल सकता है; तो ऐसे में जिन बच्चों को फ्लू शॉट्स वैक्सीनेशन वाले उन बच्चों में अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के रिस्क काफी कम देखने को मिलते हैं। टीकाकरण बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर में बचाव (Prevention in the third wave of Corona) की तरह काम कर सकता है। इसी के साथ ही, टीकाकरण द्वारा बच्चों में इन्फ्लुएंजा संक्रमण की रोकथाम के खतरे कम देखे गए हैं। बच्चों में फ्लू की वैक्सीन लेने से उनकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मददगार हैं। ऐसे में कोविड का संक्रमण (COVID Infection) उन वैक्सीनेटड बच्चे पर अपना खतरनाक प्रभाव नहीं दिखा पाएगा। यानि कि यदि किसी बच्चे का फ्लू का टीकाकरण हो गया है और वह कोविड के संक्रमण से प्रभावित हो गया है, तो उस दौरान वैक्सीनेटेड बच्चे (Vaccinated children)के लिए, बिना वैक्सीन वाले कोविड से प्रभावित बच्चे की तुलना में कम रिस्क (Risk) होंगे। वैक्सीन लिए हुए बच्चों में काेरोना के बुखार और खांसी जैसे लक्षण नजर आएंगे, लेकिन जान का जोखिम कम होगा। बच्चों के लिए फ्लू और कोरोना का वैक्सीन जरूरी है। वैक्सीन के अलावा डायट का भी विशेष ध्यान दें। जितनी हेल्दी डायट होगी, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी उतनी अच्छी होगी। आप उन्हें एंटी-ऑक्सिडेंट वाले फूड भी अधिक दें, ताकि शरीर में संक्रमण टिक न पाए।
बच्चों के लिए फ्लू और कोविड वैक्सीन (Flu and COVID Vaccine For Children) : क्या दोनों एक साथ ले सकते हैं?
बच्चों के लिए फ्लू और कोविड वैक्सीन दोनों ही एक साथ लेना सही है, क्या? यह सवाल अधिक पेरेंट्स के मन में है। पर यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि फ्लू का टीका औरकोविड वैक्सीन (COVID Vaccine) दोनों ही अलग हैं। इन दाेनों टीकों के बीच 4 सप्ताह का अंतराल बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि बच्चे को एंटीबॉडी (Antibodies in Children) विकसित करने और सभी प्रकार के वायरल के खिलाफ प्रतिरक्षा बनाने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। इन दोनों टीकों के बीच समय का अंतराल डाॅक्टर ही निर्धारित करेंगे। दोनों के बीच सही अंतर बहुत जरूरी है। टीकाकारण बच्चे को तीसरी लहर से बचाने में मदद कर सकता है। इन दोनों की टीकों का शरीर में अलग-अगल भूमिका है। बच्चों के लिए फ्लू और कोविड वैक्सीन दोनों ही जरूरी है।आप इन दोनों को एक समझने की गलती न करें। हां, बस जिन बच्चों में पहले से फ्लू का टीका लग चुका था, उनमें बस कोरोना के रिस्क (Corona’s Risk) कम देखे गए हैं। टीकाकरण (Vaccination) के बाद हो सकता है कि बच्चे में बुखार (Fever) जैसे लक्षण भी देखने को मिलें। लेकिन इससे आपको घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन हां, उस दौरान उसकी खास देखभाल की जरूरत है। ऐसे में उसका डायट और आराम करना दोनों की महत्वपूर्ण हैँ। वैक्सीनेशन (Vaccination) के बाद हो सकता है कि डॉक्टर कुछ दिन कुछ बातों में थोड़ा सा परहेज भी बोल दें। जिससे मानना बहुत जरूरी है। इसलिए जैसा आपको डॉक्टर, केयर की लिए सलाह दें, आप वही ही फॉलो करें। यदि आप उसे फॉलो कर रहे हैं, तो बच्चे में रिस्क (Risk in children) काफी कम होता है। बच्चों के लिए फ्लू और कोविड वैक्सीन दोनों ही उनके बचाव के रूप में सुरक्षा कवच की तौर पर काम करता है।
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इस महामारी के समय बच्चों में अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन काफी खतरनाक साबित हो सकती है। जैसा कि बच्चों के लिए फ्लू और कोविड वैक्सीन, दोनों ही बहुत जरूरी है। इसलिए उनका टीकाकरण समय रहते होना जरूरीर है। पैरेंट्स को इसकी तरफ जल्दी ध्यान देना चाहिए। इसके लिए डॉक्टर से मिलकर उसके वैक्सीनेशन की डेट लें। यदि आप बच्चे का टीका पहले ही लगवा चुके हैं, तो डाॅक्टर को उसके बारे में भी बता दें, ताकि वो समय दोनों के बीच के अंतराल को देखते हुए वैक्सीनेशन की डेट (Date of vaccination) दें। इसक अलावा बच्चों की डायट की भी विशेष ध्यान रखें कि ताकि उनकी इम्यूनिटी अच्छी बनी रहे। उनकी डायट में हरी सब्जियां, फल और नट्स आदि सभी पोषक तत्वों का ध्यान रखें। बच्चों में अपर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।