HPV वैक्सीन प्रभावित लोगों को अलग-अगल शॉट्स में दी जाती हैं। जैसे 15 -45 साल के लोगों को इसके तीन विभिन्न शॉट्स लगाए जाते हैं। दूसरा शॉट पहले के दो महीने बाद दिया जाता है और तीसरा दूसरे के चार महीने बाद दिया जाता है। इसलिए ,इन तीनों शॉट्स को लगाने में 6 महीने तक लग जाते हैं। 9 -14 साल के लोगों को केवल दो शॉट्स लगते हैं और दूसरा शॉट पहले के 6 महीने बाद लगता है।

किसे यह वैक्सीन लगवानी चाहिए (Who should get the HPV Vaccine)?
9 से 45 साल के लोग इस वैक्सीन को ले सकते हैं। ताकि, उनका जेनिटल वार्ट्स या विभिन्न तरह के HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) हो सके। जो कैंसर का कारण बनते हैं। यह भी सलाह दी जाती है कि बच्चों को 11 या 12 साल में ही वैक्सीन लगा लेनी चाहिए। ताकि वो सेक्शुअली एक्टिव होने से पहले पूरी तरह से सुरक्षित हों। लेकिन, उम्र के अलावा आपको डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए। ताकि, आप जान पाएं कि यह वैक्सीन आपके लिए किस तरह से लाभदायक है।
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क्या इसके साइड इफ़ेक्ट भी हैं (What are the HPV Vaccine Side Effects) ?
शोध के मुताबिक यह पूरी तरह से सुरक्षित है। इसका सबसे सामान्य साइड इफेक्ट है जब आप शॉट लेते हैं, तो अस्थायी दर्द और लालिमा होना। इससे जुड़ा सबसे बड़ा बहस का मुद्दा यह है कि यह सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (Sexually Transmitted Infections) से बचाता है। इससे कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि यह बच्चों के लिए सही नहीं है लेकिन यह बिलकुल गलत है। छोटी उम्र में ही इसे लगाना ही सही है, ताकि बच्चों को जीवन में किसी भी तरह के कैंसर की समस्या न हो। हालांकि वैक्सीन लगवाने के बाद भी आपको नियमित HPV टेस्ट कराने की जरूरत हो सकती है।
HPV वैक्सीन के बारे में कुछ तथ्य (Facts about HPV Vaccine)
HPV वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और यह काफी हद तक इस इंफेक्शन से हमें सुरक्षित रखने में भी प्रभावी है। लेकिन, फिर भी लोगों को इसके बारे में सही जानकारी नहीं है। पाएं जानकारी इससे जुड़े कुछ तथ्यों के बारे में:
- HPV वैक्सीन सभी ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human papillomavirus) से नहीं बचाती है, जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। इसलिए अगर आपने यह वैक्सीन लगवा ली ।है तब भी आपके लिए पैप (Pap) या HVP टेस्ट (HVP Test) कराना जरूरी है।
- अगर आपको पहले ही यह इंफेक्शन है तो यह वैक्सीन आपका उपचार नहीं कर सकती है। हालांकि यह आपको दूसरी तरह का ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human papillomavirus) होने से अवश्य सुरक्षित रख सकती है।
- आप इस वैक्सीन को किसी भी अस्पताल, नर्सिंग होम या मेडिकल सेंटर से लगवा सकते हैं। इसके लिए अपने डॉक्टर से पूछें और सही मार्गदर्शन प्राप्त करें।
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स्क्रीनिंग भी है जरूरी (Screening Is Important)
HPV सर्वाइकल कैंसर के अधिकतर मामलों का कारण बनता है। लेकिन, इसकी नियमित स्क्रीनिंग से इसका जल्दी निदान हो सकता है। HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) का यह भी एक अच्छा तरीका है। सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) की जांच 21 साल की उम्र से शुरू होती है, जिसे पैप स्मीयर (Pap Smear) कहा जाता है। यह टेस्ट सर्विक्स पर किसी भी असामान्य कोशिकाओं की पहचान करने में मदद करता है। नियमित जांच के साथ, असामान्य कोशिकाओं का जल्दी पता चल जाता है। जिससे कैंसर की ग्रोथ को रोकने का निदान और उपचार जल्दी हो पाता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार सेक्शुअली ट्रांसमिटेड ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Sexually Transmitted Human Papillomavirus) इंफेक्शंस जेनिटल वार्ट्स और सर्वाइकल कैंसर का कारण है। यह अन्य प्रकार के एंनोजेनिटल कैंसर (Anogenital Cancers) के विकास में भी एक योगदान कारक हैं। सेक्शुअल पार्टनर्स की अधिक संख्या के कारण भी HPV संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
HPV प्रिवेंशन के अन्य तरीके (Other Ways of HPV Prevention)
यह तो थे HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) के कुछ आसान तरीके जैसे वैक्सीनेशन और नियमित स्क्रीनिंग। इसके साथ ही आपको कुछ अन्य चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए। STD जैसे HPV से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप किसी भी व्यक्ति के सेक्शुअल कांटेक्ट में आने से बचे जैसे वजायनल (Vaginal), ओरल (Oral), एनल सेक्स (Anal Sex) आदि। लेकिन संभोग जीवन का एक अहम हिस्सा है। इसलिए अगर आप सेक्शुअली एक्टिव हैं तो इन इस समस्या को होने और फैलने के जोखिम को इस तरह से कम कर सकते हैं:
- वजाइनल (Vaginal), एनल (Anal) या ओरल सेक्स (Oral Sex) के लिए हर बार कंडोम (Condom) या डेंटल डैम (Dental Dam) का प्रयोग करें।
- सही समय पर वैक्सीनेशन कराएं।
- दूसरे व्यक्ति तक यह इंफेक्शन न फैले इसके लिए भी आपको सोचना चाहिए। जैसे अगर आपको पता है कि आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो इसके बारे में अपने पार्टनर को अवश्य बताएं। ताकि, वो तुरंत अपनी जांच और उपचार कराए। इससे वो भी इस रोग से बच सकते हैं।
- ध्यान रहे, आपके सेक्शुअल पार्टनर कम होने चाहिए। सेक्शुअल पार्टनर अधिक होने पर इस इंफेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है।
- छोटी उम्र से ही संभोग करना भी इस समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए, अपने बच्चों का सही मार्गदर्शन करें।
- नियमित रूप से सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शंस (Sextually Transmitted Infections) का टेस्ट कराएं ।

हेल्दी लाइफस्टाइल से मजबूत करें इम्यूनिटी
हालांकि, किसी खास डायट से HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) संभव नहीं है। यही नहीं इससे कैंसर से जुड़े HPV से भी बचाव नहीं हो सकता। लेकिन, यह साबित हो चुका है कि हेल्दी, प्लांट बेस्ड डायट जिनमें पर्याप्त विटामिन या मिनरल होते हैं वो इम्यून सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं और कुछ कैंसर के विकास को रोक सकते हैं। इसलिए हेल्दी डायट को फॉलो करें जिनमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि शामिल हैं। इसके साथ ही नियमित व्यायाम करें, तनाव से दूर रहें, स्मोकिंग से बचे और शराब की मात्रा सीमित कर दें। हेल्दी इम्यून सिस्टम (Healthy Immune System) इंफेक्शन से लड़ने में आपको मदद कर सकता है।
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HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) का सबसे अच्छा तरीका है सेक्शुअल एक्टिविटीज शुरू करने से पहले वैक्सीन का प्रयोग करना। इसके साथ ही इससे बचने के लिए सही मार्गदर्शन के लिए आप डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। लेकिन, अगर आपको इससे संबंधित कोई भी लक्षण नजर आता है, तो देर न करें और तुरंत मेडिकल हेल्प लेकर इस समस्या का उपचार कराएं। अपने बच्चों को भी इस रोग के बारे में जागरूक करें और उन्हें भी HPV प्रिवेंशन (HPV Prevention) के तरीकों के बारे में समझाएं ताकि वो पूरी उम्र इस समस्या से बच सकें।